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सिवनी: ग्राम सभा की अनुमति के बिना वन भूमि में हो रहा सड़क निर्माण

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सिवनी: ग्राम सभा की अनुमति के बिना वन भूमि में हो रहा सड़क निर्माण
सिवनी: ग्राम सभा की अनुमति के बिना वन भूमि में हो रहा सड़क निर्माण

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में उत्तर सिवनी वनमंडल में बनाई जा रही सड़क को लेकर उमरपानी ग्राम वन समिति की तरफ से आपत्ति जताई गई है। ये सड़क घंसौर ब्लाॅक की चरी ग्राम पंचायत के उमरपानी गांव से होकर गुजर रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि संरक्षित वन भूमि पर सड़क निर्माण के लिए पंचायत व जनपद पंचायत के सीईओ की तरफ से अनुमति दे दी गई है। लेकिन इसके लिए न तो ग्रामसभा की बैठक बुलायी गयी और ना ही ग्राम सभी से अनुमति ली गई। 

इस मामले की जानकारी जनपद पंचायत घंसौर के पूर्व उपाध्यक्ष चन्द्रशेखर जयन्त चतुर्वेदी ने कलेक्टर और मुख्य वन संरक्षक को दी है। उन्होंने पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। चतुर्वेदी कहते हैं,

“इस सड़क की ग्राम पंचायत के लिए कोई उपयोगिता नहीं है। इसकी जानकारी किसी को भी नहीं थी, ग्राम सभा को भी नहीं। बिना अनुमति के ही अचानक से काम शुरू हो गया।”

यहां के ग्रामीण बताते हैं कि फरवरी के पहले सप्ताह में बड़ी-बड़ी मशीनों से सड़क निर्माण का काम किया जा रहा था। जिसकी जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग विरोध करने पहुंच गए। सड़क निर्माण का विरोध करते हुए ग्राम उमरपानी के वन समिति अध्यक्ष फूलसिंह सैयाम कहते हैं कि इस सड़क के निर्माण पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।

“यह सड़क पास के झाबुआ पावर प्लांट की राखड़ (राख) निकालने के लिए बनाई जा रही है, इसकी जांच होनी चाहिए।”

आनन-फानन में निपटाया गया मामला

आम तौर पर सरकारी विकास कार्य आकार लेने में समय लेते हैं, लेकिन इस मामले में बड़ी ही फुर्ती से काम किया गया है। इस मामले में वन विभाग की तरफ से पहली सशर्त अनुमति 21 तारीख को दी गई। इस दौरान जनपद पंचायत को शर्तों को मानने के लिए 7 दिन में जबाव देने को कहा गया था। मगर अगले ही दिन 22 जनवरी को जनपद पंचायत की तरफ से शर्तों को मानने के लिए पत्र पेश कर दिया गया।

ग्रामीणों का आरोप है कि इस सड़क से झाबुआ पावर प्लांट की राख को पास के गांव रजगढ़ी पहुंचाया जाएगा। इस सड़क से होकर राख के डम्फर्स और हाईबा गुजरेंगे तो जंगल में भी राख गिरने से मिट्टी और वातावरण प्रदूषित होगा। साथ ही स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे उनकी आजीविका भी प्रभावित होगी। यहां लोग तेंदू पत्ते और महुआ जैसे वनोपज पर निर्भर रहते हैं। इस सीजन में महुआ आने वाले थे। मगर महुए और तेंदू के कुछ पेड़ों को सड़क निर्माण की वजह से काट दिया गया है।

जब इस बारे में ग्राउण्ड रिपोर्ट ने शिकारा रेंज की रेंजर रुचि पटेल से बात की तब वे कहती हैं 

“उमरपानी में कोई सड़क निर्माण नहीं हुआ है। पहले से ही रोड है वहां पर, लेवलिंग गांव के लोगों द्वारा किया गया है।”

इस पर ग्राउण्ड रिपोर्ट ने वापस सवाल पूछा कि वहां बड़ी-बड़ी मशीनों से सड़क निर्माण किया जा रहा था। इस को नकारते हुए रूचि पटेल बोलती हैं,

“किसने कह दिया काम मशीनों से हुआ है।”

जब रिपोर्टर द्वारा वीडियो साक्ष्य होने की बात कही गयी तो उन्होंने बाद में बात करने का कहकर फोन रख दिया। ग्राउंड रिपोर्ट ने इस मामले में उत्तर वन मंडल के डीएफओ महेंद्र सिंह उइके से भी बात की। वे कहते हैं

“हमें सीईओ घंसौर का पत्र मिला था। जिसपर हमने स्वीकृति जारी की है। वहां केवल गाड़ियों से सफाई भर की गई है। इस मामले में हमने एसडीओ को स्थान पर भेजा है।”

हमने अतिरिक्त जानकारी के लिए घंसौर जनपद सीईओ की अनुपस्थिति में अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे एसडीएम बीएस ठाकुर से संपर्क किया। वे कहते हैं

“मुझे अभी मालूम नहीं है। इस मामले में पता करता हूं, फिर बताता हूं।” 

पेसा एक्ट 1996 के तहत मध्य प्रदेश के शेड्यूल क्षेत्रों में ग्राम सभा को विकास कार्यों को कराने व उनसे जुड़ी गतिविधियों के लिए विशेष शक्ति प्रदान है। इस हिसाब से ग्राम सभा की अनुमति सर्वप्रथम लेनी होती है। फिर पंचायत किसी विकास कार्य को शुरू करवा सकती है। इस मामले में स्थानीय ग्राम सभा को सड़क निर्माण की कोई जानकारी ही नहीं थी जिसके बाद ग्रामीणों का विरोध देखने को मिला। 

गौरतलब है कि झाबुआ पॉवर प्लांट इससे पहले भी लगातार विवादों में रहा है। ग्राउण्ड रिपोर्ट ने जनवरी माह में झाबुआ पावर प्लांट से निकल रही राख पर एक विस्तृत खबर की थी। अपनी पड़ताल में हमने पाया था कि प्लांट द्वारा अवैध रूप से फ्लाई ऐश का परिवहन किया जा रहा है। साथ ही प्लांट से निकलने वाली राख के चलते किसानों की उपज पर भी बुरा असर पड़ा है।

मीडिया रिपोर्ट्स को संज्ञान में लेते हुए सेवनी कलेक्टर द्वारा हाल ही में प्लांट के खिलाफ प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। बावजूद इसके प्लांट से राख ढोने वाले डम्फर धड़ल्ले से नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।

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Author

  • Manvendra Yadav, an IIMC Dhenkanal alumnus with a Post Graduate Diploma in English Journalism, brings stories from Bundelkhand to life. His deep connection to the region fuels his passion for amplifying untold regional narratives.

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