ग्राउंड रिपोर्ट के डेली मॉर्निंग में 25 अक्टूबर को विविध अखबारों में प्रकाशित हुई पर्यावरणीय खबरों पर चर्चा। हमारे पॉडकास्ट ‘पर्यावरण आज’ के 48 वे एपिसोड के होस्ट हैं शिशिर अग्रवाल और इसे प्रड्यूस किया है हिमांशु नरवरे ने।
हेडलाइंस (मुख्य ख़बरें)
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना की धीमी प्रगति: योजना शुरू हुए लगभग 20 महीने हो चुके हैं, लेकिन 30 गीगावाट इंस्टॉल्ड कैपेसिटी के लक्ष्य का केवल 21% ही पूरा हो सका है. देश के 1 करोड़ घरों में से केवल 21.23% घरों में ही रूफटॉप सोलर लगे हैं. राज्यों में गुजरात का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है, जबकि मध्य प्रदेश चौथे पायदान पर है.
दिल्ली में वेक्टर बोर्न डिजीज की स्थिति: दिल्ली की लोकल अथॉरिटी एमसीडी द्वारा 12 से 18 अक्टूबर के सप्ताह के लिए जारी रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया के 59 नए मामले, डेंगू के 75 नए मामले, और चिकनगुनिया के 15 नए मामले दर्ज किए गए हैं. इस वर्ष अब तक मलेरिया के 553, डेंगू के 994, और चिकनगुनिया के 106 मामले सामने आ चुके हैं.
एंटी मॉस्किटो अभियान में बाधा: दिल्ली नगर निगम के एंटी मॉस्किटो अभियान के मल्टीटास्किंग स्टाफ (MTS) कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिसका आज 26वां दिन है. इस दौरान आधिकारिक तौर पर इन पूरी मौतों से अब तक किसी की भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है.
दिल्ली के AQI में सुधार: लगभग चार दिनों तक बेहद खराब हवा के बाद दिल्ली के AQI में थोड़ा सुधार हुआ है. यह पिछले दिनों 305 (वेरी पुअर कैटेगरी) में था, जो अब सुधरकर 275 (पुअर कैटेगरी) में दर्ज किया गया है. हालांकि यह सुधार बहुत छोटा है.
दिल्ली सरकार का भूकंप प्लान: दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी राजीव वर्मा के साथ हुई हालिया मीटिंग के बाद दिल्ली सरकार ने अर्थक्वेक प्लान बनाने और एक डेडिकेटेड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फंड बनाने की घोषणा की है.
हिमाचल में स्नो लेपर्ड सर्वे: हिमाचल प्रदेश में हुए एक सर्वे के अनुसार प्रदेश में लगभग 83 स्नो लेपर्ड दर्ज किए गए हैं. यह दूसरा एस्टिमेशन सर्वे है.
मध्य प्रदेश के किसान वंचित: मध्य प्रदेश में लगभग 4.5 लाख किसान खाद से वंचित रह जाएंगे. इन किसानों पर सरकार का ₹800 करोड़ का लोन बकाया है और इन्हें सहकारी समितियों द्वारा डिफॉल्टर घोषित किया जा चुका है. जिलेवार आंकड़ों में राजगढ़ में सबसे ज्यादा और बुरहानपुर में सबसे कम डिफॉल्टर किसान दर्ज किए गए हैं.
पलायन रोकने के प्रयास: मध्य प्रदेश पंचायत विभाग द्वारा गांव से शहरों की ओर पलायन करने वाले लोगों को ट्रेनिंग और वित्तीय सहायता दी जाएगी. लगभग 36 जिलों के 9000 किसानों को वेजिटेबल मार्केट से जोड़ने की ट्रेनिंग दी जाएगी. खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए 85 नई वाटर शेड परियोजनाओं की भी शुरुआत होगी.
चर्चा
पॉडकास्ट में मुख्य चर्चा मध्य प्रदेश की भावांतर योजना पर केंद्रित रही, जो प्रदेश में दूसरी बार लौटकर आई है. सहयोगी अब्दुल वसीम अंसारी (राजगढ़ से रिपोर्टिंग करते हैं) ने मंडी में किसानों से बात करके योजना की जमीनी हकीकत जानी.
योजना का जमीनी क्रियान्वयन और चुनौतियां:
पंजीयन की प्रक्रिया: भावांतर योजना में पहले से रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद किसानों को मंडी में सिंगल विंडो पर खड़ा होकर दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना पड़ा.
खुली नीलामी और व्यापारियों की भूमिका: मंडी में सोयाबीन की फसलें खुली नीलामी के लिए रखी गईं. किसानों ने बताया कि ऐसा प्रतीत हो रहा था कि व्यापारी एकजुट होकर आए थे और उन्होंने फसलों के भाव लगाना शुरू किए.
भाव में अंतर: सोयाबीन की फसल के भाव ₹3500 से ₹4500 तक गए थे. कुछ किसानों ने नाराजगी जताई कि अच्छी फसल होने के बावजूद व्यापारियों ने मनमाने ढंग से भाव में अंतर तय कर दिया.
किसानों का खर्च और नुकसान: किसानों ने बताया कि खरीफ फसल की बुवाई के दौरान उन्हें डबल बोनी (double sowing) करनी पड़ी थी, जिससे उनका खर्च ₹6000 से ज्यादा बैठा. जबकि फसल के भाव ₹5300 के करीब बताए जा रहे हैं, लेकिन यह राशि अभी तय नहीं है.
पंजीयन न कराने के कारण: कई किसानों ने भावांतर योजना में पंजीयन नहीं कराया क्योंकि उन्हें नगद पैसों की तत्काल आवश्यकता थी, या उनकी फसल कम निकली थी और उन्हें लगा कि यह योजना के लायक नहीं है.
भुगतान में देरी: एक किसान ने अपनी फसल ₹3900 में बेची, लेकिन उसे पेमेंट के लिए 4 दिन बाद (मंगलवार) का समय दिया गया. किसानों को पैसों की ज़रूरत तुरंत थी ताकि वे अगली फसल की बोनी शुरू कर सकें.
भावांतर राशि पर अस्पष्टता:
एंकर शिशिर ने पूछा कि अधिकतम भावांतर राशि को लेकर कोई स्पष्टता आई है या नहीं.
वसीम ने बताया कि मंडी सचिव और कर्मचारियों के पास भी अभी कोई स्पष्टता नहीं है कि किसानों को कितना पैसा और किस हिसाब से मिलेगा.
कर्मचारियों का कहना है कि 15 तारीख को मॉडल रेट फिर से तय होगा, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा.
किसानों के पास इस बात की कोई श्योरिटी नहीं है कि उन्हें पूरा भावांतर अंतर (₹5300 से कम रेट का अंतर) मिल जाएगा.
श्रद्धांजलि:
पॉडकास्ट के अंत में, पीयूष पांडे (एडवर्टाइजमेंट की दुनिया के जाने-माने नाम), जिनका शुक्रवार को निधन हो गया, को श्रद्धांजलि दी गई. हालांकि उनका सीधे तौर पर पर्यावरण से कोई नाता नहीं था, लेकिन मध्य प्रदेश टूरिज्म के लिए उन्होंने ‘हिंदुस्तान का दिल देखो’, ‘बंदर देखा, हाथी देखा, हिंदुस्तान का दिल देखा’ और ‘एमपी अजब है’ जैसी कई आइकॉनिक टैगलाइंस दी थीं, जिन्होंने पूरे भारत में मध्य प्रदेश टूरिज्म की गहरी छाप छोड़ी.
पॉडकास्ट का समापन यह उम्मीद जताते हुए किया गया कि सरकार भावांतर योजना के मसलों पर ध्यान देगी और स्पष्ट आदेश जारी करेगी.
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