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कश्मीर में दिल्ली जैसे प्रदूषण के हालात क्यों बने?  

यह ‘ग्राउंड रिपोर्ट’ के डेली मॉर्निंग पॉडकास्ट का 84वां एपिसोड है। शनिवार, 06 दिसंबर को देश भर की पर्यावरणीय ख़बरों के साथ पॉडकास्ट में जानिए कश्मीर में बढ़ते प्रदूषण और अवैध शिकार पर मध्य प्रदेश की कार्यवाही।


मुख्य सुर्खियां

मिजोरम में चूहों के हमलों में 5000 से भी ज्यादा किसानों की 42% फसल बर्बाद हो गई। यह हमला बम्बूसा तुल्दा नाम की बांस की एक प्रजाति, जिसे स्थानीय तौर पर थिंगटम के नाम से जाना जाता है, के झुंड में खिलने की वजह से हुआ है। इस हमले ने राज्य के सभी 11 जिलों के 180 गांवों में 1,700 हेक्टेयर से ज़्यादा खेती की ज़मीन को बर्बाद कर दिया है। 


मध्य प्रदेश में बाहर छोड़े जाने के एक दिन बाद ही चीता शावक की मौत हो गई। वीरा नाम की मादा के इस शावक सहित कुल 3 चीता सीएम ने गुरूवार को ही कुनो नेशनल पार्क में छोड़े थे।


अडानी ग्रुप के नए कोल ब्लाक के लिए प्रस्तावित 6 लाख पेड़ों की कटाई का विरोध करते हुए विपक्ष ने मध्य प्रदेश विधानसभा में वाक आउट किया।   


महाराष्ट्र सरकार ने 2 दिसंबर 2025 से सभी सार्वजनिक और निजी थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले के साथ 5–7% बांस-आधारित बायोमास या चारकोल मिलाना अनिवार्य कर दिया है। यह कदम प्रदूषण घटाने और स्वच्छ ऊर्जा की ओर संक्रमण को तेज करने की पहल माना जा रहा है।


श्रीनगर और आसपास के क्षेत्रों से नवंबर में कम से कम 50 भालू पकड़े गए हैं। वन विभाग के अनुसार देर से हुई बर्फ़बारी, खुले कचरे और आसन भोजन  की तलाश में यह रिहाइशी इलाकों तक पहुंच गए थे। विशेषज्ञ इसे जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते व्यवहार का संकेत मान रहे हैं। 


दिल्ली सरकार ने NGT को बताया कि इल्लीगल ग्राउंड वाटर एक्सट्रैक्शन को रोकने के लिए एक व्यापक बोरवेल और ग्राउंडवॉटर एक्सट्रैक्शन नीति बनाई जा रही है। 


तेलंगाना के विकाराबाद जिले में खदान के कर्मचारियों ने उल्लू के अण्डों के लिए एक महीने तक माइनिंग रोक दी। यहां वन विभाग और खननकर्मियों को एक दुर्लभ रॉक ईगल आउल के 5 अंडे दिखाई दिए थे।

विस्तृत चर्चा

कश्मीर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता (वाहिद भट के साथ)

आमतौर पर जब खराब हवा की बात होती है तो दिल्ली का ज़िक्र होता है, लेकिन अब कश्मीर की हवा भी लगभग वैसी ही खराब होना शुरू हो गई है। पिछले एक हफ्ते में कश्मीर का AQI लगभग 300 के आसपास रहा है. ख़ासतौर पर श्रीनगर में, AQI 288 रिकॉर्ड किया गया था, और यह स्तर लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और गले में खराश वाले मरीज़ आ रहे हैं, और यह समस्या काफ़ी ज़्यादा फैल गई है।

लगभग ढाई महीने से कश्मीर में बारिश या बर्फबारी नहीं हुई है। इस लम्बे सूखेपन (dryness) के कारण प्रदूषण ज़्यादा हो रहा है। लोग ठंड से बचने के लिए घरों में लकड़ियां भी जला रहे हैं, जो प्रदूषण का एक कारण है। वहीं, सरकार ने खराब AQI के लिए सड़कों पर ज़्यादा ट्रैफिक और रात को खाना पकाने या गर्मी के लिए चीज़ें जलाने (फूड जलाने) को भी ज़िम्मेदार ठहराया है।

आईएमडी के अनुसार, कश्मीर के विभिन्न इलाकों में पीएम 10 का स्तर 136 से 243 के बीच और पीएम 2.5 का स्तर 85 से 165 के बीच रिकॉर्ड किया गया। ये दोनों स्तर WHO की सुरक्षित सीमा से काफ़ी ज़्यादा हैं। कश्मीर के कुछ इलाकों में AQI काफी ज़्यादा दिखा रहा है, जैसे कि नॉर्थ कश्मीर के बारामूला इलाके में एक औद्योगिक क्षेत्र ख्वाजा बाग में aqi.in की वेबसाइट पर AQI 963 से ज़्यादा दर्ज किया गया।

यह बताया गया है कि नवंबर और दिसंबर के महीनों में, जब तक बारिश या बर्फ़ नहीं होती, तब तक हर साल AQI ऐसे ही खराब होता है। बर्फबारी शुरू होने के बाद AQI बेहतर होना शुरू हो जाता है और 2, 3, या 4 जैसे स्तरों पर वापस आ जाता है। आईएमडी (IMD) ने कहा है कि अगले एक-दो हफ्तों में वेस्टर्न डिस्टरबेंस कश्मीर की ओर आ सकता है, जिसके बाद AQI फिर से बेहतर होना शुरू होगा।


वन्यजीव तस्करी पर मप्र की कार्यवाही (चंद्रप्रताप तिवारी के साथ) 

मध्य प्रदेश की वाइल्ड लाइफ अथॉरिटीज ने अवैध शिकार के एक मामले में नॉर्थ सिक्किम की एक महिला यांगेन लांगचपा (जिन्हें यांगश या यांगली भी कहा जाता है) को गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी 2 दिसंबर को हुई थी। उन्हें ग्लोबल वाइल्ड लाइफ ट्रैफिकिंग का ‘किंग पिन’ माना जाता है और कई तस्करी के मामलों में उनका नाम शामिल रहा है। उनकी गिरफ्तारी तब हुई जब इंटरपोल ने दो महीने पहले ही उन्हें फ्लैग किया था।

यह गिरफ़्तारी एक 10 साल पुराने केस से संबंधित है। यह मामला 13 जुलाई 2015 का है, जब नर्मदापुरम (तब होशंगाबाद) के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की कामटी रेंज में बाघ की खाल, हड्डियां, बोन ऑयल एक्सट्रैक्ट और 1.5 किलो पेंगुलिन स्केल्स मिले थे। अक्टूबर 2015 में पहले की फैसिलिटेटर जाई तमांग को गिरफ्तार किया गया। उसने कंफेस किया कि वह ये वन्य प्राणियों से जुड़ी चीजें यांगशिन को देता था। 2015 से 2022 तक, स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने 36 लोगों को गिरफ्तार किया और एक सिंडिकेट सामने आया। दिसंबर 2022 में, 27 लोगों को 5 साल की सज़ा और जुर्माने की सज़ा दी गई थी। जनवरी 2024 में ताशी शेरपा का हाई-प्रोफाइल अरेस्ट भी इसी केस से जुड़ा था।

यांगशिन पर आरोप है कि वह हंटर्स को फंड करती हैं और जानवरों के अंग बाहर के खरीददारों को सप्लाई करती हैं। वह भारत से चीन की ओर जाने वाले रूट (सिक्किम, नेपाल, चीन) में कनेक्शन रखती हैं। यह केस इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत से सबसे ज़्यादा वाइल्ड लाइफ ट्रैफिकिंग होती है, जिसमें पेड एनिमल्स और बॉडी पार्ट्स दोनों शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश भारत में वाइल्ड लाइफ ट्रैफिकिंग के सबसे ज़्यादा इंसिडेंट वाले राज्य बताए गए हैं। 

यह था हमारा डेली मॉर्निंग पॉडकास्ट। ग्राउंड रिपोर्ट में हम पर्यावरण से जुडी हुई महत्वपूर्ण खबरों को ग्राउंड जीरो से लेकर आते हैं। इस पॉडकास्ट, हमारी वेबसाईट और काम को लेकर आप क्या सोचते हैं यह हमें ज़रूर बताइए। आप shishiragrawl007@gmail.com पर मेल करके, या ट्विटर हैंडल @shishiragrawl पर संपर्क करके अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

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Support Ground Report to keep independent environmental journalism alive in India

We do deep on-ground reports on environmental, and related issues from the margins of India, with a particular focus on Madhya Pradesh, to inspire relevant interventions and solutions. 

We believe climate change should be the basis of current discourse, and our stories attempt to reflect the same.

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