...
Skip to content

अजमेर: स्मार्टफोन से फुटबॉल की बारीकियां सीखती लड़कियां

अजमेर: स्मार्टफोन से फुटबॉल की बारीकियां सीखती लड़कियां
अजमेर: स्मार्टफोन से फुटबॉल की बारीकियां सीखती लड़कियां

REPORTED BY

Follow our coverage on Google News

नीराज गुर्जर | अजमेर, राजस्थान | प्रौद्योगिकी के इस युग में न केवल विभिन्न गतिविधियों के लिए संसाधन बदल गए हैं बल्कि डिजिटल संसाधनों का उपयोग भी विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से किया जा रहा है. जिस तरह से एक छोटा सा बीज एक विशाल वृक्ष के बनने का कारण बनता है उसी तरह से इस डिजिटल युग में स्मार्टफोन अलग-अलग क्षेत्रों में किशोरियों के सपनों को उड़ान दे रहा है. इन्हीं क्षेत्रों में एक है खेल का क्षेत्र. इस क्षेत्र में जब से तकनीकी संसाधनों का सहयोग और किशोरियों की कोशिशें मिल जाएं तो सोने पे सुहागा वाली बात हो जाती है. चूंकि हमारे समाज में तकनीक और खेल दोनों को ही महिलाओं के लिए नहीं माना जाता है. रूढ़िवादी परंपराओं से बंधे लोगों की संकुचित सोच है कि तकनीक और खेल दोनों ही पुरुष वर्ग के लिए बने हैं क्योंकि इसमें बल और बुद्धि की आवश्यकता होती है और उनके मतानुसार महिलाओं में इन दोनों का अभाव होता है. लेकिन बदलते वक्त और प्रगतिशील किशोरियां ने उनकी इस संकुचित अवधारणा को न केवल चुनौती दी बल्कि आज भी अनेक विकट परिस्थितियों में उसका डटकर सामना भी कर रही हैं.

डिजिटल तकनीक के माध्यम से अपने हुनर और कौशल को बढ़ाने का काम कर रही हैं अजमेर और केकड़ी के ग्रामीण क्षेत्रों की किशोरियां. जो स्थानीय महिला जन अधिकार समिति द्वारा चलाए जा रहे फुटबॉल कार्यक्रम के तहत फुटबॉल का प्रशिक्षण ले रही हैं और इस खेल में अपना परचम लहरा रही हैं. इन किशोरियों में से कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी फुटबॉल खेल चुकी हैं. इन किशोरियों के सपनों को साकार करने में सामाजिक संस्था महिला जन अधिकार समिति के साथ साथ कही ना कहीं बढ़ती तकनीकी सुविधाओं का भी सहयोग है. ये किशोरियां बताती हैं कि स्मार्टफोन के इस युग ने मानों उनके सामने संभावनाओं के कई नए द्वार खोल दिए हैं. अब इसकी मदद से उन्हें आसानी से स्टेट और नेशनल टूर्नामेंट के बारे में जानकारियां मिल जाती हैं. जिससे उन्हें इसकी तैयारियां करने में मदद मिलती है. अपने सवालों के भीतर ही उत्तर खोजते हुए वह कहती हैं कि तकनीक की इस दुनिया को देखकर कई बार ऐसा प्रतीत होता है कि मानो यह एक जादुई दुनिया है, जो उन्हे पूरे विश्व में खेली जा रही फुटबॉल टूर्नामेंट से जोड़े रखती है. वहीं उन्हें इस खेल के स्टार खिलाडियों के खेलने की तकनीक को बारीकियों से समझने में मदद भी करती है. अभी हाल ही में संपन्न हुआ फीफा विश्वकप फुटबॉल इसका उदाहरण है. जिसे उन्होंने घर बैठकर अपने स्मार्टफोन पर खिलाड़ियों को मैदान में खेलते हुए देखा और उनके खेलने की तकनीक को भी करीब से समझा.

Girls learning soccer skills through smartphones
Girls learning soccer skills through smartphones

किशोरियों की इसी टीम की एक सदस्य 19 वर्षीय ममता जो ग्रेजुएशन सेकंड ईयर की छात्रा भी है, ममता बताती है कि जब से उसके पास स्मार्टफोन आया है उसके फुटबॉल खेलने की क्षमता में और भी निखार आया है. एक तरफ जहां वह मैदान पर जमकर प्रैक्टिस करती है तो वहीं फोन पर स्टार खिलाड़ियों के खेलने की तकनीक को समझती है. ममता राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी फुटबॉल खेल चुकी है. इस खेल में  उसकी असाधारण प्रतिभा के कारण ही वर्ष 2022 में उसे गूगल कंपनी द्वारा गूगल आइकन के रूप में भी चुना गया था. जो ममता के साथ साथ इस खेल को अपना कैरियर बनाने वाली हज़ारों किशोरियों के लिए भी गर्व की बात है. ममता को अपने पसंदीदा खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी के स्किल्स विडियोज देखना बहुत पसंद है. वह घर पर स्किल्स वीडियो देखकर ग्राउंड पर उसी अनुसार खेलने की लगातार प्रैक्टिस करती रहती है. ममता की तरह सपना भी बीए फाइनल ईयर की छात्रा होने के साथ साथ एक बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी भी है. वह अजमेर स्थित हांसियावास फुटबॉल टीम की कप्तान भी है. सपना का पसंदीदा फुटबॉल खिलाड़ी  क्रिस्टियानो रोनाल्डो है. इसका कारण पूछने पर वह मुस्कुराहट के साथ कहती है कि मैंने रोनाल्डो के स्किल्स वीडियो देखे तो उसका गेम तकनीक बहुत ज्यादा पसंद आया. इसके अलावा उसे भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के खेलने की तकनीक भी अच्छी लगती है.

Girls learning soccer skills through smartphones

ममता और सपना की तरह ही 14 वर्षीय प्रियंका, खुशी, बादाम, सुमन और मोनिका भी एक बेहतरीन फुटबॉलर है. जिन्होंने अपने स्मार्टफोन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टार फुटबॉलरों के मैच खेलने की तकनीक को देखकर अपने प्रदर्शनों को सुधारा है. एक ओर जहां वह अपनी सीनियर्स से मैदान पर खेल की बारीक तकनीक को समझती हैं तो वहीं स्मार्टफोन के माध्यम से स्टार फुटबॉलरों की खेल तकनीक को भी समझने का प्रयास करती रहती हैं. वह सीखती हैं कि किस प्रकार विपक्षी खिलाड़ियों की रणनीति को मात देते हुए गेंद को गोल पोस्ट तक पहुंचाई जा सकती है. इसके अतिरिक्त वह इस फोन के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा दिए जाने वाले डाइट टिप्स को भी फॉलो करती हैं. जिससे इनका शरीर मजबूत और निरोगी रहे और वे इसी तरह से अपने खेल में आगे बढ़ती रहें.

किशोरियों की इस फुटबॉल टीम की कोच ममता जांगिड़ वर्तमान में कई गांवों में किशोरियों को फुटबॉल का प्रशिक्षण दे रही हैं. वह स्वयं एक शानदार फुटबॉल खिलाड़ी रह चुकी हैं. स्मार्टफोन के माध्यम से तकनीक सीखने को एक बेहतरीन विकल्प मानते हुए ममता कहती हैं कि वर्तमान समय में हर एक चीज तकनीक से जुड़ गई है और हर क्षेत्र को इसका लाभ भी मिल रहा है, तो भला स्पोर्ट क्षेत्र इससे अलग कैसे रह सकता है? एक खिलाड़ी और कोच के तौर पर मुझे हर एक नई जानकारी के लिए अपडेट रहना जरूरी ओर इसमें मेरा स्मार्टफोन मेरी मदद करता है. ममता कहती हैं कि वर्तमान समय में इसके उपयोग और फायदे को देखते हुए ऐसा लगता है कि यह हमारा दोस्त और कोच दोनों है. लेकिन इसके फायदे के साथ साथ नुकसान के बारे में भी हमें पता होना चाहिए जिससे हम साइबर क्राइम जैसे अपराधों से बचे रहें. यह आलेख संजॉय घोष मीडिया अवार्ड 2022 के अंतर्गत लिखा गया है. (चरखा फीचर)

Read More

Follow Ground Report for Climate Change and Under-Reported issues in India. Connect with us on FacebookTwitterKoo AppInstagramWhatsapp and YouTube. Write us at GReport2018@gmail.com.

Author

Support Ground Report to keep independent environmental journalism alive in India

We do deep on-ground reports on environmental, and related issues from the margins of India, with a particular focus on Madhya Pradesh, to inspire relevant interventions and solutions. 

We believe climate change should be the basis of current discourse, and our stories attempt to reflect the same.

Connect With Us

Send your feedback at greport2018@gmail.com

Newsletter

Subscribe our weekly free newsletter on Substack to get tailored content directly to your inbox.

When you pay, you ensure that we are able to produce on-ground underreported environmental stories and keep them free-to-read for those who can’t pay. In exchange, you get exclusive benefits.

Your support amplifies voices too often overlooked, thank you for being part of the movement.

EXPLORE MORE

LATEST

mORE GROUND REPORTS

Environment stories from the margins