नमस्कार, आप सुन रहे हैं ग्राउंड रिपोर्ट का डेली मोर्निंग पॉडकास्ट. मैं हूँ चंद्र प्रताप और हम बात करेंगे पर्यावरण से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण खबरों की. सबसे पहले नज़र डालते हैं शुक्रवार 19 दिसंबर की हेडलाइंस पर.
मुख्य सुर्खियां
दिल्ली में BS VI उत्सर्जन मानकों का पालन न करने वाले वाहनों के खिलाफ सख्ती बढ़ाई गई है। सीमाओं पर जांच के दौरान 2,768 वाहनों की जांच की गई, जिनमें से 460 को वापस भेजने के आदेश दिए गए। इस कार्रवाई में 289 वाहनों के चालान भी काटे गए, ताकि प्रदूषण नियंत्रण नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके।
महाराष्ट्र के आदिवासी इलाकों खासकर मेलघाट में कुपोषण से बच्चों की मौतों के मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को न केवल कड़ी फटकार लगाई है बल्कि यह भी कहा है कि प्रशासन मुद्दे को हल्के में ले रहा है।
ताज़ा Down To Earth रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर भारत में इस सर्दी का मौसम असामान्य रूप से गर्म और सूखा चल रहा है, जिसका एक बड़ा कारण है पश्चिमी विक्षोभ की कमजोर गतिविधि और जेट स्ट्रीम का अपने सामान्य मार्ग से हटना, जिससे हिमालयी क्षेत्रों पर बरसात और बर्फबारी कम हो रही है और नमी भी कम मिल रही है।
भोपाल-मध्य प्रदेश में एक हैरान कर देने वाली घटना में एक चीता के शावक के बाल टायर पर पाए जाने के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी वाहन ने घायल या कमजोर शावक को टक्कर मारी हो सकती है।
मंडला ज़िला प्रशासन ने कान्हा टाइगर रिज़र्व और उसके आसपास के पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्रों में 5 जनवरी तक तेज़ आवाज़, डीजे, साउंड सिस्टम, टीवी, एलईडी स्क्रीन और पटाखों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है, ताकि जंगली जीवन और उसकी प्राकृतिक दिनचर्या को किसी भी तरह की बाधा न पहुँचे।
वल्न्य जीवन के लिए बड़ी अच्छी खबर है कि देवास के खेओनी वन्यजीव अभयारण्य में बहुत ही दुर्लभ ‘धोल’ यानी वन कुत्तों के झुंड देखे गए हैं, जिसे वन विभाग ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है और इससे इस क्षेत्र के जैव-विविधता और इकोसिस्टम के स्वास्थ्य के संकेत मिले हैं।
मध्य प्रदेश में दिसंबर और जनवरी के बीच संभावित शीतलहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्यभर में सतर्कता बढ़ा दी है। तापमान में 5 से 7 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट की संभावना को देखते हुए सरकार ने सभी शासकीय और निजी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा है। किसी भी तरह की लापरवाही न हो, इसके लिए मेडिकल कॉलेजों के डीन, सीएमएचओ और सिविल सर्जन को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
विस्तृत चर्चा
दिल्ली में BS6 गाड़ियाँ और PUC अनिवार्य
इस पॉडकास्ट चर्चा में दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू किए गए सख्त BS6 (भारत स्टेज 6) उत्सर्जन नियमों और यातायात प्रतिबंधों के बारे में जानकारी दी गई है।

• सख्त कार्रवाई और जुर्माना: दिल्ली प्रशासन ने बाहरी क्षेत्रों से आने वाले गैर-BS6 (Non-BS6) वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है: यदि वाहन BS6 नहीं है, तो 20,000 रुपये का जुर्माना है, और यदि BS6 होने के बावजूद PUC (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट अपडेटेड नहीं है, तो 10,000 रुपये तक का चालान काटा जा रहा है। पहले ही दिन हजारों वाहनों की चेकिंग की गई और सैकड़ों गाड़ियों को वापस लौटा दिया गया।
• अनिवार्य नियम: दिल्ली में अब केवल BS6 गाड़ियाँ ही चल सकेंगी और उनके पास वैध PUC होना अनिवार्य है। चर्चा के अनुसार, जिन लोगों के पास अपडेटेड PUC नहीं है, उन्हें पेट्रोल पंपों पर ईंधन (पेट्रोल) भी नहीं दिया जा रहा है। यह नियम सभी निजी वाहनों जैसे स्कूटी, बाइक और कारों पर लागू होता है।
• BS6 वाहन की पहचान: वाहन मालिक अपने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) या फ्यूल टैंक के पास लगे स्टीकर के माध्यम से यह जाँच सकते हैं कि उनका वाहन BS6 मानक का है या नहीं। सामान्य तौर पर, जो वाहन 1 अप्रैल 2020 को या उसके बाद रजिस्टर हुए हैं, वे BS6 कंप्लाइंट होते हैं।
• BS6 का महत्व: ‘BS’ का अर्थ ‘भारत स्टेज’ है, जो उत्सर्जन मानकों को तय करता है। BS6 वाहन, BS4 की तुलना में लगभग 25% कम नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जित करते हैं और इनमें उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान पहुँचता है।
कुल मिलाकर, यह पहल दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए की गई है, और NCR क्षेत्र के लोगों को सलाह दी गई है कि वे चालान से बचने के लिए अपने वाहनों के कागजात और विशेषकर PUC को अपडेट रखें।
इस स्थिति को एक सरल उदाहरण से समझा जा सकता है: जैसे किसी विशेष सुरक्षा वाले क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए एक विशेष ‘पास’ और ‘आईडी कार्ड’ दोनों की आवश्यकता होती है, वैसे ही दिल्ली की सड़कों पर चलने के लिए अब आपके वाहन का BS6 इंजन (पास) और वैध PUC (आईडी कार्ड) होना अनिवार्य हो गया है।
उत्तर भारत में गर्मी और प्रदूषण का कारण

यह पॉडकास्ट 2025 में उत्तर भारत में अनुभव की जा रही असामान्य सर्दियों के बारे में है, जहाँ बारिश की कमी और स्मॉग के कारण प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। अक्टूबर से दिसंबर तक चलने वाला पोस्ट-मानसून सीजन इस बार पूरी तरह शुष्क रहा है, जिससे उत्तर-पश्चिम भारत (जैसे राजस्थान, पंजाब, और जम्मू-कश्मीर) में तापमान सामान्य से 3 से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया है।
इस मौसमी बदलाव का मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का कमजोर पड़ना बताया जा रहा है। पश्चिमी विक्षोभ वे समुद्री तूफान हैं जो ईरान और अफगानिस्तान से नमी लेकर आते हैं और भारत के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश करते हैं। इस साल ये विक्षोभ काफी कमजोर रहे हैं; दिसंबर के मध्य में आए एक विक्षोभ ने बारिश तो नहीं की, लेकिन बादलों की वजह से स्मॉग को और घना कर दिया, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) बहुत खराब हो गया है।
पॉडकास्ट में सबट्रॉपिकल वेस्टरली जेट स्ट्रीम का भी उल्लेख है, जो ऊपरी वायुमंडल में तेज़ गति से बहने वाली हवाएँ हैं। इस साल ये जेट स्ट्रीम अपनी सामान्य स्थिति से बार-बार भटक रही हैं, जिसके कारण पश्चिमी विक्षोभ की शक्ति कम हो रही है और इनका प्रभाव उत्तर-पश्चिम भारत पर कम पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी की कमी भी इसी का परिणाम है। हालांकि, आईएमडी (IMD) ने संकेत दिया है कि 20 से 24 दिसंबर के बीच एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ आ सकता है, जिससे जम्मू-कश्मीर के ऊपरी हिस्सों में बर्फबारी की उम्मीद है।
इसे एक पंखे की तरह समझा जा सकता है; यदि पंखा अपनी जगह से हट जाए या उसकी गति धीमी हो जाए, तो वह कमरे के हर कोने में हवा नहीं पहुँचा पाता। इसी तरह, जेट स्ट्रीम के भटकने और विक्षोभ के कमजोर होने से उत्तर भारत में वह ठंड और नमी नहीं पहुँच पा रही है जो सामान्यतः सर्दियों में होती है।
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