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आपके स्वास्थ्य पर सरकार कैसे 89% कम खर्च कर रही?

यह ‘ग्राउंड रिपोर्ट’ के डेली मॉर्निंग पॉडकास्ट का एपिसोड-99 है। बुधवार, 24 दिसंबर को देश भर की पर्यावरणीय ख़बरों के साथ पॉडकास्ट में जानिए स्वास्थ्य मंत्रालय के खर्च का गणित और अरावली में खनन पर लगी रोक का ‘लूप होल’।


मुख्य सुर्खियां 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने संजय गांधी नेशनल पार्क के अन्दर रह रहे परिवारों को पालघर शिफ्ट करने पर चिंता जताई है। कोर्ट ने उनकी आजीविका और परिवहन में होने वाली दिक्कतों पर सवाल उठाए हैं।


भारतीय सेना अपनी हज़ारों एकड़ खाली पड़ी ज़मीन पर ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स लगाने पर विचार कर रही है। इनमें से कई प्रोजेक्ट NTPC ग्रीन के साथ मिलकर लगाए जाएंगे।


दिल्ली सरकार ने मंगलवार को जलाशयों को ठीक करने और शहर का पहला गोल ई-वेस्ट पार्क बनाने के लिए ₹100 करोड़ मंज़ूर किए। 


इसी बीच NGT ने दिल्ली की वाटर बॉडीज पर कब्ज़े के बारे में स्टेट वेटलैंड अथोरिटी से पूरी जानकारी मांगी है।


प्री-बजट एस्टीमेशन के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार की कमाई लगातार घट रही है जबकि खर्च बढ़ रहा है। GST से प्रदेश सरकार केवल साढ़े 15 हज़ार  करोड़ रुपये इकट्ठा कर पाई है जबकि लक्ष्य 40,000 करोड़ रुपये इकट्ठा करना था।  


मध्य प्रदेश में पीएम सूर्य घर योजना के तहत अब तक 76 हज़ार घरों में सोलर रूफ टॉप लगे हैं। इनसे 292 मेगावाट बिजली घरेलू उपयोग के लिए मिल रही है।


राज्य सरकार ने राज्य के 50,000 किसानों को सोलर पंप बांटने का टारगेट रखा था, लेकिन सिर्फ 12,000 किसानों ने ही मार्जिन मनी जमा की है। यह बात मंगलवार को नए और रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्टर राकेश शुक्ला ने कही।

विस्तृत चर्चा

स्वास्थ्य बजट और बुनियादी ढांचे की चुनौतियां

2013-14 से 2025-26 के बीच स्वास्थ्य बजट में 174% की वृद्धि हुई है, लेकिन यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के लक्ष्यों से बहुत दूर है। नीति के अनुसार स्वास्थ्य खर्च जीडीपी का 2.5% होना चाहिए था, लेकिन वर्तमान में यह केवल 0.27% है, जो तय लक्ष्य से 89% कम है,।

संसदीय स्थाई समिति की रिपोर्ट बताती है कि 31 जनवरी 2025 तक संशोधित अनुमान का केवल 81% फंड इस्तेमाल किया गया था। साथ ही, ‘पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन’ का भी केवल 63% फंड ही खर्च हो पाया है।

सरकार अक्सर 23 एम्स (AIIMS) जैसे बड़े संस्थानों की सफलता दिखाती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों, दवाओं और एम्बुलेंस की भारी कमी है। रिपोर्ट के अनुसार, एम्स जैसे प्रमुख संस्थानों में 73% फैकल्टी पद खाली हैं। चर्चा में प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का उदाहरण दिया गया, जिन्हें एम्स में भर्ती होने के बावजूद पर्याप्त नर्सिंग स्टाफ नहीं मिल सका था।


अरावली में खनन: कानूनी खामियां 

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि जब तक ‘सस्टेनेबल माइनिंग मैनेजमेंट प्लान’ तैयार नहीं हो जाता, तब तक कोई नई लीज या पट्टे नहीं दिए जाएंगे।

MMDR एक्ट 1957 की भूमिका: 

खनन पर रोक के बावजूद, माइंस एंड मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन (MMDR) एक्ट 1957 के तहत कुछ विशिष्ट श्रेणियों को छूट दी गई है। एक्ट के विभिन्न शेड्यूल्स के माध्यम से कुछ खनिजों को खनन की अनुमति दी गई है:

शेड्यूल 1, पार्ट B: इसमें ‘एटॉमिक मिनरल्स’ (परमाणु खनिज) की सूची है।

शेड्यूल 1, पार्ट D: इसमें ‘क्रिटिकल’ (महत्वपूर्ण) और ‘स्ट्रेटेजिक’ (रणनीतिक) मिनरल्स शामिल हैं।

शेड्यूल 7: इसमें भी कुछ विशिष्ट खनिजों की सूची दी गई है जिन्हें खनन से छूट मिली है।

चर्चा में बताया गया है कि सरकार ‘क्रिटिकल मिनरल्स’ (जो फोन और गाड़ियों में उपयोग होते हैं) को ‘रणनीतिक’ बताकर उनके खनन की अनुमति दे रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, जहां रेत और बजरी के खनन पर रोक है, वहीं अधिक गहन (intense) क्रिटिकल मिनरल माइनिंग को छूट देना पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा और कानूनी खामी है।

यह था हमारा डेली मॉर्निंग पॉडकास्ट। ग्राउंड रिपोर्ट में हम पर्यावरण से जुडी हुई महत्वपूर्ण खबरों को ग्राउंड जीरो से लेकर आते हैं। इस पॉडकास्ट, हमारी वेबसाईट और काम को लेकर आप क्या सोचते हैं यह हमें ज़रूर बताइए। आप shishiragrawl007@gmail.com पर मेल करके, या ट्विटर हैंडल @shishiragrawl पर संपर्क करके अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

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Support Ground Report to keep independent environmental journalism alive in India

We do deep on-ground reports on environmental, and related issues from the margins of India, with a particular focus on Madhya Pradesh, to inspire relevant interventions and solutions. 

We believe climate change should be the basis of current discourse, and our stories attempt to reflect the same.

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