मध्य प्रदेश के बैतूल ज़िले में हाल ही में राज्य का पहला कंजर्वेशन रिज़र्व घोषित किया गया है। ताप्ती, चिचोली और तावड़ी के करीब 250 वर्ग किलोमीटर जंगल को अब ताप्ती कंजर्वेशन रिज़र्व का दर्जा मिला है। यह इलाका बेहद अहम है क्योंकि यह सतपुड़ा और मेलघाट टाइगर रिज़र्व को जोड़ने वाला कॉरिडोर है। यानी इस रास्ते से बाघ और अन्य वन्यजीव सुरक्षित रूप से एक जंगल से दूसरे जंगल तक जा सकते हैं।
लेकिन सवाल यह उठता है कि कंजर्वेशन रिज़र्व और नेशनल पार्क या वाइल्डलाइफ़ सेंचुरी जैसे अन्य संरक्षित क्षेत्रों में अंतर क्या है। दरअसल नेशनल पार्क संरक्षण के लिहाज़ से सबसे ऊंचे स्तर पर माने जाते हैं, जहां पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने पर ज़ोर होता है। इसके बाद वाइल्डलाइफ़ सेंचुरी आती है, जो अक्सर किसी खास प्रजाति जैसे घड़ियाल या पक्षियों की सुरक्षा के लिए बनाई जाती है।
वहीं कंजर्वेशन रिज़र्व अपेक्षाकृत नया मॉडल है। इसे उन क्षेत्रों में घोषित किया जाता है जहां घने जंगलों के बीच गांव और आबादी मौजूद हो। ऐसे इलाकों में लोगों को विस्थापित करना मुश्किल होता है, इसलिए यह बीच का रास्ता अपनाया जाता है ताकि वन्यजीव और स्थानीय आबादी दोनों सहअस्तित्व में रह सकें। यहां भी नई सड़क, उद्योग या निर्माण के लिए सख्त मंज़ूरी लेनी पड़ती है।
विशेषज्ञों के अनुसार फंडिंग और स्टाफिंग के लिहाज़ से कंजर्वेशन रिज़र्व को सबसे कम संसाधन मिलते हैं। कई बार इसकी आलोचना भी होती है कि यह सरकारों के लिए आसान विकल्प है, मगर यह एक व्यावहारिक रणनीति भी है, जिससे कम संसाधनों में भी संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकता है।
बैतूल का यह कदम बताता है कि मध्य प्रदेश सरकार वाइल्डलाइफ़ कॉरिडोर और जैव विविधता को संरक्षित करने की दिशा में गंभीर है। भविष्य में ज़रूरत पड़ने पर इस क्षेत्र को अपग्रेड करके सेंचुरी या नेशनल पार्क का दर्जा भी दिया जा सकता है।
भारत में स्वतंत्र पर्यावरण पत्रकारिता को जारी रखने के लिए ग्राउंड रिपोर्ट को आर्थिक सहयोग करें।
अन्य वीडियो रिपोर्ट्स
राजगढ़: टाईप वन डायबिटीज़ से बच्चों की जंग
भोपाल का ‘कचरा कैफे’ पर्यावरण के लिहाज़ से एक खास पहल
ग्राउंड रिपोर्ट में हम कवर करते हैं पर्यावरण से जुड़े ऐसे मुद्दों को जो आम तौर पर नज़रअंदाज़ कर दिए जाते हैं।
पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फॉलो करें। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें। रियल-टाइम अपडेट के लिए हमारी वॉट्सएप कम्युनिटी से जुड़ें; यूट्यूब पर हमारी वीडियो रिपोर्ट देखें।
आपका समर्थन अनदेखी की गई आवाज़ों को बुलंद करता है– इस आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए आपका धन्यवाद।