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पर्यावरण रक्षक सुंदरम तिवारी को मिला विवेकानंद युवा पुरस्कार

पर्यावरण रक्षक सुंदरम तिवारी को मिला विवेकानंद युवा पुरस्कार
पर्यावरण रक्षक सुंदरम तिवारी को मिला विवेकानंद युवा पुरस्कार

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पर्यावरण के संरक्षण के लिए काम कर रहे प्रतापगढ़ के दरियापुर कोट गांव के निवासी सुंदरम तिवारी को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वामी विवेकानंद युवा राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सुंदरम को यह सम्मान राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर लखनऊ में आयोजित एक भव्य समारोह में उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदान किया गया है। सुंदरम को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया है। 

सुंदरम ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर देश भर में साईकिल से यात्रा की, और वृक्षारोपण किया। सुंदरम ने प्रतापगढ़ की सई नदी के संरक्षण के लिए भी मुहिम चलाई है। सुंदरम ने त्यौहार और उत्सवों के दौरान डीजे से होने वाले शोरगुल के जीव जंतुओं पर पढ़ने वाले प्रभाव पर भी प्रकाश डाला है। सुंदरम के ज्ञापन पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अनियत्रित डीजे के संचालन पर रोक भी लगाई है। अभी सुंदरम लगातार प्रतापगढ़ के स्कूल, कॉलेजों में जा कर युवाओं को पर्यावरण के लिए जागरूक कर रहे हैं। 

सम्मानित होने के बाद, सुंदरम तिवारी ने अपनी सफलता को समर्पित करते हुए कहा, “यह सम्मान केवल मेरा नहीं है। यह उन सभी लोगों का है जिन्होंने इस यात्रा में मेरा समर्थन किया।” सुंदरम आगे कहते हैं,

मैं माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी और युवा खेल मंत्री श्री गिरीशचंद्र यादव जी का आभारी हूं, जिन्होंने मेरे प्रयासों को मान्यता दी। उन्होंने यह भी कहा कि यह सम्मान उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रेरित करेगा।

इन सब के अतिरिक्त सुंदरम ‘वन ट्री प्रतापगढ़’ नाम का अभियान चला रहे हैं। सुंदरम मानते हैं कि उनका यह अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ है। इस अभियान के माध्यम से उन्होंने लाखों पौधे लगाए हैं। बकौल सुंदरम यह केवल वृक्षारोपण नहीं था, बल्कि एक आंदोलन था जिसने लोगों को वृक्षारोपण के महत्व से परिचित कराया। इस अभियान ने लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने का काम किया।

सुंदरम तिवारी ने न केवल पर्यावरण संरक्षण को अपना लक्ष्य बनाया, बल्कि इसे एक जन अभियान भी बनाया। सुंदरम बीते कई वर्षों से पर्यावरण के लिए काम करते आ रहे हैं। हालांकि सुंदरम का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अभी कई प्रयास किये जाने बांकी हैं, और वे इस कार्य में आगे भी इसी ऊर्जा के साथ जुटे रहेंगे। 

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