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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे : विकास के इस रास्ते से आदिवासियों को क्या मिला?

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे : विकास के इस रास्ते से आदिवासियों को क्या मिला?

52 वर्षीय किसमल वासुनिया झाबुआ के उदयपुरिया गाँव के रहने वाले हैं. यह गाँव मध्यप्रदेश के उस हिस्से में आता है जहाँ से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे गुज़रता है.

Mahua and Tribals: कैसे जलवायु परिवर्तन महुआ पर निर्भर आदिवासियों के लिए चिंता का विषय है?

Mahua and Tribals: कैसे जलवायु परिवर्तन महुआ पर निर्भर आदिवासियों के लिए चिंता का विषय है?

Mahua and Tribals | देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले आदिवासियों का जीवन वनों और वनोत्पादों पर निर्भर है. महुआ ऐसे ही महत्वपूर्ण वनोत्पाद में से एक है.

मध्य प्रदेश: आदिवासी समाज में भी बढ़ रहा है लैंगिक भेदभाव

मध्य प्रदेश: आदिवासी समाज में भी बढ़ रहा है लैंगिक भेदभाव

सदियों से आदिवासी समाज भले ही आर्थिक रूप से सशक्त नहीं हुआ है, लेकिन सामाजिक रूप से वह हमेशा सभ्य समाज की परिकल्पना को साकार करता रहा है.

बुरहानपुर: सामाजिक कार्यकर्ता माधुरी बेन पर आदिवासियो को भड़काकर जंगल में अतिक्रमण करवाने का आरोप

बुरहानपुर: सामाजिक कार्यकर्ता माधुरी बेन पर आदिवासियो को भड़काकर जंगल में अतिक्रमण करवाने का आरोप

“यह हमला मुझपर नहीं बल्कि आदिवासी समाज पर हमला है. यह उनकी जागरूकता पर हमला है. शिवराज सरकार से आदिवासियों की जागरूकता बर्दास्त नहीं हो पा रही है इसलिए वह यह कार्यवाही कर रही है.”

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बसे आदिवासियों को सपने दिखाकर किया विस्थापित, अब दो बूंद पीने के पानी को भी तरस रहे ग्रामीण

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बसे आदिवासियों को सपने दिखाकर किया विस्थापित, अब दो बूंद पीने के पानी को भी तरस रहे ग्रामीण

Satpura Tiger Reserve area Displacement of tribals yearning for drinking water सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र विस्थापन के नाम पर आदिवासियों से धोखा