सीहोर शहर के हाउसिंग बोर्ड रेलवे क्रॉसिंग ओवर ब्रिज को लेकर स्थानीय नागरिकों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। निर्माण कार्य में अनियमितताओं और दोनों ओर सर्विस रोड न बनाए जाने का विरोध लगातार किया जा रहा हैl
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी और आसपास की पांच कॉलोनियों के लगभग पांच हजार निवासी पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे है। कॉलोनी वासियों का कहना है कि यह पुल स्वीकृत नक्शे के अनुसार नहीं बनाया जा रहा है और ब्रिज कारपोरेशन के अधिकारी मनमाने ढंग से काम कर रहे है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, ओवरब्रिज निर्माण के तहत केवल एक तरफ आने-जाने का रास्ता रखा गया है, जो दुर्घटनाओं को न्योता देने वाला निर्णय है। उनका कहना है कि पुल के दोनों ओर सर्विस रोड बनना जरूरी है, ताकि आने-जाने वाले वाहनों को वैकल्पिक रास्ता मिल सके और दुर्घटनाओं की संभावना कम हो।
विधायक ने की चर्चा, लेकिन कार्रवाई नहीं
सीहोर विधायक सुदेश राय ने इस मामले में ब्रिज कॉरपोरेशन के अधिकारियों से चर्चा की थी और निर्माण कार्य में पारदर्शिता लाने की बात कही थी। लेकिन स्थानीय निवासियों के अनुसार, अब तक किसी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
इस लापरवाही से आक्रोशित होकर कॉलोनी के वरिष्ठ नागरिकों ने 12 नवंबर को स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) को पत्र सौंपकर आमरण अनशन की अनुमति मांगी है। पत्र में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि सात दिनों के भीतर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो 17 नवंबर 2025 से गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
कॉलोनीवासियों की मुख्य मांगें
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से प्रमुख रूप से तीन मांगें रखी है l जिसमें हाईवे का सीमांकन रेलवे बाउंड्री से किया जाए ताकि क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित आवागमन का मार्ग मिले। पुल के दोनों ओर सर्विस रोड का निर्माण किया जाए ताकि वाहनों को वैकल्पिक रास्ता मिल सके। निर्माण कार्य में पारदर्शिता रखी जाए ।
अब तक प्रशासन या ब्रिज कॉरपोरेशन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लोगों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रख रहे है, लेकिन अगर उनकी मांगों को अनदेखा किया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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