मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले से एक संवेदनशील मामला सामने आया है, जहां अपनी जमीन पर कब्जे से परेशान दो आदिवासी महिलाओं ने न्याय की गुहार लगाते हुए तहसीलदार के पैर पकड़ लिए। यह घटना कराहल तहसील मुख्यालय की है, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
क्या हुआ?
शनिवार को कराहल तहसील परिसर में दो आदिवासी महिलाएं — सावित्री बाई और उनकी बहू — तहसीलदार रोशनी शेख के सामने न्याय की गुहार लगाते हुए उनके पैर पकड़ते हुए नजर आईं। दोनों महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनकी जमीन पर गांव के दबंग लोगों ने कब्जा कर लिया है और रात के समय अवैध निर्माण भी कराया जा रहा है।
कौन हैं पीड़ित और अधिकारी?
पीड़िता सावित्री बाई आदिवासी समाज से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने बताया कि वे सर्वे क्रमांक 645/3 में स्थित 3.1350 हेक्टेयर भूमि की स्वामिनी हैं, जिस पर उनका परिवार वर्षों से निवासरत है।
मामले की जांच कराहल तहसीलदार रोशनी शेख के निर्देशन में की जा रही है।
कब हुआ मामला?
यह घटना शनिवार की है, जब तहसीलदार एसडीएम कार्यालय से नीचे उतर रही थीं और उसी दौरान महिलाएं आकर उनके सामने पैर पकड़कर बैठ गईं।
यह पूरा घटनाक्रम कराहल तहसील मुख्यालय, जिला श्योपुर, मध्यप्रदेश में हुआ है। संबंधित भूमि खिरखिरी गांव के पास स्थित है।
क्यों हुआ मामला?
महिलाओं का कहना है कि उन्होंने कई बार 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी और तहसील कार्यालय में भी शिकायत की,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी से निराश होकर वे सीधे तहसीलदार के पास न्याय मांगने पहुंचीं।
कैसे हो रही है कार्रवाई?
तहसीलदार रोशनी शेख ने बताया कि दोनों महिलाएं पहली बार उनके पास आई थीं। उन्होंने तुरंत पटवारी और आरआई को जांच के निर्देश दिए हैं, और रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद प्रशासनिक संवेदनशीलता और ग्रामीण न्याय व्यवस्था को लेकर सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। अब सबकी नजरें तहसील प्रशासन की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।
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