25 बच्चों की मौत के आरोपी और कोल्ड्रिफ काफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीशन फार्मास्यूटिकल के डायरेक्टर जी रंगनाथन को परसिया की सेशन कोर्ट ने 10 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। गुरुवार को मध्य प्रदेश की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने तमिलनाडु से रंगनाथन को गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को उसे नागपुर से परासिया लाया गया। यहां उसका मेडिकल चेकअप किया गया। इसके बाद परासिया पुलिस थाने में पीड़ित परिवार के सदस्यों को भी बुलाया गया। हालांकि कुछ देर रहने के बाद यह परिजन थाने से रवाना हो गए।
प्रारंभिक जानकारी में यह बताया गया था कि रंगनाथन को दोपहर 2 बजे परसिया के सेशन कोर्ट में पेश किया जाना है। हालांकि काफी देर बाद उसे सेशन कोर्ट ले जाया गया। इस दौरान परासिया अधिवक्ता संघ ने यह घोषणा की के उनकी ओर से कोई भी वकील रंगनाथन के केस की पैरवी नहीं करेगा। संघ के अध्यक्ष श्याम कुमार साहू ने कहा कि न सिर्फ स्थानीय वकीलों द्वारा ऐसा किया जाएगा बल्कि अगर कोई वकील बाहर से आकर उसकी पैरवी करता है तो उसे भी ऐसा न करने की समझाइश दी जाएगी।
आज पूरे दिन के घटनाक्रम के दौरान स्थानीय लोगों और वकीलों में गुस्सा भी देखने को मिला। पुलिस कोर्ट से जब रंगनाथन को वापस ले जा रही थी तभी वकीलों ने आरोपी के लिए ‘फांसी दो’ के नारे लगाए। वहीं इस मामले में जान गंवाने वाले 5 साल के हुसैन खान के पिता यासीन खान ने कहा कि इस मामले में ऊपर से लेकर नीचे तक सभी दोषी हैं। हुसैन को 31 अगस्त को पहली बार स्थानीय सरकारी अस्पताल में दिखाया गया था। यहां दवाई खाने के बाद उसकी हालत बिगड़ी जिसके बाद उसे 7 सितंबर को नागपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यहां उन्हें पहली बार पता चला कि उनके बच्चे की किडनी क्षतिग्रस्त है। नागपुर में 3 डायलिसिस के बाद हुसैन की 13 सितंबर को मौत हो गई।
कोर्ट से रंगनाथन को छिंदवाड़ा लेकर जाया गया है। वहीं इस मामले की स्वतंत्र जांच के लिए विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई याचिका पर चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने सुनवाई की। हालांकि कोर्ट द्वारा याचिका को पहली ही सुनवाई में ख़ारिज कर दिया गया। कोर्ट में सरकार का पक्ष रखते हुए सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमें राज्यों पर भरोसा करना चाहिए, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश इस पर कार्रवाई करेंगे।
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