मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार को तीन नए कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) प्लांट का लोकार्पण किया है। ये प्लांट भोपाल, इंदौर और सतना में स्थित है। लोकार्पण कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री मोहान यादव ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया और इन संयंत्रों को ‘कचरे से ऊर्जा’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश की उपजाऊ भूमि, कृषि अवशेषों और जैविक अपशिष्टों का उपयोग करते हुए राज्य को ग्रीन एनर्जी हब में बदलने का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि यह निवेश और साझेदारी का परिणाम है, और राज्य को स्वच्छ, टिकाऊ ऊर्जा-उत्पादन की ओर ले जाएगा।
निवेश एवं क्षमता
इन तीन प्लांट्स को Reliance Green Energy (रिलायंस समूह की इकाई) द्वारा स्थापित किया गया है। कंपनी ने बताया है कि राज्य में कुल छह प्लांट के निर्माण के लिए लगभग 700 करोड़ रु का निवेश किया गया है और इनकी संयुक्त वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 45,000 टन सीएनजी है।
प्रत्येक यूनिट प्रतिदिन लगभग 22.5 टन CBG उत्पादन करने में सक्षम होगी, जिसके लिए लगभग 260 टन कृषि अवशेष प्रतिदिन संसाधित किए जाएंगे। एक प्लांट से उत्पन्न गैस लगभग 2,000 ऑटो-रिक्शा व हल्के वाहन चलाये जा सकते है l
पर्यावरणीय एवं सामाजिक लाभ
इन CNG प्लांटों से वर्ष में लगभग 17,000 टन कार्बन-डाइऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जन में कमी की संभावना कंपनी द्वारा जताई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये संयंत्र “कचरे से ऊर्जा” यानी Waste-to-Wealth की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य में पराली जलाने जैसे प्रदूषण कारक व्यवहार को कम करना इन पहलों का प्रमुख लक्ष्य है।
साथ ही, इन प्लांटों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कामगारों के रोजगार सृजन की संभावना है। कंपनी ने बताया है कि हर प्लांट से लगभग 250 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
विस्तार और राज्य-नीति
राज्य ने पिछले कुछ वर्षों में जैव-ईंधन एवं बायो-एनर्जी को बढ़ावा देने वाले नीतिगत बदलाव किए है। मध्यप्रदेश सरकार की बायोफ्यूल्स नीति 2025 में CBG सहित विभिन्न बायो‐ईंधन प्रणालियों को विकसित करने पर बल दिया गया है।
प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, इन प्लांटों के सफल होने पर भविष्य में राज्य में 100 से अधिक CBG संयंत्र लगाने की योजना है, जिससे श्रम-सृजन, जैविक अपशिष्ट प्रबंधन तथा स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बल मिलेगा।
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