अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगा दिया है। इसकी मुख्य वजह है भारत का अमेरिकी ‘नॉन-वेज मिल्क’ इंपोर्ट करने से इनकार।
दरअसल, अमेरिका में गायों को सिर्फ घास-फूस नहीं दिया जाता। वहां दूध प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए गायों के चारे में सूअर का मांस, चिकन, गाय की चर्बी और यहां तक कि सूअर-घोड़े का खून भी मिलाया जाता है। इससे शाकाहारी गाय मांसाहारी बन जाती है।
भारत में 38% लोग शाकाहारी हैं और गाय को पूजते भी हैं। ऐसे में मांस खाने वाली गाय का दूध पीना उनकी आस्था के खिलाफ है। पूजा-पाठ में इस्तेमाल होने वाले दूध-घी की शुद्धता का सवाल भी खड़ा होता है।
इसके अलावा, भारत की डेयरी इंडस्ट्री की सुरक्षा भी जरूरी है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और यह सेक्टर 8 करोड़ लोगों को रोजगार देता है। अगर अमेरिकी दूध आया तो भारत के किसानों को 1 लाख करोड़ का नुकसान हो सकता है।
पीएम मोदी ने साफ कहा है कि वे टैरिफ झेलने को तैयार हैं लेकिन किसानों के हितों से समझौता नहीं करेंगे। यह सिर्फ ट्रेड वॉर नहीं, बल्कि संस्कृति और अर्थव्यवस्था दोनों की रक्षा का मामला है।
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