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अल नीनों का डेंगू कनेक्शन, मध्यप्रदेश में बढ़ रहे हैं मामले

अल नीनों का डेंगू कनेक्शन, मध्यप्रदेश में बढ़ रहे हैं मामले
अल नीनों का डेंगू कनेक्शन, मध्यप्रदेश में बढ़ रहे हैं मामले

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मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में डेंगू का कहर गहराता जा रहा है. 24 नवम्बर को दैनिक अखबार दैनिक भास्कर में प्रकाशित ख़बर की माने तो प्रदेश में अब तक 5 हज़ार 750 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. केवल राजधानी भोपाल की बात करें तो अब तक यहाँ 790 मरीज़ सामने आए हैं. यह बीते 3 सालों में सबसे ज़्यादा है. वहीँ ग्वालियर में सबसे ज़्यादा 1047 डेंगू के मरीज़ सामने आए हैं. यह आँकड़े तब है जब रैपिड टेस्ट के आंकड़ों को इनमें शामिल नहीं किया गया है. हर साल जुलाई से नवम्बर के बीच डेंगू के केस अधिक संख्या में आते हैं. लेकिन इस बार नवम्बर के आखिरी हफ्ते में भी यह केस बढ़ ही रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि इस बिमारी के सन्दर्भ में यह साल क्यों अलग है?

क्या है डेंगू के लिए अनुकूल वातावरण?

डेंगू सहित मलेरिया और चिकुनगुनिया जैसी वेक्टर बोर्न बिमारियों के वायरस के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण के बारे में बताते हुए भारतीय मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. वेद प्रकाश सिंह बताते हैं, “वातावरण में 30 से 50 प्रतिशत नमी और औसत तापमान 20 से 40 डिग्री सेल्सियस मलेरिया, डेंगू और चिकुनगुनिया के प्रोटोजोंस के पनपने के लिए आदर्श माना जाता है.” डेंगू एडीस (Aedes) नामक मादा मच्छर के काटने से फैलता है. यह मच्छर 16 डिग्री से ऊपर तापमान होने पर ही ब्रीडिंग कर सकते हैं. यानि आसान भाषा में समझें तो ठण्ड के बढ़ने पर डेंगू का प्रभाव कम हो जाता है. 

graphical representation of al nino
Source: NOAA Climate. Gov

अल नीनो का वातावरण पर प्रभाव

भारत सहित विश्व के अलग-अलग हिस्सों में अल-नीनो सक्रीय है. अल नीनो असल में एक क्लाइमेट पैटर्न है जिसमें ईस्टर्न ट्रौपिकल पैसिफिक ओशियन (Eastern Tropical Pacific Ocean) का सतही जल (surface water) असामान्य रूप से गर्म हो जाता है. इससे मानसून से होने वाली बारिश कम हो जाती है. वहीं डॉ वेद प्रकाश सिंह बताते हैं कि अल नीनो के चलते किसी भी स्थान के सामान्य वातावरण के पैटर्न में बदलाव देखने को मिलता है. उनके अनुसार इसके चलते किसी भी स्थान के “तापमान में उतार-चढ़ाव और बारिश के पैटर्न में भी बदलाव (Weather and Climate Extreme Events in a Changing Climate, pg 1596) देखने को मिलता है.” 31 अक्टूबर को भारतीय मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ. मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि अल नीनो के चलते इस साल नवम्बर सामान्य की तुलना में गर्म होगा. वहीँ अल नीनो के कारण मौसम और तापमान में होने वाले यह बदलाव अगले साल तक जारी रह सकते हैं. मौसम विभाग के अनुसार साल 2024 के अप्रैल से जून माह के बीच ‘स्ट्रौंग अल नीनो’ के बने रहने की सम्भावना है.     

दुनिया भर में बढ़ता डेंगू

इस साल नवम्बर के महीने की शुरुआत तक दुनिया के 80 देशों में डेंगू के 4.5 मिलियन केस दर्ज किए जा चुके हैं. इन देशों में इस बिमारी के चलते 4 हज़ार लोग मर चुके हैं. साल 2019 इस बिमारी के लिहाज़ से सबसे बुरा साल था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार इस साल अमेरिकन रीजन में 3.1 मिलियन केस दर्ज किए गए थे. वहीँ बांग्लादेश में एक लाख एक हज़ार (101000) मरीज़ दर्ज किए गए थे. वहीँ इस साल इस देश में 3 लाख 1 हज़ार 255 केस दर्ज हुए हैं जो 2019 के बाद सबसे ज़्यादा हैं. यदि इस सन्दर्भ में भारत की बात करें तो साल 2022 में भारत में डेंगू के 2.3 लाख केस दर्ज किए गए. एक शोध के अनुसार भारत में साल 2012 से 2021 के बीच हर साल डेंगू के लिए अनुकूल महीनों में 1.69 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है. शोध के अनुसार भारत में अब यह बिमारी 5.69 तक प्रभावी रहती है.  

health camp in india

मध्यप्रदेश की स्थिति

मध्य प्रदेश में ग्वालियर और चम्बल संभाग डेंगू से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं. हालाँकि डॉ. सिंह के अनुसार सागर और रीवा संभाग भी इस मामले में ‘वल्नरेबल’ हैं. इसका कारण बताते हुए वह कहते हैं,

“अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में हिमालयी क्षेत्रों से उत्तरी हवाएँ आती हैं जो इन क्षेत्रों को सबसे पहले प्रभावित करती हैं. जिससे नवम्बर आते-आते दिन में अधिकतम तापमान 30 डिग्री हो जाता है. वहीँ रात में यह तापमान 11 से 12 डिग्री तक जाता है.”

वह बताते हैं कि तापमान का यह अंतर मानव शरीर की इम्यूनिटी पर नकारात्मक असर डालता है जिससे वायरस का प्रभाव बढ़ जाता है.

सरकार कितनी तैयार है?

इस मामले में सरकार की तैयारी के विषय में जानने के लिए हमने मध्य प्रदेश के मलेरिया कंट्रोल ऑफिसर से कई बार भौतिक और फ़ोन के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की मगर उन्होंने फ़ोन काट दिया. वहीँ भोपाल के जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताते हुए कहते हैं कि

“प्रशासन द्वारा साल भर डेंगू और मलेरिया के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाता है. प्रशासन द्वारा लोगों को गमले और कूलर इत्यादि में पानी इकठ्ठा न होने देने के लिए कहा जाता है. वहीं मौजूदा हालात पर अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने बताया कि जहाँ भी डेंगू का कोई केस पाया जाता है उसके आस-पास के इलाकों में भी टेस्ट और पानी चेक किया जाता है. साथ ही प्रशासन द्वारा गम्बूशिया मछली का वितरण किया जा रहा है. यह मछली मच्छरों के लार्वा को खा जाती है.”  

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  • Shishir identifies himself as a young enthusiast passionate about telling tales of unheard. He covers the rural landscape with a socio-political angle. He loves reading books, watching theater, and having long conversations.

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