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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी भोपाल के 42 मुहल्लों में खराब सीवेज

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी भोपाल के 42 मुहल्लों में खराब सीवेज
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी भोपाल के 42 मुहल्लों में खराब सीवेज

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शुक्रवार 25 अप्रैल को गैस पीड़ित संगठन समिति ने भोपाल में 42 मुहल्लों का निरीक्षण पूरा किया है। इस निरीक्षण में पाया गया कि ज्यादातर मुहल्लों के लोगों के पास साफ पानी की उपलब्धता नहीं है। इसके अलावा सीवेज से इन इलाकों में बदबू और गंदे पानी की वजह से लोग आज भी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। हालांकि इन 42 मुहल्लों को पाइप लाइन की मदद से साफ पानी मुहैय्या करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को साल 2018 में आदेश दिया था। लेकिन भोपाल नगर निगम की तरफ से आज तक काम पूरा नहीं किया गया है। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में सीवेज और गंदे पानी की निकासी के लिए व्यवस्था करने का भी आदेश था। इसे लेकर साल 2018 में नगर निगम ने कोर्ट में हलफनामा भी दायर किया और बताया कि इन 42 मुहल्लों में सीवेज लाइन बनाने के लिए डीपीआर तैयार किया जा चुका है। जल्द निर्माण कार्य भी शुरू किया जाएगा। फिलहाल 6 साल से ज्यादा का समय गुजर चुका है, लेकिन सीवेज लाइन की व्यवस्था नहीं की गई है।

कबाड़खाने, सुन्दर नगर, शाहीन कॉलोनी और एकता नगर में रहने वाले लोगों ने बताया कि उनके मुहल्लों की पाइपलाइन में प्रेशर से पानी नहीं आता है। शुरूआती 15 मिनट तक केवल गंदा पानी निकलता है। यहां रहने वाले मो. जफ़र बताते हैं, 

सभी पानी के कनेक्शन नालियों के पास से ही किए हैं। पाइपलाइन भी नालियों में ही डूबी हुई है।

टिम्बर मार्केट में रहने वाले जितेंद्र, अधिकारियों को अपने घर में पानी दिखाते हैं। यह पानी गंदा और तली में काई से भरा हुआ देखने को मिलता है। नवजीवन कॉलोनी में रहने वाली रानी भी गंदे पानी की समस्या से परेशान हैं। उनके घर आने वाली पानी की पाइप लाइन नाली में डूबी हुई है। इससे आने वाला पानी पीने लायक ही नहीं रह जाता है। 

कोर्ट के आदेश के बाद रिसालदार में पानी की पाइप लाइन डाली गई थी, लेकिन अनवरी बी के घर के आस पास के 12 घरों को पानी का कनेक्शन ही नहीं दिया गया है। कार्बाइड कारखाने से सटे अटल अयूब नगर में पानी की पाइप लाइन नाले में से होकर ही डाल दी गई है। इससे पानी के साफ होने पर सवाल खड़े होते हैं। 

इस निरीक्षण में नगर निगम के सहायक अभियंता और कार्यकारी अभियंता शामिल हुए। इनके अलावा गैस राहत से डॉ बजाज, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से डॉ पवार, डॉ मिश्रा, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, भोपाल ग्रुप फॉर इंफोर्मेशन एंड एक्शन से रचना ढिंगरा के साथ रीना किरार, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा से नसरीन बी, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा से बालकृष्ण नामदेव भी शामिल रहे। गैस पीड़ित संगठन समिति इस निरीक्षण की रिपोर्ट को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के चैयरमेन जस्टिस संजीव सचदेवा को सौंपेगी। 

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  • Journalist, focused on environmental reporting, exploring the intersections of wildlife, ecology, and social justice. Passionate about highlighting the environmental impacts on marginalized communities, including women, tribal groups, the economically vulnerable, and LGBTQ+ individuals.

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