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भारत ने इस वर्ष 242 दिन प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया, मध्यप्रदेश की हालत सबसे ज्यादा खराब

भारत ने इस वर्ष 242 दिन प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया, मध्यप्रदेश की हालत सबसे ज्यादा खराब
भारत ने इस वर्ष 242 दिन प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया, मध्यप्रदेश की हालत सबसे ज्यादा खराब

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Read in English | सेंटर फॉर साईंस एंड एनवायरमेंट की रिपोर्ट ने जलवायु परिवर्तन की वजह से भारत में हो रहे बदलावों पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की है, यह रिपोर्ट बताती है की वर्ष 2022 के 9 महीनों में 88 फीसदी दिन देश में एक्सट्रीम वेदर इवेंट्स दर्ज किये गए हैं, यानी साल के 242 दिन देश के किसी न किसी हिस्से में हीटवेव, कोल्डवेव, तूफान, भारी बारिश, लैंडस्लाईड, बिजली गिरने जैसी खटनाएं दर्ज की गई हैं। यह रिपोर्ट पुष्टी करती है उस चरम मौसम की जिसे आप और हम हर दिन भीषण होता देख रहे हैं और महसूस भी कर रहे हैं।

आईये जानते हैं इस रिपोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण पॉईंट्स-

भारत में मौसमी हादसों की वजह से 2,755 लोगों की मौत इस वर्ष हुई।
18 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल बर्बाद हुई।
4,16,667 कच्चे घर नष्ट हो गए।
सबसे ज्यादा एक्सट्रीम वेदर इवेंट्स मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए, यहां 301 लोगों की मौत हुई।
हिमाचल में सबसे ज्यादा 359 लोगों की मौत एक्सट्रीम वेदर की वजह से हुई।

इस वर्ष मध्यप्रदेश को जलवायु परिवर्तन ने कैसे किया प्रभावित

एमपी में 273 में से 198 दिन एक्सट्रीम वेदर दर्ज किया गया जो देश में सबसे अधिक है।
887 लोगों ने मौसमी घटनाओं की वजह से वर्ष 2022 में अपनी जान गंवाई।
1.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों की फसलें बर्बाद हुई।
28 हज़ार से ज्यादा कच्चे घर टूट गए।
एक्सट्रीम वेदर की वजह से 7,519 जानवरों की जान गई।

इन एक्सट्रीम वेदर इवेंट्स का रहा सबसे ज्यादा असर

बिजली गिरना- पूरे देश में 273 दिनों में 159 दिन बिजली गिरने की घटना दर्ज की गई। इसमें 954 लोगों की मौत हुई। सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में 46 घटनाओं में 164 लोगों की जान गई तो वहीं बिहार में 23 घटनाओं में 243 लोगों की मौत हुई।

हीटवेव- देश में 66 दिन हीटवेव दर्ज की गई, 45 लोगों की मौत हीटवेव की वजह से हुई।
राजस्थान में 42, मध्यप्रदेश में 38, हिमाचल में 33 और यूपी व दिल्ली में 28 दिन हीटवेव रही।
अप्रैल में 23 दिन और मार्च में 17 दिन हीटवेव रही।

बादल फटना
11 दिन बादल फटने की घटना हुई।
जम्मू कश्मीर में दो घटनाओं में 20 लोगों की मौत
हिमाचल में 7 बार बादल फटे 12 लोगों की मौत हुई।

भारी बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाईड
157 दिन भारी बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाईड दर्ज की गई
1214 लोगों ने इन घटनाओं में अपनी जान गंवाई
सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में 72 घटनाएं हुई जिसमें 112 लोगों की जान गई।

कोल्डवेव
देश में 30 दिन कोल्डवेव रही।
एमपी में 21 दिन
यूपी में 20 दिन
पंजाब में 12 दिन
हरियाणा 11 दिन
राजस्थान में 10 दिन

सबसे ज्यादा जनवरी के महीने में 22 दिन कोल्डवेव रही।

आर्थिक नुकसान

वर्लड बैंक के मुताबिक एक्सट्रीम वेदर की वजहसे भारत की जीडीपी में 2.8 फीसदी का सालाना नुकसान हो रहा है।
60 करोड़ लोगों के जीवन स्तर में गिरावट आ रही है।
भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक
किसानों की खरीफ फसल में 4.3 फीसदी और रबी की फसल में 4.1 फीसदी का नुकसान हो रहा है।

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  • Climate journalist and visual storyteller based in Sehore, Madhya Pradesh, India. He reports on critical environmental issues, including renewable energy, just transition, agriculture and biodiversity with a rural perspective.

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