यह ‘ग्राउंड रिपोर्ट’ का डेली मॉर्निंग पॉडकास्ट का 50वां एपिसोड है। मंगलवार, 28 अक्टूबर को देश भर की पर्यावरणीय ख़बरों के साथ पॉडकास्ट में बात हुई दिल्ली में क्लाउड सीडिंग और पेड़ों की ‘अवैध कटाई’ पर हिमाचल प्रदेश के सुप्रीम कोर्ट को दिए जवाब के बारे में।
मुख्य सुर्खियां
चक्रवात मोंथा आंध्रप्रदेश के तट तक पहुँच चुका है। सोमवार शाम से आंध्रप्रदेश के तटीय जिलों में 90 से 110 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से आंधी चल रही है। सोमवार को केरल में भारी बारिश और तेज हवाओं से निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई। वहीं, ओडिशा सरकार ने तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। ओडिशा के मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि NDRF, ODRAF और फायर सर्विस की 128 टीमें तैनात कर दी गई हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू से बात की और हालात का जायजा लिया। आंध्र प्रदेश के कृष्णा, गुंटूर, बापटला और वेस्ट गोदावरी जिलों में अगले दो दिन भारी बारिश की संभावना है। इसके कारण सोमवार को स्कूल बंद रखे गए हैं। तमिलनाडु के चेन्नई और आसपास के तीन जिलों में भी भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वहीं पुडुचेरी और विल्लुपुरम में भी बारिश के आसार हैं। बंगाल में मंगलवार से शुक्रवार तक कई जिलों भारी बारिश और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की आशंका जताई गई है।
मगर इसका असर मध्य प्रदेश में भी होगा। आज प्रदेश के राजगढ़, अगर मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर और भिंड में तेज़ बारिश की चेतावनी है। वहीं 29 और 30 को सिवनी, बलाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर और सिंगरौली में भी तेज़ बारिश हो सकती है।
आवारा कुत्तो के मुद्दे पर शपथ पत्र दाखिल नहीं करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों के मुख्य सचिव को 3 नवंबर सुबह 10:30 बजे कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी राज्यों को पक्षकार बनाते हुए सभी सीएस को शपथ पत्र दाखिल करने को कहा था। मगर कोर्ट में केवल बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने ही शपथ पत्र दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में एक अन्य सुनवाई के दौरान हिमाचल सरकार ने कहा कि हाल ही में बाढ़ के दौरान नदी में तैरते हुए भारी मात्रा में लकड़ी का जो वीडियो वायरल हुआ था उसमें वह पेड़ थे जो क्लाउड बर्स्ट के दौरान उखड़े थे ना की अवैध रूप काटी गई लकड़ी। आपको बता दें कि वीडियो वायरल होने के पर 4 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता में २ सदस्यीय बेंच ने संज्ञान लिया था। खुद सीजेआई ने कहा था कि पहली नज़र में यह पहाड़ के ऊपरी हिस्से में जारी अवैध रूप से पेड़ों की कटाई का मामला लगता है।
दिल्ली लगे हुए जगतपुर गाँव में एक तेंदुए ने हमला करके एक मवेशी को मार दिया। बताया जा रहा है तेंदुआ यमुना बायोडाइवर्ससिटी पार्क से खेत तक पहुंचा था जहां यह हादसा हुआ।
मध्य प्रदेश के गुना में कथित तौर पर एक बीजेपी के नेता द्वारा एक किसान पर थार गाड़ी चढ़ा दी गई। साथ ही किसान की बेटी से भी मारपीट करने का आरोप है। शिकायत के अनुसार पीड़ित राम स्वरुप धाकड़ अपने खेत की ओर जा रहे थे जब महेंद्र नागर नाम के व्यक्ति ने उनपर गाड़ी चढाने का प्रयास किया। पीड़ितों का आरोप है कि महेंद्र उनपर ज़मीन बेचने का दबाव बना रहा था और पीड़ित परिवार के मना करने पर यह वारदात की गई। मामले में 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
सोमवार को ग्वालियर-उज्जैन समेत 13 जिलों में बारिश हुई। श्योपुर में 2।2 इंच जबकि दतिया में करीब 1 इंच पानी गिरा। सीधी-रतलाम में आधा इंच से ज्यादा बारिश हो गई। टीकमगढ़ में आधा इंच बरसात हुई। गुना, उज्जैन, छतरपुर के खजुराहो और नौगांव, रीवा, मुरैना, विदिशा, मंदसौर समेत कई जिलों में भी बूंदाबांदी का दौर चला। मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में डिप्रेशन (अवदाब) सिस्टम बना है। इससे एक ट्रफ भी जुड़ी है, जो मध्य प्रदेश के बीचोंबीच तक आ रही है। दूसरा साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) सिस्टम अरब सागर में बना है, जो एमपी की ओर बढ़ रहा है। इस वजह से मध्य प्रदेश में अगले 4 दिन तक बारिश, आंधी और गरज-चमक के आसार हैं। 29-30 अक्टूबर को 18 जिलों में तेज और भारी बारिश का अलर्ट है।
भिंड जिले की गोहद कृषि उपज मंडी में सोमवार को 1200 से अधिक ट्रॉलियों में भरा धान बारिश से भीग गया। व्यापारियों ने बताया कि बाहरी राज्यों से आए खरीदारों ने बारिश की वजह से माल उठाने से इनकार कर दिया, जिसके चलते खरीद-फरोख्त रोकनी पड़ी। वहीं, किसानों ने मंडी प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि बारिश की चेतावनी पहले से थी, फिर भी मंडी परिसर में धान ढकने या सुरक्षित रखने की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
विस्तृत चर्चा
पॉडकास्ट में दो मुख्य पर्यावरणीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है: दिल्ली का प्रदूषण और क्लाउड सीडिंग, तथा हिमाचल में अवैध कटाई के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई।
दिल्ली में प्रदूषण और क्लाउड सीडिंग
दिल्ली में दिवाली के बाद प्रदूषण बढ़ जाता है, जिससे हवा ‘बेहद खराब’ कैटेगरी में चली जाती है और लोगों को सांस लेने में कठिनाई होती है। इस समस्या से निपटने के लिए, दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश यानी क्लाउड सीडिंग का ट्रायल शुरू करने का फैसला किया है।
क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया और प्रयास:
क्लाउड सीडिंग एक तकनीक है जिसमें हवा में सिल्वर आयोडाइड (Silver Iodide) जैसे रसायन छोड़े जाते हैं, ताकि वे बादलों के अंदर जाकर ड्रॉपलेट्स बनाकर बारिश करा सकें। यह काम प्लेन या रॉकेट के जरिए किया जाता है। यदि मंगलवार शाम को मौसम ठीक रहा, तो दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का पहला ट्रायल हो सकता है। यह तकनीक पहली बार दिल्ली में आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर टेस्ट की गई थी। 23 अक्टूबर को कानपुर रूट पर ट्रायल किया गया था, लेकिन हवा में मॉइस्चर कम (20% के आसपास) होने के कारण बारिश नहीं हो पाई थी, जबकि 50% मॉइस्चर की आवश्यकता होती है।
प्रदूषण की वर्तमान स्थिति और अन्य उपाय:
वर्तमान में दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 301 पर है, जो ‘वेरी पुअर’ कैटेगरी में आता है। फार्म फायर (पराली जलाना) का योगदान भी बढ़ रहा है; यह परसों तक 1.8% था, जो अब बढ़कर 5.8% तक पहुंच चुका है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए, दिल्ली सरकार ने 1 नवंबर से नॉन-बीएस वाहनों और कमर्शियल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
क्लाउड सीडिंग के फायदे और नुकसान:
यह तकनीक 1940 के दशक से चल रही है, और चीन, यूएई, रूस जैसे देश इसका उपयोग सूखे और हीट वेव के समय करते हैं। यूएई किसानों को राहत देने के लिए हर साल इसका इस्तेमाल करता है। लाभ (Advantages): प्रदूषण से राहत, कृषि के लिए फायदेमंद, और जंगल की आग बुझाने में सहायक। हानि (Disadvantages): सिल्वर आयोडाइड एक रसायन है जो जमीन और पानी दोनों के लिए विषैला (Toxic) होता है। शोध बताते हैं कि इसका स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र (Local Ecosystem) पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसकी गहराई से रिसर्च करना अभी बाकी है।
हिमाचल बाढ़ और अवैध कटाई पर सुप्रीम कोर्ट में अपडेट
हाल ही में हिमाचल प्रदेश से कई वायरल वीडियो सामने आए थे, जिसमें क्लाउड बस के बाद रावी और ब्यास नदी में बड़ी मात्रा में कटे हुए पेड़ बहते हुए दिखाई दिए थे। सोशल मीडिया पर हंगामा हुआ और इसे पहाड़ों में चल रहे अवैध लॉगिंग (Illegal Logging) माफिया का मामला बताया गया।
सुप्रीम कोर्ट का संज्ञान:
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया था, और चीफ जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच ने 4 सितंबर को संज्ञान लिया। स्वयं चीफ जस्टिस ने कहा था कि पहली नजर में यह अवैध रूप से पेड़ों की कटाई का मामला लगता है, और केंद्र तथा हिमाचल सरकार से जवाब मांगा था।
हिमाचल सरकार का जवाब (शपथ पत्र):
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 6 अक्टूबर को एक शपथ पत्र (Affidavit) दायर किया। एफिडेविट में कहा गया कि नदी में बहकर आए पेड़ ‘कटे हुए पेड़ नहीं हैं’, बल्कि यह एक वैज्ञानिकों द्वारा सिद्ध प्राकृतिक प्रक्रिया है जो क्लाउड बस जैसी घटनाओं के दौरान ढलानों के टूटने, मिट्टी के कटाव और पुरानी लकड़ी के डिपॉजिट के इधर-उधर जाने से होती है। जांच के लिए बनी फॉरेस्ट ऑफिशियल्स की दो टीमों ने पाया कि ज्यादातर उखड़े हुए, पानी की धार से बहे हुए, और सड़े हुए पेड़ बहकर आए थे जिनकी कोई वाणिज्यिक वैल्यू (Commercial Value) नहीं है।
सरकार ने अपने दावे का समर्थन करने के लिए स्थानीय समुदाय और पंचायत प्रतिनिधियों के बयान, साथ ही फोटोग्राफिक और वीडियोग्राफिक सबूत भी जमा किए हैं। एक अन्य कारण यह दिया गया कि साल भर नदी के बहाव में वुड ब्लॉक्स बहकर आते हैं और हाइड्रोइलेक्ट्रिक बांधों (Hydroelectric Dams) पर जमा होते रहते हैं; जब बाढ़ आने पर बांधों से पानी छोड़ा जाता है, तो ये लॉक्स एक साथ बाहर आते हैं, जिससे यह इललीगल कटाई जैसा प्रतीत होता है।
यह भी बताया गया कि बांधों से एक साथ ये लॉक्स निकलने पर निचले इलाकों में बाढ़ की तीव्रता (Intensity) और बढ़ जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक सरकार के इस जवाब पर कोई निर्णय नहीं दिया है।
यह था हमारा डेली मॉर्निंग पॉडकास्ट। ग्राउंड रिपोर्ट में हम पर्यावरण से जुडी हुई महत्वपूर्ण खबरों को ग्राउंड जीरो से लेकर आते हैं। इस पॉडकास्ट, हमारी वेबसाईट और काम को लेकर आप क्या सोचते हैं यह हमें ज़रूर बताइए। आप shishiragrawl007@gmail.com पर मेल करके, या ट्विटर हैंडल @shishiragrawl पर संपर्क करके अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
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