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Kalmaegi चक्रवात से फिलीपींस में कम से कम 188 लोगों की मौत

नमस्ते, यह ग्राउंड रिपोर्ट का डेली मॉर्निंग पॉडकास्ट है, जिसका प्रसारण 7 नवंबर, शुक्रवार को हुआ था। यह पॉडकास्ट पर्यावरण से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरों पर केंद्रित है।


हेडलाईन्स

उत्तराखंड में मगरमच्छों की दहशत: उत्तराखंड के हरिद्वार और लक्सर इलाकों में मानसून से लेकर अब तक करीब 40 ताजे पानी के मगरमच्छ घरों और खेतों में घुस चुके हैं। बाढ़ के कारण ये मगरमच्छ जलाशयों से बाहर आ गए थे। इन्हें पकड़ कर गंगा में छोड़ दिया गया, लेकिन अब डर है कि ये दोबारा आबादी वाले इलाकों में लौट सकते हैं।


दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ ठंड और शेल्टर होम: दिल्ली में ठंड ने दस्तक दे दी है और आज सीजन की सबसे ठंडी सुबह रही। न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पारा 12.7 डिग्री तक पहुँच चुका है। उत्तर पश्चिमी हवाओं के कारण अगले कुछ दिनों में तापमान 10 डिग्री से नीचे जा सकता है।


बेघरों के लिए 280 नए शेल्टर होम: दिल्ली सरकार सर्दियों से पहले बेघरों के लिए 280 नए शेल्टर होम बना रही है। अभी कुल 197 सेंटर चल रहे हैं, जिनमें पुरुषों, महिलाओं, परिवारों और खास जरूरत वाले लोगों के लिए अलग व्यवस्था है।


जापान में भालू के हमलों से सेना तलब: जापान में अप्रैल से अब तक भालू के हमलों में 12 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। हालात बिगड़ने पर सरकार ने सेना को बुलाया है ताकि भालुओं को पकड़ कर जंगलों में छोड़ा जा सके। हमलों की वजह संघर्ष क्षेत्रों का सिकुड़ना, भोजन की कमी और गाँवों में आबादी का घटना बताई जा रही है।


प्रदूषण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन: दिल्ली में छात्रों और एक्टिविस्टों ने जंतर-मंतर पर प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए और जल्द सख्त कदम उठाने की मांग की, क्योंकि बढ़ती गंदी हवा से लोगों की सेहत बिगड़ रही है।


COP सम्मेलन में भूपेंद्र यादव करेंगे भारत का नेतृत्व: पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव इस बार ब्राजील में होने वाले संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन (COP) में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस बैठक में दुनिया भर के नेता जलवायु संकट पर चर्चा करेंगे।


भारत में नेत्र चिकित्सकों की कमी: एक सर्वे के अनुसार, भारत में औसतन हर 10 लाख लोगों पर सिर्फ 15 नेत्र चिकित्सक (आई स्पेशलिस्ट) उपलब्ध हैं, और कई राज्यों में यह संख्या और भी कम है। देश भर में करीब 7900 नेत्र संस्थान हैं, लेकिन सरकारी और एनजीओ सेक्टर की हिस्सेदारी बेहद कम है।


तूफान काला मागी से फिलीपींस में तबाही: तूफान काला मागी ने फिलीपींस में 140 लोगों की जान ले ली है, और 127 लोग अब भी लापता हैं। इस तूफान ने वियतनाम के बीच के हिस्सों से भी जाकर टकराया। लाखों लोग बेघर हुए हैं, और 5 लाख से ज्यादा लोग अब भी बेघर हैं।


खनिजों की मांग में भारी वृद्धि: अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों, रिन्यूएबल एनर्जी, और हाई-टेक डिवाइसों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण 2030 तक लिथियम और कोबाल्ट जैसे जरूरी खनिजों की मांग दो से तीन गुना बढ़ जाएगी।


दुर्लभ बीमारियों के लिए नई फंडिंग कमेटी: दिल्ली हाई कोर्ट ने दुर्लभ बीमारियों (Rare Diseases) के इलाज के लिए चल रही क्राउड फंडिंग पहल को मजबूत करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कंपनियों की सीएसआर राशि (CSR amount) का इस्तेमाल करने की बात कही है, ताकि जरूरतमंद बच्चों को समय पर इलाज मिल सके।


फॉरेस्ट एक्ट उल्लंघन पर समान जुर्माना: वन सलाहकार समिति ने सिफारिश की है कि फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट के तहत जमीन के गलत इस्तेमाल पर अब सभी के लिए एक समान जुर्माना लगाया जाए। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद लिया गया है ताकि सजा न्याय संगत और समान हो।


केरल में बाढ़ का बदला पैटर्न: केरल में वह बाढ़, जो पहले 150 सालों में एक बार आती थी, अब हर 25 साल में आ रही है। मौसम के बदलते पैटर्न, तेज बारिश, और जमीन के बेतरतीब विकास को बाढ़ की घटनाओं की आवृत्ति बढ़ने का कारण बताया जा रहा है।


चर्चा

पॉडकास्ट में तीन विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई:

तूफान कालमेगी Kalmaegi (known as Typhoon Tino in the Philippines) : सहकर्मी वाहिद ने बताया कि यह तूफान फिलीपींस और वियतनाम दोनों में तबाही मचा रहा है। न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक फिलीपींस में कम से कम 188 मौतें हुईं और 127 लोग अभी भी लापता हैं। यह एक टिपिकल साइक्लोन था जो समंदर का पानी गर्म होने से बना। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और ग्रामीण आबादी का पलायन (Rural Depopulation) इस आपदा को और भी विकराल बना रहे हैं, जिससे तटीय इलाकों पर प्रभाव बढ़ रहा है।

केरल में बाढ़ की बदलती आवृत्ति: वाहिद ने टीएमके कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की एक महत्वपूर्ण स्टडी पर प्रकाश डाला, जिसमें बताया गया है कि 2018 में आई बाढ़, जिसे पहले 150 साल की घटना माना जाता था, अब हर 25 साल में आ सकती है। यह बदलते मौसम पैटर्न का नतीजा है, और केरल के पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल को अपडेट करने की सख्त जरूरत है।

दुर्लभ बीमारियों के लिए क्राउड फंडिंग पहल: सहकर्मी पल्लव ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बारे में जानकारी दी, जिसके तहत रेयर डिसीज के लिए सरकारी क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने हेतु एक विशेषज्ञ पैनल गठित किया गया है। इसका उद्देश्य उन बच्चों की मदद करना है, जिन्हें 17.5 करोड़ रुपये तक के महंगे, वन टाइम इंजेक्शन की जरूरत होती है। हाई कोर्ट ने सीएसआर फंडिंग को इसमें शामिल करने पर जोर दिया। यह पहल इसलिए अहम है ताकि एक विश्वसनीय और भरोसेमंद सरकारी प्लेटफॉर्म स्थापित हो सके, जिससे धोखाधड़ी (scams) को रोका जा सके और ज़रूरतमंदों को मानवता के आधार पर मदद मिल सके। यह समिति केवल क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म पर ध्यान केंद्रित करेगी, न कि रिसर्च पर।


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Support Ground Report to keep independent environmental journalism alive in India

We do deep on-ground reports on environmental, and related issues from the margins of India, with a particular focus on Madhya Pradesh, to inspire relevant interventions and solutions. 

We believe climate change should be the basis of current discourse, and our stories attempt to reflect the same.

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