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मध्यप्रदेश में मीणा समाज के लोग हैं सरकार से नाराज़

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बीते गुरुवार 13 जुलाई को भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास में मीणा महापंचायत का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जय मिनेश कल्याण बोर्ड की स्थापना करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि समाज की प्रगति के बारे में सोचने और उसके अनुरूप सरकार को सुझाव देने के लिए जय मिनेश कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा जिसके अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा दिया जाएगा. ग्वालियर में राष्ट्रपति के कार्यक्रम में शिरकत करने के पश्चात मुख्यमंत्री ने भोपाल आकर इस महापंचायत को संबोधित किया जहाँ उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं.

“हमें चुनाव के बाद भुला दिया जाता है”

महापंचायत में शिरकत करने देवास के खातेगाँव से आये चंदू मीणा कहते हैं,

“मध्य प्रदेश में हमें ओबीसी का दर्जा दिया गया है जबकि राजस्थान में हम एसटी हैं. हमारे ही परिवार के लोग राजस्थान में रह रहे हैं. तो हमको यहाँ भी एसटी का दर्जा मिलना चाहिए.”

वह बताते कि उनके समाज द्वारा इससे पहले 2018 में जम्हूरी मैदान में महापंचायत की गई थी जिसमें शिवराज सिंह द्वारा आरक्षण देने का वादा किया गया था मगर यह वादा अब तक नहीं पूरा हुआ है. 

चंदू कहते हैं कि उनके समाज का राजनीतिक प्रतिनिधित्व न के बराबर है इसलिए वह मुख्यमंत्री से यह माँग करेंगे कि उनके समाज के नेताओं को आगामी विधानसभा में टिकट दिए जाए. चंदू शिकायत करते हुए कहते हैं कि उन्हें केवल चुनाव के वक़्त ही बस पूछा जाता है उसके बाद भुला दिया जाता है.      

मध्यप्रदेश का मीणा समुदाय एसटी आरक्षण चाहता है

दरअसल वर्तमान मध्यप्रदेश का सिरोंज और लटेरी आज़ादी के पहले टोंक रियासत का हिस्सा हुआ करता था. आज़ादी के बाद राज्यों के पुनर्गठन के दौरान यह दोनों इलाके मध्यप्रदेश का हिस्सा हो गए. साल 2003 तक यहाँ के मीणा समुदाय के लोगों को एसटी के रूप में आरक्षण का लाभ दिया जाता था मगर इसके बाद एक गज़ट नोटिफिकेशन जारी करके यह दर्जा ख़त्म कर दिया गया. तब से यह समुदाय ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आता है. 

साँची के रहने वाले विजय सिंह मीणा कहते हैं,

”हमारा समाज मूलतः कृषक है. खेती करके हम अपना परिवार चलाते हैं. बहुत से किसान परिवार प्राइवेट स्कूल और हॉस्टल की फीस नहीं दे सकते हैं. इसलिए यदि हम एसटी श्रेणी में आएँगे तो हमारे बच्चे इन हॉस्टल में रहकर पढ़-लिख पाएँगे.”

विजय के अनुसार उनकी आने वाली पीढ़ी को सरकारी नौकरी मिलना आसन हो और वो बेहतर जीवन जी पाएं इसके लिए उनका एसटी श्रेणी में आना महत्वपूर्ण है. “खेती-किसानी पूरी बारिश पे निर्भर है. बारिश अक्सर धोखा दे जाती है. ऐसे में हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे सरकारी नौकरियों में जाएँ.” विजय आगे कहते हैं. 

मीणा समाज से सम्बंधित शक्ति संगठन के प्रदेश संयोजक रूप सिंह मीणा भी हमसे बात करते हुए राजनीतिक प्रतिनिधित्व का प्रश्न उठाते हैं. इसके अलावा उनका मानना है कि यदि उनके समाज को एसटी श्रेणी में शामिल किया जाता है तो मीणा समाज के युवाओं को नौकरियाँ मिलना आसान हो जाएगा.

एसटी श्रेणी में शामिल करने के सवाल पर महापंचायत को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र में जितना प्रयास होगा वह करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मीणा समाज का उचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेगी.    

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  • Shishir identifies himself as a young enthusiast passionate about telling tales of unheard. He covers the rural landscape with a socio-political angle. He loves reading books, watching theater, and having long conversations.

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