...
Skip to content

वर्तमान विधायक रामबाई सिंह परिहार इन दिनों ओपन बोर्ड की परीक्षा दे रही हैं

वर्तमान विधायक रामबाई सिंह परिहार इन दिनों ओपन बोर्ड की परीक्षा दे रही हैं
वर्तमान विधायक रामबाई सिंह परिहार इन दिनों ओपन बोर्ड की परीक्षा दे रही हैं

REPORTED BY:

साल 2022 में एक फिल्म आई थी, ‘दसवीं’. अभिषेक बच्चन की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म का लब्बोलुआब यह था कि एक नेता जिसने दसवीं नहीं पास की है वह जेल के दौरान परीक्षा की तैयारी करता है और उसमें बैठता है. मध्य प्रदेश में जहाँ एक ओर चुनाव सर पर हैं वहीँ दूसरी ओर ओपन बोर्ड की परीक्षा भी चल रही है. ऐसे में मध्यप्रदेश की एक विधायक ‘दसवीं’ को दोहरा रही हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि ऐसा करते हुए वह जेल में नहीं हैं. 

मध्यप्रदेश के पथरिया विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक और बीएसपी नेता रामबाई सिंह परिहार इन दिनों ओपन बोर्ड की परीक्षा दे रही हैं. कक्षा 12वीं की परीक्षा देने बैठीं परिहार ने बचपन में कक्षा 8 तक पढ़ाई की थी. वह अपनी आगे की पढ़ाई घर से स्कूल दूर होने के चलते नहीं कर सकी थीं. मगर विधायक बनने के बाद और अपनी उम्र का एक महत्वपूर्ण आयाम पार लेने के बाद भी उनका मानना है कि पढ़ना ज़रूरी है. इसलिए उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई करने का सोचा. इससे पहले उन्होंने हाई स्कूल की परीक्षा भी दी थी जिसमें उन्हें ग्रेस देकर पास किया गया था. इस बार वह 12वीं कक्षा पास करने के लिए परीक्षा दे रही हैं.

नेताओं के विषय में आम मान्यता यह है कि वह पढ़े लिखे नहीं होते हैं. आम तौर पर यह विषय राजनितिक व्यंग्य के केंद्र में होता है. ऐसे में रामबाई सिंह परिहार का ऐसे अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाना अच्छा सन्देश देता है. जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश की विधानसभा में 230 में से केवल 56 विधायक ही ग्रेजुएट हैं और इतने ही विधायक पोस्ट ग्रेजुएट हैं. वहीँ 37 विधायक 12वीं पास, 13 विधायक 10वीं पास हैं. इसके अलावा 5 विधायक ऐसे हैं जो बुनियादी रूप से साक्षर भर हैं और उन्होंने 5वीं भी पास नहीं की है.

दरअसल रामबाई की कहानी में सब कुछ सुहाना देखना सावन का अँधा बनना है. रामबाई को अपनी पढ़ाई कक्षा 8 में ही छोड़नी पड़ी. वह विधायक बनीं और अब वह परीक्षा दे रही हैं. मगर सभी लड़कियाँ न तो विधायक बन पाती हैं और ना ही उनकी शिक्षा की डगर इतनी आसान होती है. लोकसभा में दिए एक जवाब के अनुसार साल 2016 से 2018 के बीच टेक होम राशन की लाभार्थियों की संख्या 1 लाख 22 हज़ार 230 से बढ़कर 3 लाख 5 हज़ार हो गई. मगर अफ़सोस यह ख़ुशी से उछलने वाली बात नहीं है. यह योजना उन लड़कियों के लिए है जो स्कूल से ड्रॉप आउट हो जाती हैं. अतः इन आंकड़ों का सीधा मतलब यह है कि इस दौरान स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों की संख्या भी बढ़ गई है. 

इस साल के अंत तक मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं. ज़ाहिर है चुनावी वादे किए जाएँगे. देखना यह है कि क्या रामबाई जैसे और भी उम्मीदवार धर्म और जाति से ऊपर उठकर लड़कियों के पढ़ने को चुनावी मुद्दा की तरह देख पाएँगे या फिर अभी और भी विधायक के परीक्षा देने की फीचर स्टोरी छापनी बाकी है.

Keep Reading

Ground Report के साथ फेसबुकट्विटर और वॉट्सएप के माध्यम से जुड़ सकते हैं और अपनी राय हमें Greport2018@Gmail.Com पर मेल कर सकते हैं।

Author

  • Shishir identifies himself as a young enthusiast passionate about telling tales of unheard. He covers the rural landscape with a socio-political angle. He loves reading books, watching theater, and having long conversations.

    View all posts

Support Ground Report to keep independent environmental journalism alive in India

We do deep on-ground reports on environmental, and related issues from the margins of India, with a particular focus on Madhya Pradesh, to inspire relevant interventions and solutions. 

We believe climate change should be the basis of current discourse, and our stories attempt to reflect the same.

Connect With Us

Send your feedback at greport2018@gmail.com

Newsletter

Subscribe our weekly free newsletter on Substack to get tailored content directly to your inbox.

When you pay, you ensure that we are able to produce on-ground underreported environmental stories and keep them free-to-read for those who can’t pay. In exchange, you get exclusive benefits.

Your support amplifies voices too often overlooked, thank you for being part of the movement.

EXPLORE MORE

LATEST

mORE GROUND REPORTS

Environment stories from the margins