यह ग्राउंड रिपोर्ट पॉडकास्ट एपिसोड, गुरुवार 20 नवंबर का है, जिसमें पर्यावरण और कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों और चर्चाओं को शामिल किया गया है।
हेडलाइंस/ Headlines
खनिजों की रॉयल्टी दरों में बदलाव: भारत सरकार ने ग्रेफाइट, सीजियम, रूबिडियम और जरकोनियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की रॉयल्टी दरें बदल दी हैं। अब पहले से तय दरों के बजाय वैल्यू बेस्ड (कीमत के हिसाब से) रॉयल्टी ली जाएगी। इस कदम का लक्ष्य देश में माइनिंग को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता कम करना है।
प्रदूषण के कारण आउटडोर खेलों पर रोक: दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नवंबर-दिसंबर के सभी आउटडोर खेल कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। डॉक्टरों के अनुसार, यह स्तर बच्चों के फेफड़ों की वृद्धि को रोकता है और उनकी इम्यूनिटी कमजोर करता है।
अवैध कब्ज़ा पकड़ने के लिए एआई सिस्टम: ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इसरो के साथ मिलकर एक नया एआई (AI) सिस्टम शुरू किया है जो सेटेलाइट डेटा की मदद से सरकारी जमीन पर हुए अवैध कब्ज़े को पकड़ता है। यह सिस्टम रियल टाइम अलर्ट और डैशबोर्ड मॉनिटरिंग की सुविधा देता है और इसका उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना है।
दिल्ली-एनसीआर में गंभीर प्रदूषण: दिल्ली और एनसीआर के शहर अब भी देश के सबसे प्रदूषित इलाकों में गिने जाते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि पराली जलाने की घटनाएं घटने के बावजूद हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर बनी हुई है। वाहनों से निकलने वाला गैस उत्सर्जन और घरों से निकलने वाला धुआं हालात बिगाड़ रहा है।
भोपाल में पेड़ हटाए जाने का विवाद: भोपाल के अरेरा हिल्स में विधायकों के लिए बन रहे मकानों के प्रोजेक्ट में 244 पेड़ हटाए जा रहे हैं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्य बिना वन विभाग की मंजूरी के किया जा रहा है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों के उस दावे पर सवाल उठाए हैं कि पेड़ काटने की इजाजत चाहिए, लेकिन ट्रांसलोकेशन (शिफ्ट करने) के लिए नहीं।
गुजरात में बाघ की वापसी: गुजरात के लाहौर जिले के रतन महल अभयारण्य में कई दशकों बाद एक बाघ दिखाई दिया है। यह वही प्रजाति है जिसे राज्य में विलुप्त (लुप्त) मान लिया गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह जंगलों की हालत और आपसी कनेक्टिविटी में सुधार का प्रमाण है।
फसल बीमा योजना में बड़े बदलाव: भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में बड़ा बदलाव किया है। अब जंगली जानवरों से होने वाला फसल का नुकसान और धान में जल भराव (बाढ़) को भी बीमा कवर में शामिल किया गया है। यह नियम खरीफ 2026 से लागू होंगे, और किसान 72 घंटे के भीतर ऐप पर फोटो के साथ दावा कर सकेंगे।
मध्य प्रदेश में चरम मौसमी घटनाओं से मौतें: जनवरी से सितंबर 2025 के बीच मध्य प्रदेश में चरम मौसमी घटनाओं (एक्सट्रीम वेदर इवेंट्स) के कारण 532 लोगों की मौत हुई है। सीएसई (CSE) की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
उज्जैन लैंड पूलिंग योजना पर गतिरोध: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लैंड पूलिंग योजना (जिसे बाद में योजना/पॉलिसी बताया गया, एक्ट नहीं) वापस लेने के बावजूद, भारतीय किसान संघ (बीकेएस) और सरकार के बीच टकराव खत्म नहीं हुआ है। किसान संघ ने योजना का गजट नोटिफिकेशन पूरी तरह से रद्द करने की मांग की है।
चर्चा
पॉडकास्ट में तीन मुख्य विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में बदलाव, मध्य प्रदेश में चरम मौसमी घटनाओं की रिपोर्ट, और उज्जैन लैंड पुलिंग योजना पर किसान संघ का विरोध।
1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में विस्तार केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने खरीफ 2026 से PMFBY के तहत जंगली जानवरों के हमलों (जैसे हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय) और धान की बाढ़ से होने वाले नुकसान को कवर करने की घोषणा की है। यह फैसला कई राज्यों की लंबे समय से चली आ रही मांग पर लिया गया है। जंगली जानवरों के हमले को लोकलाइज़्ड रिस्क कैटेगरी के तहत पांचवें एड-ऑन कवर के रूप में पहचाना जाएगा। जंगली जानवरों के हमलों से किसान खेती छोड़ रहे थे, खासकर जंगलों के करीब रहने वाले किसान। आकलन के लिए किसानों को 72 घंटे के भीतर क्रॉप इंश्योरेंस ऐप पर जियो-टैग फोटो अपलोड करनी होगी। हालांकि, यह चिंता व्यक्त की गई कि सैटेलाइट आधारित तकनीकों से आकलन होने पर किसानों को पहले की तरह ही कम मुआवज़ा मिल सकता है।
2. भारतीय किसान संघ (BKS) और लैंड पुलिंग योजना पर टकराव मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लैंड पुलिंग योजना (या नीति) में संशोधन करने पर भारतीय किसान संघ ने नाराजगी व्यक्त की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष (कमल सिंह नंजाना) ने सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने एक्ट को पूरी तरह खत्म नहीं किया, बल्कि नियमों में उलझाने वाला संशोधन (धारा 50 12 का में संशोधन) किया है। किसान संघ की मुख्य मांगें हैं कि उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में योजना का गजट नोटिफिकेशन पूरी तरह से रद्द किया जाए, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं और सिंहस्थ का आयोजन पूर्व की तरह किया जाए।
3. मध्य प्रदेश में चरम मौसमी घटनाओं पर सीएसई की रिपोर्ट सीएसई (सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट) डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि जनवरी से सितंबर 2025 तक, मध्य प्रदेश में चरम मौसमी घटनाओं (जैसे बाढ़, ओलावृष्टि, बिजली गिरना) के कारण देश में सबसे ज्यादा 532 मौतें हुईं। राज्य ने 273 दिनों में से 144 दिन अत्यधिक मौसम का सामना किया। भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण 348 मौतें हुईं, जबकि बिजली गिरने से 183 मौतें हुईं। इसके अलावा, 12,000 हेक्टेयर फसल और 489 घरों का नुकसान हुआ। यह रिपोर्ट दर्शाती है कि मध्य प्रदेश का मौसमी परिदृश्य अप्रत्याशित बन रहा है और यह राज्य पिछले कुछ सालों से एक्सट्रीम वेदर इवेंट्स के मामले में टॉप पर रहा है।
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