यह ‘ग्राउंड रिपोर्ट’ के डेली मॉर्निंग पॉडकास्ट का 74वां एपिसोड है। सोमवार, 25 नवंबर को देश भर की पर्यावरणीय ख़बरों के साथ पॉडकास्ट में जानिए दिल्ली की बिगड़ती हवा और उसे सुधारने के लिए हो रहे प्रयासों के बारे में।
मुख्य ख़बरें
दिल्ली की हवा ख़राब: पीएमओ ने गाड़ियों पर कसा शिकंजा: दिल्ली-एनसीआर की करीब 37% गाड़ियाँ अभी भी तय उत्सर्जन मानकों पर खरी नहीं उतर रहीं। पीएमओ ने इस पर सख़्त रुख दिखाते हुए यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की सरकारों को तुरंत कारगर कदम उठाने के लिए कहा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने और गाड़ियों पर सख़्त नियम लागू करने की भी बात कही गई है।
इथियोपिया में 10,000 साल बाद ज्वालामुखी फटा, राख पहुँची भारत तक: इथियोपिया का हैली गुबी ज्वालामुखी जो हज़ारों साल से शांत था, अचानक फट पड़ा। राख के गुबार हवा के साथ भारत तक पहुँच गए, खासकर राजस्थान से होकर। DGCA ने एयरलाइन्स को एडवाइजरी जारी की है कि वो प्रभावित रास्तों से बचें क्योंकि इससे फ्लाइट्स और एयर क्वालिटी दोनों पर असर पड़ सकता है।
भोपाल की हवा सबसे ज़हरीली, AQI 415 पर पहुँचा: सीज़न में पहली बार भोपाल का एयर क्वालिटी इंडेक्स 415 तक पहुँच गया, यानी “गंभीर” स्तर पर। वजह वही पुरानी: धूल, कचरा जलाना और लगातार निर्माण कार्य। इस बार नवंबर में औसत AQI पिछले साल की तुलना में करीब 90 पॉइंट ज़्यादा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि रात में आग जलाने और निर्माण से उठती धूल पर नियंत्रण ज़रूरी है।
मुआवज़े में देरी से मगरमच्छों की मौतें, जबलपुर में चिंता: जबलपुर के आसपास किसान फसल बचाने के लिए खेतों में बिजली के तार लगा रहे हैं, लेकिन इससे मगरमच्छों की जान जा रही है। सिर्फ 17% किसानों को ही फसल नुकसान का मुआवज़ा मिल पा रहा है। हाईकोर्ट ने इस पर सख़्ती दिखाते हुए चार हफ़्ते में रिपोर्ट मांगी है कि कितने किसानों को मुआवज़ा मिला और कितने मगरमच्छ मरे।
दिल्ली प्रदूषण विरोध प्रदर्शन में ‘पेपर स्प्रे’, 22 लोग गिरफ्तार: दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान पेपर स्प्रे चलने से अफरातफरी मच गई। पुलिस ने 22 लोगों को हिरासत में लिया है। अब इस मामले में ‘नक्सल लिंक’ तक की जांच की जा रही है, क्योंकि प्रदर्शनकारियों के कुछ नारों और सोशल मीडिया पोस्ट पर शक जताया गया है। कई धाराओं में FIR दर्ज की गई है।
उज्जैन: किसानों का ग्रीनफील्ड हाईवे के खिलाफ धरना: उज्जैन-जवारा ग्रीनफील्ड हाईवे प्रोजेक्ट को लेकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। उनका कहना है कि 10-15 फीट ऊँचा बनने वाला ये हाइवे गाँवों को काट देगा, जिससे खेती-बाड़ी और आवाजाही दोनों पर असर पड़ेगा। मुआवज़े को लेकर भी नाराज़गी है। 50 से ज़्यादा गाँवों के प्रतिनिधियों ने MPRDC दफ़्तर के बाहर धरना दिया।
गोवा में टाइगर रिज़र्व बनाने की सिफारिश: सुप्रीम कोर्ट की एक कमेटी ने गोवा में टाइगर रिज़र्व घोषित करने की सिफारिश की है। पहले राज्य सरकार ने कहा था कि वहाँ “स्थायी बाघ” नहीं हैं, लेकिन अब कमेटी ने तीन महीने में रिज़र्व बनाने का आदेश दिया है। इसमें कोटीगाँव और नेत्रावली अभयारण्यों को कोर एरिया के रूप में शामिल करने की बात कही गई है।
यमुना में झाग रोकने वाला ‘स्प्रे’ बना नया विवाद: यमुना नदी पर झाग हटाने के लिए जो सिलिकॉन-आधारित ‘डिफोमिंग स्प्रे’ लगातार छिड़का जा रहा है, उसी पर अब सवाल उठ रहे हैं। पर्यावरण विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इसका लंबे समय तक इस्तेमाल नदी के इकोसिस्टम को नुकसान पहुँचा सकता है। अभी तक किसी स्वतंत्र वैज्ञानिक अध्ययन की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है।
मध्य प्रदेश के मंडियों में सोयाबीन खरीद घोटाला: मध्य प्रदेश की कई मंडियों में सोयाबीन खरीद में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। कई जगहों पर फसल की आमद पिछले साल से दुगनी बताई जा रही है, यानी रिकॉर्ड में हेरफेर। अब कई व्यापारियों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं और जांच शुरू हो गई है।
विस्तृत चर्चा
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण संकट गहराया: PMO ने ईवी ट्रांज़िशन तेज़ करने को कहा:
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने सुप्रीम कोर्ट के 19 नवंबर के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट ने आयोग और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) को वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत और सख्त पाबंदियां लागू करने की अनुमति दी है।
GRAP एक आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली है, जिसे हवा में प्रदूषण के अत्यधिक स्तर से निपटने के लिए चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाता है। यह विभिन्न एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) स्तरों के आधार पर काम करता है। यहां स्टेज 1 ‘Poor’ (AQI 201–300), स्टेज 2 ‘Very Poor’ (AQI 301–400), स्टेज 3 ‘Severe’ (AQI 301–500) और स्टेज 4 ‘Severe+’ (AQI >450/500) स्थिति के लिए लागू होता है।
CAQM की नवीनतम एडवाइजरी में सरकारी और निजी संगठनों को अपने कम-से-कम 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए ‘वर्क फ्रॉम होम’ को अनिवार्य करने की सिफारिश की गई है, क्योंकि वाहनों से होने वाला उत्सर्जन प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में वाहनों से होने वाला प्रदूषण कुल स्थानीय उत्सर्जन स्रोतों का लगभग 51.1 प्रतिशत है।
उधर, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) ट्रांज़िशन को तेज़ करने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के लिए ईवी नीति की पुनर्समीक्षा (रिवाइज़) करने पर भी जोर दिया गया है।
वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में कुल 2.97 करोड़ वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत दिल्ली में ही हैं, जबकि दिल्ली एनसीआर की कुल भौगोलिक सीमा का मात्र 2.7 प्रतिशत हिस्सा घेरती है। इनमें से 37 प्रतिशत वाहन ऐसे हैं जो BS-III या उससे नीचे की श्रेणी में आते हैं।
हालात यह हैं कि इस वर्ष अब तक केवल 17,942 इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड वाहन ही पंजीकृत हुए हैं, जबकि पेट्रोल और डीज़ल से चलने वाले वाहनों की संख्या 1,27,099 रही है, जो ईवी अपनाने की सुस्ती को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के 350 से ऊपर पहुंच जाने के बाद दिल्ली सरकार ने ग्रैप की स्टेज 2 लागू कर दी है, जिसके तहत कई प्रतिबंध और नियंत्रण उपाय अब प्रभावी हो गए हैं।
ग्राउंड रिपोर्ट का डेली इंवायरमेंट न्यूज़ पॉडकास्ट ‘पर्यावरण आज’ Spotify, Amazon Music, Jio Saavn, Apple Podcast, पर फॉलो कीजिए।



