भोपाल व आसपास के इलाकों में मौसम ने एक बार फिर अपना रूख बदल लिया है। शनिवार 15 नवंबर को जारी दैनिक मौसम रिपोर्ट के अनुसार, पूरा मध्य प्रदेश शीतल हवा की चपेट में है और कहीं-कहीं शीत लहर जैसी स्थितियां देखने को मिल रही है।
यह बदलाव खासतौर पर उस समय आया है जब हिम प्रदेशों में हुई ताज़ा बर्फबारी ने ठंडी हवायें नीचे मैदानों की ओर धकेली है। भोपाल शहर में न्यूनतम तापमान अब 7 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार उत्तर-भोपाल, मध्य-भोपाल, दक्षिण-पश्चिम व दक्षिण-पूर्व क्षेत्रों में आने वाले दिनों में 16 से 19 नवंबर तक अधिकतम तापमान लगभग 27-29 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर रहने की संभावना है । जबकि न्यूनतम तापमान धीरे-धीरे बढ़कर 7 से 12 डिग्री तक पहुंच सकता है। इस तरह, दिन के समय तापमान ज्यादा और रातें अब भी काफी ठंडी होंगी।
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगले 4-5 दिनों तक प्रदेश में किसी बड़ी वर्षा की संभावना नहीं है। भोपाल के चारों ओर साफ़ आकाश व हल्के कोहरा की स्थिति बनी रहने की संभावना है।
विशेष रूप से राजधानी भोपाल के लिए जारी पूर्वानुमान में बताया गया है कि रविवार 16 नवंबर से बुधवार 19 नवंबर तक अधिकतम तापमान लगभग 27-29 डिग्री के बीच रहने की संभावना है जबकि न्यूनतम तापमान 8-12 डिग्री के करीब रहेगा। आज और आने वाले दिनों में ठंड के असर में कुछ कमी आ सकती है लेकिन रातें अभी भी सर्द होंगी।
प्रदेश के अन्य प्रमुख जिलों जैसे इंदौर शहडोल राजगढ़ में भी न्यूनतम तापमान 7-9 डिग्री के आसपास दर्ज हुआ है। खासकर शहडोल में इस सर्दी के मौसम में अब तक का सबसे कम तापमान लगभग 7.2 डिग्री था। मौसम विभाग ने 21 जिलों में शीतल हवा की चेतावनी जारी की है।
शहरों में देर रात और भोर के समय ठंड काफी बढ़ जाती है। दिन के समय तापमान कुछ बढ़ जाता है लेकिन खुली हवा व कम बादल-दोबारा गर्मी खोने की प्रक्रिया के कारण रात के समय ठंड अधिक महसूस होती है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों का तापमान
15 नवम्बर को प्रदेश में शीत लहर रही है l वहीं अलग अलग जिले में तापमान भी अलग रहा है l
| शहर | Maximum (ज्यादा ) | Minimum (कम ) |
| भोपाल | 26.2 | 8.0 |
| इंदौर | 26.7 | 9.2 |
| ग्वालियर | 27.7 | 9.9 |
| उज्जैन | 28.0 | 11.7 |
| जबलपुर | 26.7 | 9.2 |
प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट व सुझाव
आईएमडी ने विशेष सुझाव दिए हैं कि ठंड की वजह से फ्लू, सर्दी, नाक बहना जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। शारीरिक थकान, कंपकँपी, या त्वचा में सुनापन आना हाइपोथर्मिया (अत्यधिक ठंड के कारण शरीर का तापमान बहुत नीचे जाना) या फ्रोस्टबाइट का संकेत हो सकता हैl ऐसे मामलों में तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है।
मौसम विभाग ने यह भी सुझाव दिया है कि इस अवधि के दौरान बाहरी गतिविधियों को कम करना चाहिए, गर्म कपड़े पहनें, सिर-गर्दन-हाथों-पैरों को अच्छी तरह ढकें, और अगर बारिश वाले क्षेत्रों (जैसे तमिलनाडु-केरल) में है l तो फसल, पशुधन व मछली पालन में विशेष सावधानी बरतें।
कृषि व अन्य असर
ठंड के साथ-साथ, कृषि क्षेत्र में भी असर देखने को मिल सकता है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान व हरियाणा के किसानों को सलाह दी गयी है कि शाम को हल्की-हल्की सिंचाई करें, तरूण पौधों को स्ट्रॉ या पॉलिथीन शीट से ढकें, ताकि मिट्टी का तापमान बनाए रखा जा सके।
आईएमडी ने बताया है कि उत्तर-पश्चिम, मध्य व पूर्व भारत में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होगा। इसलिए ठंड लगातार बनी रहने की संभावना है l नागरिकों, किसानों व अन्य हितधारकों को इस अवधि में आवश्यक तैयारियों के साथ सतर्क रहने की जरूरत है।
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