यह ‘ग्राउंड रिपोर्ट’ के डेली मॉर्निंग पॉडकास्ट का 64वां एपिसोड है। गुरुवार, 13 नवंबर को देश भर की पर्यावरणीय ख़बरों के साथ पॉडकास्ट में बात COP30 के तीसरे दिन का हाल और चीतों को लेकर भारत-बोत्सवाना के बीच हुए समझौते पर।
मुख्य सुर्खियां
यूएन डेवलपमेंट प्रोग्राम ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि अफगानिस्तान में हर 10 में से 9 परिवार भूख या फिर क़र्ज़ की चपेट में हैं।
ताइवान में तूफ़ान के चलते अब तक कम से कम 51 लोग घायल हुए हैं।
दिल्ली में बुधवार को AQI 418 दर्ज किया गया। इस सीजन में ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदूषण में पराली जालाने का योगदान 22.47% तक रहा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा को पराली जलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा है।
भारत में 2024 में विश्व के 25% टीबी मरीज दर्ज किए गए. यह किसी भी देश की तुलना में सबसे ज्यादा है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को छह सप्ताह के भीतर एक्सपेंडेड दिल्ली रिज मैनेजमेंट बोर्ड (डीआरएमबी) का गठन करने का निर्देश दिया। इससे एक दिन पहले ही न्यायालय ने दिल्ली के ‘ग्रीन लंग्स’ के संरक्षण और सुरक्षा से निपटने के लिए एक ‘सिंगल विंडो अथोरिटी’ की नींव रखी थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने जॉनसन एंड जॉनसन की सब्सिडीयरी कंपनी को उनके ORSL लेबल्ड पेयपदार्थों के बचे हुए स्टॉक की बिक्री से मना कर दिया है।
मध्य प्रदेश में पंजाब के बाद सबसे ज्यादा पराली जलाई जा रही है। पंजाब में जहां इसके 4, 507 मामले दर्ज किए गए हैं वहीं मध्य प्रदेश में 3,569 घटनाएं दर्ज हुई हैं।
प्रदेश में सबसे ज्यादा 614 घटनाएं नर्मदापुरम जिले में दर्ज की गई हैं।
मुख्यमंत्री आज 1.33 लाख किसानों को भावान्तर की 233 करोड़ रु की राशि वितरित करेंगे।
भोपाल के केरवा डैम का एक हिस्सा धंसने के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी डैम का सेफ्टी ऑडिट करवाएगी।
भोपाल में लगातार 5वें दिन पारा 8 डिग्री के आस-पास दर्ज किया गया। यहां बुधवार को न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस रहा। अगले 3 दिनों तक भोपाल समेत मध्य प्रदेश के एक चौथाई हिस्से में शीतलहर चलने की सम्भावना है।
चर्चा
कॉप 30 का तीसरा दिन ( वाहिद भट के साथ)
तीसरे दिन ब्राजील ने फाइनेंस, ट्रेड मेजर्स, और इमिशन (उत्सर्जन) जैसे मुश्किल मुद्दों को आगे बढ़ाने की कोशिश की। सात घंटे तक मशवरा हुआ, लेकिन कोई अंतिम परिणाम सामने नहीं आया। शनिवार के लिए नया टॉक्स सेशन रखा गया है।
फ्यूल रोड मैप: यह मुद्दा फिर से अटक गया। हालांकि ब्राजील ने ओपनिंग में रोड मैप की बात की थी, लेकिन ब्राजील के कॉप 30 के प्रेसिडेंट ने कहा कि जीवाश्म ईंधन (फिसल फ्यूल) का एजेंडा एजेंडे में शामिल ही नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि ब्राजील खुद तेल और गैस की बिक्री और अपने देश में उत्खनन कर रहा है, इसलिए शायद वह इस मुद्दे को साइडलाइन कर रहा है।
विकासशील देशों का दबाव (G77 और चीन): 134 विकासशील देशों ने मिलकर एक नया मैकेनिज्म (तंत्र) मांगा है। इसका मकसद यह है कि ऊर्जा बदलाव (एनर्जी शिफ्ट) में श्रमिकों, प्रकृति, और सोशल एक्टिविस्ट के सामाजिक अधिकारों का ख्याल रखा जाए। कुछ अमीर देशों ने आशंका जताई कि नया मैकेनिज्म बनाने का काम धीमा हो सकता है, फिर भी विकासशील देशों पर दबाव बढ़ रहा है।
अडॉप्शन फाइनेंस: एलडीसी (LDC) समूह ने 2030 तक अडॉप्शन फाइनेंस का गोल तीन गुना ज्यादा करने का प्रस्ताव रखा, जो लगभग 120 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष होगा।
स्वदेशी लोगों का विरोध: 200 से अधिक नावों ने ‘पीपलर्स समिट’ में प्रदर्शन किया, जिसमें उनकी मांगें खनन (माइनिंग), तेल, और भूमि अधिकारों से संबंधित थीं। कल रात भी प्रदर्शनकारियों ने वेन्यू के गेट तोड़ने की कोशिश की, जिसमें दो सुरक्षा अधिकारी जख्मी हुए (पहले भी एक अधिकारी जख्मी हुआ था)।
इस बीच कॉप 31 की मेजबानी का फैसला अभी भी अटका हुआ है। ऑस्ट्रेलिया और टर्की दोनों होस्ट बनना चाहते हैं और कोई पीछे नहीं हट रहा है। अब वोटिंग के आधार पर ही फैसला किया जाएगा।
कॉप 30 का आगामी एजेंडा (आज की चर्चाएँ)
लीडर्स राउंड टेबल, नेताओं के बयान।
पार्लियामेंटेरियन मॉर्निंग सेशन।
क्लाइमेट एक्सचेंज नेटवर्क इंटरनेशनल की प्रेस कॉन्फ्रेंस।
स्वदेशी लोगों (Indigenous People) और किसानों (Farmers Daily Coordination) की डेली कोऑर्डिनेशन मीटिंग, जिसमें खेती पर बात होगी।
नेट जीरो इमिशन।
डिजिटल टेक्नोलॉजी को क्लाइमेट और सस्टेनेबिलिटी के साथ कैसे जोड़ा जाए?
वुमेन जेंडर्स और हेल्थ व क्लाइमेट चेंज से जुड़े मुद्दे।
भारत और बोत्सवाना के बीच चीता ट्रांसलोकेशन (चंद्रप्रताप तिवारी)
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अभी अफ्रीकी देशों (बोत्सवाना और अंगोला) के दौरे पर हैं। इस दौरान भारत और बोत्सवाना के बीच कई विषयों पर बातचीत आगे बढ़ी, जिनमें स्किल डेवलपमेंट और रिन्यूएबल एनर्जी शामिल हैं।
चीतों का स्थानांतरण: सबसे अहम विषय चीतों का ट्रांसलोकेशन रहा है।
आठ बोत्सवाना के चीते अगले दो-तीन महीनों में भारत लाए जाएंगे।
भारत का प्रोजेक्ट चीता एक लंबा प्रोजेक्ट है, जिसमें लगभग 25 साल लगेंगे। इसका लक्ष्य 60 से 70 सेल्फ सस्टेनिंग (आत्मनिर्भर) चीतों की मेटा पापुलेशन विकसित करना है।
उन्हें कूनो या गांधी सागर अभयारण्य में शिफ्ट किया जाएगा। भारत लाने से पहले की तैयारियां काफी लंबी होंगी। दोनों देशों के बीच इस पर औपचारिक सहमति बन गई है।
ये दोनों जगहें इसलिए चुनी गई हैं ताकि चीतों को अपनी टेरिटरी बनाने और एक सस्टेनेबल मेटा पापुलेशन डेवलप करने के लिए लंबी टेरिटरी मिल सके। बड़ी बिल्लियों (Big Cats) के लिए टेरिटोरियल आइडेंटिटी बहुत महत्वपूर्ण है।
कूनो और गांधी सागर का लैंडस्केप लगभग 9,000 वर्ग किलोमीटर के दायरे में आता है।
दो जगहों पर आबादी होना इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर एक लोकलाइज्ड आबादी में कोई बीमारी आ जाती है या कोई अन्य समस्या आती है, तो दूसरी आबादी पूरे प्रोजेक्ट और स्पीशीज को संरक्षित कर सकती है।
जब कोई आबादी एक सीमित क्षेत्र में रहती है, तो उसकी जेनेटिक डाइवर्सिटी (आनुवांशिक विविधता) प्रभावित होती है। एक बड़े क्षेत्र में फैलाव आनुवांशिक संकीर्णता (जेनेटिक बॉटल नेक) की स्थिति को रोकता है।
तैयारियां: चीतों को लाने से पहले उन्हें बोमा कैप्चर में क्वारंटाइन में रखा जाता है। गांधी सागर का उदाहरण देते हुए बताया गया कि वहां 64 वर्ग किलोमीटर का एक फेंसड एरिया है, जहां उन्हें तब तक रखा जाएगा जब तक वे उसे अपनी टेरिटरी स्वीकार नहीं कर लेते। प्रोजेक्ट अभी शुरुआती चरण में है।
यह था हमारा डेली मॉर्निंग पॉडकास्ट। ग्राउंड रिपोर्ट में हम पर्यावरण से जुडी हुई महत्वपूर्ण खबरों को ग्राउंड जीरो से लेकर आते हैं। इस पॉडकास्ट, हमारी वेबसाईट और काम को लेकर आप क्या सोचते हैं यह हमें ज़रूर बताइए। आप shishiragrawl007@gmail.com पर मेल करके, या ट्विटर हैंडल @shishiragrawl पर संपर्क करके अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
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