Skip to content

नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर कहां से आया मगरमच्छ?

REPORTED BY

नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर कहां से आया मगरमच्छ?
नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर कहां से आया मगरमच्छ?

बीते सप्ताह, मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में स्थित सेठानी घाट पर एक मगरमच्छ देखा गया, जिससे स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने घाट पर सुरक्षा बढ़ाते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आइये जानते है क्या है ये पूरा मामला।  

सेठानी घाट के किनारे नर्मदा नदी में पिछले 7-8 दिनी से मगरमच्छ दिखाई दे रहा है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में दहशत है और प्रशाशन भी इसे लेकर सतर्क हो गया है। 

प्रशासन ने नगरवासियों की मगरमच्छ से सुरक्षा के लिए चेतावनी बोर्ड लगाया है। इस बोर्ड में लिखा है कि नर्मदा नदी में मगरमच्छ की मौजूदगी के कारण घाट पर नहाना और पूजा करना सख्त मनाही है। इसके साथ ही, घाट के ऊपरी हिस्से पर बैरिकेड्स लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया है ताकि श्रद्धालु नदी के पास न पहुंच सकें। इसके अलावा घाट पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए होम गार्ड, नगर पालिका और वन विभाग की टीमों की भी तैनाती की गई है।

सेठानी घाट पर स्नान और पूजा करने पर यह रोक इसलिए लगाई गई है क्योंकि घाट पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ महाराष्ट्र, बिहार और अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। अब चूंकि बारिश के कारण घाट का जलस्तर बढ़ गया है और मगरमच्छों की मौजूदगी ने दुर्घटना के खतरे को दोहरा कर दिया है। इन्ही समस्याओं के चलते नगर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया है।

अब से कुछ ही दिनों के बाद सावन महीना शुरू हो रहा है, और अन्य त्यौहार भी इसी क्रम में आने वाले हैं। इस वजह से घात में लोगों की आवाजाही बढ़ना जायज है। लेकिन बाढ़ के कारण नदी का बढ़ा स्तर और उसमे मगरमच्छ की मौजूदगी, शहरवासियों की जान के लिए खतरा बन सकती है। प्रशासन ने घाट पर फ्लेक्स बोर्ड लगाकर सूचना दी है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।

यह भी पढ़ें

पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए आप ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुकट्विटरइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सएप पर फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

Author

  • Journalist, focused on environmental reporting, exploring the intersections of wildlife, ecology, and social justice. Passionate about highlighting the environmental impacts on marginalized communities, including women, tribal groups, the economically vulnerable, and LGBTQ+ individuals.

    View all posts

Support Ground Report

We invite you to join a community of our paying supporters who care for independent environmental journalism.

When you pay, you ensure that we are able to produce on-ground underreported environmental stories and keep them free-to-read for those who can’t pay. In exchange, you get exclusive benefits.

mORE GROUND REPORTS

Environment stories from the margins

LATEST