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सीकर गैंग्सटर राजू ठेहट और किसान ताराचंद हत्याकांड की पूरी कहानी

सीकर गैंग्सटर राजू ठेहट और किसान ताराचंद हत्याकांड की पूरी कहानी
सीकर गैंग्सटर राजू ठेहट और किसान ताराचंद हत्याकांड की पूरी कहानी

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राजस्थान के सीकर के पिपराली रोड स्थित राजू ठेहट के घर पर कोचिंग इंस्टिट्यूट की यूनिफॉर्म पहनकर 5 शार्प शूटर आए और राजू ठेहट को गोलियों से भून दिया।

हत्या के बाद भागते वक्त इन हत्यारों ने अल्टो गाड़ी के पास खड़े एक व्यक्ति ताराचंद कड़वासरा से चाबी छीनी, जब ताराचंद ने इसका विरोध किया तो उसकी भी गोली मारकर हत्या कर दी। कैलाश चंद्र नाम के व्यक्ति को भी पैर में गोली लगी थी जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा है।

सीकर गैंग्सटर राजू ठेहट और किसान ताराचंद हत्याकांड की पूरी कहानी

राजू ठेहट के समर्थक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं उनकी मांग है कि वो राजू ठेहठ और किसान ताराचंद का शव तबतक नहीं उठाएंगे जबतक आरोपी पकड़े नहीं जाते।

इस हत्या की ज़िम्मेदारी लॉरेंस विश्नोई गैंग के गैंग्सटर रोहित गोदारा ने ली है। हत्यारों ने इस वारदात का वीडियो भी बनाया है।

कौन था राजू ठेहट?

वारदात को अंजाम देने वाले 5 शार्प शूटर्स में से पुलिस ने 4 की पहचान कर ली है। राजस्थान पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा के मुताबिक अपराधियों के नाम हैं मनीष जाट, विक्रम गुर्जर, सतीष कुम्हार और जतिन मेघवाल है। शार्प शूटर समेत अब तक 5 आरोपी हिरासत में है। बाकि 4 और बदमाशों की तलाश की जा रही है।

कौन था राजू ठेहट?

सीकर गैंग्सटर राजू ठेहट और किसान ताराचंद हत्याकांड की पूरी कहानी

राजू ठेहट पिछले 24 साल से अपराध की दुनिया में एक्टिव था। उसकी उम्र 43 वर्ष थी। आनंदपाल गैंग से उसकी दुश्मनी थी, दोनों ही गैंग के बीच कई बार फायरिंग और हत्या की वारदातें हो चुकी हैं।

कहते हैं कि 1997 में बलबीर और राजू दोस्त हुआ करते थे। 2005 में एक हत्या ने दोनों के बीच की दोस्ती को दुश्मनी में बदल दिया था।

राजू ने बलबीर के साले विजयपाल की हत्या कर दी थी। इसके बाद बलबीर और आनंदपाल ने राजू के करीबी गोपाल फोगावट की हत्या कर दी थी।

इन दोनों की दुश्मनी की वजह से 15 हत्याएं हुई।
2014 में बलबीर मारा गया था।

अब बिश्नोई गैंग ने बदला लेने के लिए राजू गैंग्सटर को मार दिया है।

कौन थे किसान ताराचंद?

गैंग्सटर राजू को मारने आए बदमाशों ने नागौर डेगाना के निवासी ताराचंद कड़वासरा को भी गोली मार दी। वो अपनी अपनी बेटी को घटना स्थल से सटे हुए इंस्टीट्यूट पर रिसीव करने गए थे। राजू पर हो रहे हमले को देखकर उन्होंने अपनी बेटी को फोन लगाया। बदमाश उनसे गाड़ी की चाबी छीनने लगे। जब ताराचंद ने इसका विरोध किया तो उसकी हत्या कर दी गई।

कौन थे किसान ताराचंद?

पिता का शव रोड पर बदहवास पड़ा देख उनकी बेटियों का रोरोकर बुरा हाल हो गया। इस हृदयविदारक तस्वीर को देखकर सोशल मीडिया पर लोग दुख प्रकट कर रहे हैं।

ताराचंद की 3 बेटियां और एक बेटा है। वो अपनी बेटियों को पढ़ा लिखा कर कामयाब बनाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अपनी 27 बीघा ज़मीन बेच दी थी और उनके ऊपर 6 लाख रुपए का कर्ज था। वो अपने परिवार का पालन पोषण के दूसरों के खेत में काम करते थे।

ताराचंद की मौत के बाद उनके परिवार का बुरा हाल है।

इस हत्याकांड की ज़िम्मेदारी लेने वाले विश्वोई गैंग ने ताराचंद की बेटी का रोता हुआ वीडियो देखकर बयान जारी किया है और परिवार की आर्थिक रुप से मदद करने का भरोसा दिया है। बिश्वोई गैंग ने कहा है कि उनकी ताराचंद से कोई दुश्मनी नहीं थी। वो इसके लिए माफी मांगते हैं।

सीकर में हुई इस घटना के बाद राज्य की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

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  • Climate journalist and visual storyteller based in Sehore, Madhya Pradesh, India. He reports on critical environmental issues, including renewable energy, just transition, agriculture and biodiversity with a rural perspective.

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