महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के रोहा गांव के 26 साल के सुबोध एक बड़ा सपना लेकर चल पड़े हैं। वो अपनी साइकिल से 28 राज्यों का सफर करके एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचना चाहते हैं। उनका मकसद दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह करना है।
सुबोध की यात्रा सिर्फ एक एडवेंचर नहीं है। जहां भी वो जाते हैं, वहां लोगों से मिलते हैं, पेड़ लगाते हैं और लोगों को प्रकृति बचाने के लिए कहते हैं। लेकिन यह काम बहुत मुश्किल है। साइकिल से देश घूमते वक्त सुबोध देख रहे हैं कि विकास के नाम पर कैसे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।
भारत में करोड़ों रुपए लगाकर सड़कें बनाई जा रही हैं, लेकिन वे साइकिल चलाने वालों के लिए सुरक्षित नहीं हैं। सुबोध को यह बात अच्छे से पता है। इसके बावजूद वो अपने इरादे पर मजबूत हैं।
पिछले तीन साल से सुबोध अपने घर और परिवार से दूर हैं। फिर भी उन्हें यकीन है कि उसका परिवार उसके इस सफर में उसका साथ दे रहा है।
सुबोध एक खास रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। वो एवरेस्ट फतह करने वाला पहले व्यक्ति होंगे जिसने बेस कैंप तक का सफर बिना किसी पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ी के किया हो। शायद उनकी बेस कैंप तक पहुंचने की कहानी एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने की कहानी से भी ज्यादा दिलचस्प होगी।
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