“चेतावनी: इस लेख में पशु क्रूरता का वर्णन है, जो कुछ पाठकों को परेशान कर सकता है।”
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में सिकली जागीर गांव से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां तीन युवकों ने कछुए को बेरहमी से मारकर उसके मांस का सेवन किया। इस क्रूर कृत्य पर वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया है।
क्या है पूरा मामला?
28 अगस्त 2025 को तीन युवक कछुए को सिकली जागीर गांव के तालाब से पकड़कर लाए थे। इस दौरान एक व्यक्ति कछुए को लकड़ी से दबा रहा था और दूसरा व्यक्ति कछुए पर बार-बार कुल्हाड़ी से वार कर रहा था।
हद तो तब हो गई जब इन युवकों ने इस जघन्य कृत्य का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया। युवकों ने कछुए के मांस को पकाकर गांव में दावत का भी आयोजन किया।
यह कृत्य वन्यजीव संरक्षण कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है। जब यह खबर वन विभाग तक पहुंची, तो वन विभाग के अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। उन्होंने गांव में इन तीन युवकों की तलाश शुरु की, लेकिन तब तक तीनों युवक गांव से फरार हो चुके थे।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वीडियो के आधार पर इन तीन युवकों की पहचान कर ली गई है और उनकी तलाश जारी है। जल्द ही इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कछुए क्यों हैं महत्वपूर्ण?
कछुए जलवायु को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इनका काम पानी को साफ रखना, शैवाल को नियंत्रित रखना और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, समुद्री कछुए समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण जीव हैं। इन्हें ‘कीस्टोन प्रजाति’ कहा जाता है, यानी ऐसी प्रजाति जो पूरे पर्यावरण के संतुलन और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होती है।
कछुए समुद्र की घास और जेलीफिश जैसे जीवों की संख्या नियंत्रित करके समुद्री जीवन को संतुलित रखते हैं। उनकी वजह से मछलियों और अन्य छोटे समुद्री जीवों को भी सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिलता है।
पर्यावरणीय और आर्थिक महत्व
कछुए न सिर्फ पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी फायदेमंद हैं। समुद्र तट पर कछुओं को देखने जैसी गतिविधियां पर्यटकों को आकर्षित करती हैं और इससे स्थानीय समुदायों को रोजगार और आय के अवसर मिलते हैं।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कछुओं की हत्या एक गंभीर अपराध है और इसकी सजा कठोर कारावास और जुर्माना है।
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