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गांव-गांव पर्यावरण ज्ञान फैलाते सुंदरम: पुरस्कार से बनाई ग्रामीण लाइब्रेरी

गांव-गांव पर्यावरण ज्ञान फैलाते सुंदरम: पुरस्कार से बनाई ग्रामीण लाइब्रेरी

12 जनवरी 2025 को विवेकानंद जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के दरियापुर कोट गांव के निवासी सुंदरम तिवारी को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वामी विवेकानंद युवा राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सुंदरम को यह पुरस्कार पर्यावरण संरक्षण के लिए किये गए कार्यों के लिए मिला था। सुंदरम को इस पुरस्कार के साथ 50 हजार रूपये की धनराशि भी मिली थी। 

सुंदरम इस धनराशि का उपयोग अपने गांव दरियापुर कोट में एक लाइब्रेरी बनवाने में कर रहे हैं। सुंदरम द्वारा उनके गांव में बनवाई गई यह लाइब्रेरी पर्यावरण से जुड़े हुए विषयों से संबंधित साहित्य, शोधपरक किताबें, और अन्य पुस्तकों का घर होगी। सुंदरम ने बताया कि उनका उद्देश्य है कि गांव के लोगों को पर्यावरण से जुड़ी हुई मौलिक जानकारियों से लेकर बड़े विषयों पर जानकारियां एक ही स्थान पर मिल जाए। 

इस लाइब्रेरी के लिए सुंदरम ने कई पुस्तकें और पर्यावरण पत्रिकाएं मंगवा ली हैं। इसके अलावा लाइब्रेरी में स्कूली बालकों के लिए सरल भाषा में पर्यावरण सिखाने वाली पुस्तकें भी उपलब्ध हैं। सुंदरम कहते हैं कि, उनका प्रयास है कि प्रतापगढ़ के हर 10 गांव के बीच में ऐसी ही एक ग्राम्य लाइब्रेरी की स्थापना की जाए। सुंदरम को उम्मीद है कि निकट भविष्य में वे अपने इस प्रयास में सफल होंगे। 

इन सब के अतिरिक्त सुंदरम प्रतापगढ़ में ग्राम चौपाल का भी कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं। अपने इस कार्यक्रम में सुंदरम क्षेत्र के वरिष्ठ पर्यावरणविदों और समाजसेवियों के साथ गांव सभा-संगोष्ठी इत्यादि का आयोजन करेंगे। 

गौरतलब है कि सुंदरम ने पुरे देश भर की साईकिल से यात्रा की है और सैकड़ों स्कूल-कॉलेजों में पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है। सुंदरम का लक्ष्य उनके क्षेत्र के युवाओं को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना है। सुंदरम पहले भी कई कार्यक्रमों के माध्यम यह कार्य कर रहे थे। बकौल सुंदरम ग्राम्य लाइब्रेरी और ग्राम चौपाल सुंदरम के इसी कार्यक्रम की एक कड़ी है। 

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Author

  • Chandrapratap Tiwari

    Journalist, focused on environmental reporting, exploring the intersections of wildlife, ecology, and social justice. Passionate about highlighting the environmental impacts on marginalized communities, including women, tribal groups, the economically vulnerable, and LGBTQ+ individuals.


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