नमस्कार। ग्राउंड रिपोर्ट के इस डेली मॉर्निंग पॉडकास्ट का यह सारांश प्रस्तुत है, जो 24 अक्टूबर शुक्रवार की खबरों और चर्चाओं पर आधारित है।
हेडलाइन्स
आंध्र प्रदेश बस दुर्घटना: आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में एक प्राइवेट बस में आग लग गई, जिसमें कम से कम 20 यात्री जिंदा जल गए। केंद्र सरकार ने पीड़ितों के परिवार के लिए ₹2 लाख और घायलों के लिए ₹50,000 की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।
दिल्ली एनसीआर में आवारा कुत्तों के फीडिंग पॉइंट्स: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, दिल्ली एनसीआर के 12 जोन में अब तक कुल 292 फीडिंग पॉइंट्स चिन्हित किए जा चुके हैं।
पराली जलाने के मामले: धान की कटाई का सीजन आगे बढ़ने के साथ ही पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। पंजाब में इस सीजन में अब तक 2,512 मामले सामने आ चुके हैं, और लगभग 215 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
मध्य प्रदेश में किसानों को ब्याज मुक्त लोन: मध्य प्रदेश कैबिनेट ने प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिटेड कोऑपरेटिव सोसाइटी (पीएसीएस) से किसानों को 3 लाख तक का ब्याज मुक्त लोन देने की योजना जारी रखने का निर्णय लिया है। यह लोन केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने अपने पिछले लोन समय पर चुकाए हैं।
कार्बाइड गन पर प्रतिबंध: कार्बाइड गन से घायल होने वाले बच्चों की संख्या 316 हो चुकी है। इसके बाद भोपाल, विदिशा और ग्वालियर में कैल्शियम कार्बाइड गन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, और पूरे मध्य प्रदेश में ऐसे विक्रेताओं को खोजने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
प्रोजेक्ट चीता का दायरा सीमित: प्रोजेक्ट चीता का दायरा अब केवल मध्य प्रदेश तक सीमित होगा। सागर और दमोह जिले के नौरादेही अभयारण्य में चीतों को बसाया जाएगा। एनटीसीए ने इसके लिए ₹5 करोड़ का फंड जारी किया है और आगे ₹3 करोड़ और जारी किए जाएंगे।
केला उत्पादक किसानों का प्रदर्शन: बुरहानपुर में केला उत्पादक किसानों ने केले के न्यूनतम दाम (एमएसपी) तय करने और इसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल करने को लेकर प्रदर्शन किया।
चर्चा
पॉडकास्ट में दो प्रमुख खबरों पर विस्तार से चर्चा की गई: फिलीपींस में आए टाइफून से पीड़ित लोगों द्वारा एक जीवाश्म ईंधन कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर करना, और भोपाल नगर निगम के दिवाली कचरा संग्रहण के आंकड़ों का सत्यापन।
1. फिलीपींस में सुपर टाइफून राय (ओडेट) के पीड़ितों द्वारा शेल कंपनी पर मुकदमा
यह चर्चा फिलीपींस में 2021 में आए सबसे शक्तिशाली तूफान, सुपर टाइफून राय (जिसे स्थानीय रूप से ओडेट कहा जाता है) पर केंद्रित थी। इस तूफान के कारण 400 से अधिक लोगों की मौत हुई, 3.2 मिलियन लोग विस्थापित हुए, और 1 मिलियन से अधिक घर नष्ट हो गए थे।
फिलीपींस के प्रभावित आइलैंड समुदायों ने, जिनमें 67 सर्वाइवर्स शामिल हैं, लंदन स्थित जीवाश्म ईंधन कंपनी शेल (Shell) के खिलाफ ब्रिटेन की अदालत में मुकदमा दायर करने की इच्छा जताई है और नोटिस भेजा है।
समुदायों का आरोप है कि शेल को 60 साल पहले भी पता था कि उनके एमिशन (उत्सर्जन) के कारण मानव जनित जलवायु परिवर्तन (Human-Induced Climate Change) हो रहा है, लेकिन उन्होंने अपने लाभ के लिए इसे जारी रखा, जिसका खामियाजा अब ग्लोबल साउथ भुगत रहा है।
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के शोधकर्ताओं के अनुसार, दुनिया भर में अब तक फॉसिल फ्यूल कंपनियों के खिलाफ डैमेज के एवज में भुगतान मांगने वाले 11 सिविल सूट दायर हो चुके हैं।
यह मुकदमा कई मायनों में अलग है: यह पहला ऐसा मामला है जिसमें चार साल पहले आए टाइफून के लिए लॉस एंड डैमेज मांगा जा रहा है, जबकि अन्य मुकदमों में भविष्य के जलवायु संकटों के लिए क्षतिपूर्ति मांगी गई थी।
यह केस एविडेंस बेस्ड (साक्ष्य आधारित) है, जिसमें फिलीपींस की ह्यूमन राइट कमीशन (मानवाधिकार आयोग) की रिपोर्ट को आधार बनाया गया है। इस आयोग ने निष्कर्ष निकाला था कि प्रदूषकों (emitters) का कानूनी दायित्व है कि वे जलवायु संबंधी नुकसानों को दूर करें।
आयोग की इन्वेस्टिगेशन ने दुनिया की 47 सबसे बड़ी तेल, गैस और सीमेंट उत्पादक कंपनियों को इस क्लाइमेट क्राइसिस के लिए जिम्मेदार माना था।
इस मुकदमे को एक हथियार के रूप में देखा जा रहा है जो इस सैद्धांतिक बात को कानूनी तौर पर पुख्ता कर सकता है कि जीवाश्म ईंधन कंपनियां जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं और प्राकृतिक आपदाओं से गरीब समुदाय सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
2. भोपाल नगर निगम के कचरा संग्रहण के दावों पर सवाल
दूसरी चर्चा भोपाल नगर निगम (बीएमसी) द्वारा दिवाली के बाद कचरा संग्रहण के दिए गए आंकड़ों पर केंद्रित थी।
बीएमसी ने दावा किया था कि उसने दिवाली का 15 टन कचरा इकट्ठा किया है, जिसमें आरिफ नगर बेस ट्रांसफर स्टेशन ने कथित तौर पर सबसे ज्यादा तीन टन कचरा इकट्ठा किया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार जमाल अय्यूब की एक रिपोर्ट में इस दावे पर सवाल उठाए गए हैं।
रिपोर्ट के इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि आरिफ नगर स्टेशन पर पटाखों के कचरे का वजन कभी नापा ही नहीं गया था।
वहां के सुपरवाइजर ने बताया कि कचरे के लिए रखे गए तीन कंटेनरों में से एक खाली था, दूसरा 10% भरा था, और तीसरा भी पूरी तरह से नहीं भरा था। सुपरवाइजर के मुताबिक, अगर सारे कंटेनर भर भी जाते तो अधिकतम कचरा केवल डेढ़ टन होता।
विशेषज्ञों ने बताया कि बीएमसी द्वारा बताए गए तीन टन कचरे में से ज्वलनशील सामग्री का हिस्सा सिर्फ कुछ किलो में ही होगा, टन तक नहीं पहुंचेगा।
जांच में यह गड़बड़ी भी सामने आई कि दिवाली की छुट्टियों के कारण ग्राउंड लेवल पर वेरिफिकेशन नहीं हुआ, और जीपीएस-अटैच्ड फोटोग्राफ्स में जो कंटेनर भरे दिखाए गए थे, वे अगले दिन खाली मिले। यह रिपोर्ट सरकारी दावों के सत्यापन की आवश्यकता को उजागर करती है।
ग्राउंड रिपोर्ट का डेली इंवायरमेंट न्यूज़ पॉडकास्ट ‘पर्यावरण आज’ Spotify, Amazon Music, Jio Saavn, Apple Podcast, पर फॉलो कीजिए।






