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विशेषज्ञों संग पर्यावरण जागरूकता फैला रहे सुंदरम तिवारी

विशेषज्ञों संग पर्यावरण जागरूकता फैला रहे सुंदरम तिवारी
विशेषज्ञों संग पर्यावरण जागरूकता फैला रहे सुंदरम तिवारी

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देश भर में साइकिल से घूम कर पर्यावरण का संदेश देने वाले युवा सुंदरम तिवारी ने पर्यावरण को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए नया कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के जरिये सुंदरम पर्यावरण की विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले व्यक्तियों को को बुलाते हैं। इन पर्यावरणविदों के जरिये अपने साथ जुड़े स्कूल-कॉलेज के छात्र और अन्य नागरिकों को भारत में पर्यावरण के संबंध में आ रही विभिन्न चुनौतियों और उनके समाधान को लेकर अवगत कराया जाता है। 

सुंदरम ने यह कार्यक्रम 31 अगस्त 2024 से शुरू किया है, और यह अभी तक अनवरत जारी है। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विशेष सचिव डॉ. हीरा लाल IAS ने भी हिस्सा लिया लिया था। डॉ. हीरा लाल ने अपने सेसन में देश भर में पर्यावरण संरक्षण, विशेष रूप से जल संरक्षण को लेकर युवाओं की भूमिकाओं और संभावनाओं पर प्रकाश डाला है। 

इसके अलावा वन सेवा में अधिकारी और हरियाणा के मुख्य वाइल्डलाइफ वार्डन रहे डॉ आर. के. सपारा ने भी एक सेसन में हिस्सा लिया। अपने सेसन में डॉ. सपारा ने अरावली के संदर्भ में वनों की भूमिका और दिल्ली हो रहे पर्यावरण प्रदूषण पर प्रकाश डाला। इस सेसन में युवाओं ने डॉ. सपारा से पर्यावरण और अरावली के संरक्षण को लेकर विभिन्न प्रश्न भी पूंछे। 

तीसरे सत्र में वन सेवा में कार्य कर चुके डॉ. ऐ. पी. सिंह ने पर्यावरण को लेकर युवाओं का ज्ञान संवर्धन किया। डॉ. सिंह ने गुजरात में सामजिक वानिकी के प्रयासों को संदर्भ में रखते हुए युवाओं में इसकी भूमिका और पर्यावरण में इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त सत्र में एसएसबी में अस्सिस्टेंट कमांडेंट रह चुके उत्कृष्ट पांडे ने भी हिस्सा लिया। उत्कृष्ट ने मार्सेलोन अग्रोफार्म नाम की संस्था के संस्थापक भी हैं। 

अपने सत्र में उत्कृष्ट ने प्राकृतिक कृषि के के पर्यावरणीय लाभ बताते हुए इसकी आर्थिक संभावनाओं को भी रेखांकित किया। उत्कृष्ट पांडे ने युवाओं को समझाया कि प्राकृतिक तरीके की गई कृषि, किसानों को आय का बेहतर जरिया प्रदान कर सकती है, वो भी वातावरण को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाए बिना। इसके अतिरिक्त भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी, मोहन चंद्र परागियन ने भी इस वेबिनार में हिस्सा लिया। मोहन  जी ने अपने सत्र में वनों की बहाली में आने वाली चुनौतियों और उपायों को रेखांकित किया। 

सुंदरम ने बताया कि पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर चुके अनुभवी अधिकारियों की मदद से वे देश के युवा समुदाय को जागरुक करना चाहते हैं। सुंदरम अपने सोशल मीडिया के जरिये लोगों को कार्यक्रम से जुड़ने की लिंक उपलब्ध कराते हैं। इस कार्यक्रम के जरिये सुंदरम का प्रयास है कि देश की युवा आबादी जो कि अपार संभावनाएं लिए हुए है, भारत में मौजूद पर्यावरणीय चुनौतियों को समझे और इसके संरक्षण के लिए कार्य कर सके। 

अपने साथ जुड़ने वाले छात्रों को सुंदरम एक सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराते हैं। सुंदरम ने बताया कि आने वाले दिनों में, अपने कार्यक्रम के जरिये वे पर्यावरण से जुड़े जरूरी मुद्दों पर विभिन्न पर्यवरणविदों के साथ चर्चा करने वाले हैं।         

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