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कैसा रहा COP 30 का पहला दिन?

यह पॉडकास्ट “ग्राउंड रिपोर्ट का डेली मॉर्निंग पॉडकास्ट” है, जिसे शिशिर अग्रवाल होस्ट कर रहे हैं। यह मंगलवार 11 नवंबर का संस्करण है आज देश और दुनिया की प्रमुख हेडलाइंस और ब्राजील में आयोजित कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP 30) पर विस्तृत चर्चा


हेडलाइंस/Headlines

दिल्ली में कार ब्लास्ट: सोमवार शाम को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक चलती कार में विस्फोट हो गया, जिसमें कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है।


तिरुपति घी आपूर्ति घोटाला: तिरुपति मंदिर के लड्डू पर हुए विवाद की जांच कर रही एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने पाया है कि 2019 से 2024 के बीच मंदिर को करीब ₹50 करोड़ का मिलावटी घी सप्लाई किया गया था।


प्रधानमंत्री मोदी का भूटान दौरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से भूटान दौरे पर हैं। वह भारत और भूटान के साझा प्रयास से स्थापित किए गए 1020 मेगावाट के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे।


दवा निर्माण इकाइयों का निरीक्षण (संशोधित शेड्यूल एम): ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दवा निर्माण इकाइयों का तत्काल निरीक्षण करने का आदेश दिया है। यह निर्देश संशोधित शेड्यूल एम नॉर्म्स का पालन सुनिश्चित करने के लिए दिए गए हैं।

ये मापदंड भारतीय औषधीय उत्पादन मानकों को वैश्विक गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिससेस (GMP) के अनुरूप बनाते हैं।

यह कदम भारत में बने दूषित कफ सिरप से हुई मौतों के बाद वैश्विक चिंताओं के कारण उठाया गया है।

जिन निर्माताओं ने समय सीमा नहीं मांगी थी, उन्हें तुरंत अनुपालन करना आवश्यक है, और जिन्हें समय सीमा दी गई थी, उन्हें 1 जनवरी 2026 तक इन मानकों को पूरा करना होगा।


मध्य प्रदेश की खबरें (वन्यजीव और मौसम):

जल्द ही असम से लगभग 50 वाइल्ड बफेलो (जंगली भैंसे) मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क लाए जाएंगे।

मध्य प्रदेश के संजय टाइगर रिजर्व में एक बाघ के अवशेष मिले हैं, जिस पर वन विभाग ने जांच शुरू कर दी है।

सोमवार को देश के सबसे ठंडे शहरों में मध्य प्रदेश के नौ शहर शामिल थे।

शहडोल के कल्याणपुर में सबसे कम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

भोपाल में 37 साल बाद ऐसा हुआ है कि लगातार तीन दिन शीत लहर चल रही है। सोमवार को यहां का न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य से 7.5 डिग्री कम है।

जबलपुर में मृत्यु दर में वृद्धि: जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के रेस्पिरेटरी विभाग में बीते पांच हफ्तों में लगभग 35 मौतें हो चुकी हैं। यह सामान्य मृत्यु दर से पांच गुना ज्यादा है, जैसा कि दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में बताया गया है।


चर्चा

पॉडकास्ट में मुख्य चर्चा सहयोगी वाहिद भट्ट और चंद्र प्रताप तिवारी के साथ ब्राजील में चल रहे कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP 30) के पहले दिन के घटनाक्रम और संबंधित मुद्दों पर केंद्रित है।

1. COP 30 के पहले दिन का घटनाक्रम (वाहिद भट्ट द्वारा)

सकारात्मक माहौल: COP 30 का माहौल “आश्चर्यजनक रूप से सकारात्मक” रहा। होस्ट देश ब्राजील ने एजेंडे पर होने वाले संभावित कॉन्फ्लिक्ट को शुरू होने से पहले ही संभाल लिया था।

एजेंडा स्वीकृति: देशों ने औपचारिक एजेंडे को बिना किसी संशोधन के स्वीकार कर लिया, जो इस बात का संकेत है कि सभी पक्ष समझौते को सुचारू रूप से शुरू करना चाहते हैं।

मुख्य चर्चा बिंदु: आज से औपचारिक डिस्कशन (consultations) शुरू होने हैं, जो मुख्य रूप से चार मुद्दों पर केंद्रित होंगे: विकासशील देशों से वित्त की प्रतिबद्धता, ट्रेड मेजर्स (जैसे ईयू का कार्बन बॉर्डर टैक्स), 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को बनाए रखने की योजना, और राष्ट्रीय जलवायु डेटा की पारदर्शिता

ट्रॉपिकल फॉरेस्ट फॉरएवर फैसिलिटी (TFFF): ब्राजील ने 6 नवंबर को औपचारिक रूप से TFFF लॉन्च करने की घोषणा की। यह “पेमेंट फॉर परफॉर्मेंस” का एक नया मॉडल है, जिसके तहत उष्णकटिबंधीय वन वाले देशों को उनके वनों की रक्षा के लिए सालाना पुरस्कार मिलेगा। आज TFFF की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी।

उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मांगें: इंडिया और चाइना जैसे देशों ने ‘लाइक माइंडेड कंट्रीज’ और ‘अरब ग्रुप’ के साथ मिलकर आर्टिकल 9.1 के तहत फाइनेंस की मांग उठाई है। उन्होंने ट्रेड से संबंधित एकतरफा उपायों पर भी आपत्ति व्यक्त की है।

छोटे द्वीप समूह: ‘एलायंस ऑफ स्मॉल आइलैंड स्टेट्स’ ने ‘सर्वाइवल एजेंडा’ को आगे बढ़ाया है, चेतावनी दी है कि 1.5°C लक्ष्य से आगे जाना उनके लिए जीवन-मृत्यु का सवाल है।

उत्सर्जन कटौती: एक नए यूएन विश्लेषण के अनुसार, दुनिया सीडीएस (NDCs) के आधार पर 2035 तक 2019 के स्तर से 12% उत्सर्जन कटौती की ओर बढ़ रही है। हालांकि, वैज्ञानिकों के अनुसार 1.5°C लक्ष्य के लिए 60% कटौती आवश्यक है।

ब्राजील का विरोधाभास: चिंता का विषय यह है कि जहां ब्राजील इस कॉन्फ्रेंस की मेजबानी कर रहा है, वहीं उसने अमेज़ॅन क्षेत्र में ऑयल ड्रिलिंग को हरी झंडी दे दी है।

आज का एजेंडा: मुख्य चर्चाएँ चार एजेंडा आइटमों पर होंगी, साथ ही लॉस एंड डैमेज फंड्स पर एक विशेष सत्र भी रखा गया है, जिसकी मांग ग्लोबल साउथ के देश कर रहे हैं।

2. ट्रॉपिकल फॉरेस्ट फॉरएवर फैसिलिटी (TFFF) (चंद्र प्रताप तिवारी द्वारा)

TFFF क्या है: यह एक सेल्फ-फाइनेंसिंग इन्वेस्टमेंट फंड है, जिसका लक्ष्य रिच सरकारों, फिलैंथ्रोपिस्ट्स, और निजी निवेशकों के माध्यम से 125 बिलियन डॉलर जुटाना है। यह राशि 74 विकासशील देशों में पुराने उष्णकटिबंधीय वनों के संरक्षण के लिए वितरित की जाएगी। ब्राजील, कोलंबिया, नॉर्वे जैसे देशों ने इसमें योगदान की घोषणा की है।

आलोचना: कई विशेषज्ञ इस फंड की आलोचना कर रहे हैं क्योंकि यह बॉन्ड में निवेश के माध्यम से काम करेगा।

बाजार जोखिम: बॉन्ड बाजार पर निर्भर होने के कारण, यह फंड बाजार की भेद्यता (market vulnerability) से प्रभावित हो सकता है, जैसा कि कोविड-19 या 2008-09 के बैंकिंग संकट में देखा गया था।

रिच देशों की जिम्मेदारी: आलोचकों का मानना है कि यह फंड अमीर देशों द्वारा नेचर फाइनेंस में अपने कानूनी दायित्व (legal obligation) को डाइल्यूट करने का एक प्रयास हो सकता है।

अनाधिकारिक स्थिति: TFFF को इस कारण भी क्रिटिसाइज किया जा रहा है कि यह जलवायु परिवर्तन के लिए संयुक्त राष्ट्र के पूरे फ्रेमवर्क (UNFCCC) का आधिकारिक हिस्सा नहीं है।

COP 30 में TFFF फंड को स्थापित करना, जलवायु वित्त के लिए एक अस्थिर “बाजार आधारित समाधान” प्रस्तुत करता है। इसे ऐसे समझा जा सकता है जैसे कि आप एक आवश्यक सार्वजनिक सेवा (जैसे पानी की आपूर्ति) को सरकारी फंडिंग के बजाय, पूरी तरह से शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर आधारित बॉन्ड इन्वेस्टमेंट पर निर्भर कर दें—जरूरत पड़ने पर पैसा उपलब्ध होने की गारंटी कम हो जाती है क्योंकि यह बाजार की जोखिमों के अधीन होता है।


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