...
Skip to content

इंदौर एयरपोर्ट पर चूहे ने यात्री को काटा, डॉक्टरों पर हुई कार्रवाई

Image
Source: X(@MP_Chronicals)


मंगलवार को इंदौर एयरपोर्ट पर यात्री को चूहे के काटने की घटना सामने आई है। यह अजीबोगरीब हादसा देश में पहली बार किसी एयरपोर्ट पर हुआ, जब भोपाल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अरुण मोदी को डिपार्चर हॉल में बैठे-बैठे एक चूहे ने काट लिया।

घटना के बाद एयरपोर्ट स्टाफ द्वारा अरुण को मेडिकल रूम ले जाकर घाव साफ किया गया। लेकिन एयरपोर्ट पर रेबीज का इंजेक्शन उपलब्ध ही नहीं था। नाराजगी जताने के बाद उन्हें सिर्फ टिटनेस का इंजेक्शन लगाया गया। जिसके बाद  बेंगलुरु पहुंचने पर ही अरुण को रेबीज का टीका मिल सका।

जानकारी के मुताबिक, अरुण पत्नी के साथ इंडिगो की फ्लाइट से बेंगलुरु होते हुए कालीकट जा रहे थे। उड़ान का समय दोपहर 3:05 बजे था। वे 1 बजे एयरपोर्ट पहुंचे और ग्राउंड फ्लोर के डिपार्चर हॉल में बैठे थे। तभी अचानक एक चूहा उनकी पैंट में घुस गया और पकड़ने की कोशिश पर घुटने के पीछे काट लिया।

रेबीज का खतरा क्यों गंभीर?

रेबीज वायरस मुख्य रूप से कुत्ते, बिल्ली, बंदर और चमगादड़ जैसे स्तनधारियों में पाया जाता है। चूहों में इसकी संभावना कम होती है, लेकिन पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता। इसलिए किसी भी अज्ञात जानवर के काटने पर 24 घंटे के भीतर रेबीज का इंजेक्शन लगवाना अनिवार्य है। देरी से संक्रमण जानलेवा साबित हो सकता है।

पहले भी मिल चुकी हैं शिकायतें

एक रिपोर्ट के अनुसार यह घटना इसलिए भी गंभीर मानी जा रही है क्योंकि कुछ महीने पहले इंदौर एयरपोर्ट के फूड काउंटर पर चूहों के घूमने का वीडियो वायरल हुआ था। मच्छर और कॉकरोच की शिकायत भी आती रही है। हालांकि, देश में किसी एयरपोर्ट पर यात्री को चूहे के काटने की यह पहली घटना है।

घटना के बाद पूरे एयरपोर्ट पर पेस्ट कंट्रोल कराया गया। एयरपोर्ट डायरेक्टर वी.के. सेठ ने कहा, यात्री के साथ बाइट की घटना हुई है। समय-समय पर पेस्ट कंट्रोल कराया जाता है। इसके अलावा है इस मामले में ड्यूटी पर तैनात डाॅक्टर हर्षवर्धन सिंह को हटा दिया गया है। 15 दिन पहले भी यह कराया गया था। चूहों को पकड़ने के लिए पिंजरे भी लगाए गए है।

यह पहला मौका नहीं है जब इंदौर में चूहों की समस्या ने गंभीर रूप लिया हो। 30 अगस्त को एमवाय अस्पताल के एनआईसीयू वार्ड में दो नवजातों को चूहों ने कुतर दिया था, जिसके चलते उनकी मौत हो गई थी। उस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन पर भी लापरवाही के आरोप लगे थे।

एयरपोर्ट को देश के सबसे सुरक्षित स्थानों में माना जाता है, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा और स्वच्छता व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। यात्रियों का कहना है कि जहां हजारों लोग रोजाना आते-जाते हैं, वहां ऐसी घटनाएं बेहद चिंताजनक है।

भारत में स्वतंत्र पर्यावरण पत्रकारिता को जारी रखने के लिए ग्राउंड रिपोर्ट को आर्थिक सहयोग करें।

यह भी पढ़ें

दस वर्षों से मूंडला बांध बंजर बना रहा किसानों के खेत, न मुआवज़ा, न सुनवाई

बरगी बांध: “सरकार के पास प्लांट के लिए पानी है किसानों के लिए नहीं”


ग्राउंड रिपोर्ट में हम कवर करते हैं पर्यावरण से जुड़े ऐसे मुद्दों को जो आम तौर पर नज़रअंदाज़ कर दिए जाते हैं।

पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर फॉलो करें। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें। रियल-टाइम अपडेट के लिए हमारी वॉट्सएप कम्युनिटी से जुड़ें; यूट्यूब  पर हमारी वीडियो रिपोर्ट देखें।


आपका समर्थन अनदेखी की गई आवाज़ों को बुलंद करता है– इस आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए आपका धन्यवाद।

Author

Support Ground Report to keep independent environmental journalism alive in India

We do deep on-ground reports on environmental, and related issues from the margins of India, with a particular focus on Madhya Pradesh, to inspire relevant interventions and solutions. 

We believe climate change should be the basis of current discourse, and our stories attempt to reflect the same.

Connect With Us

Send your feedback at greport2018@gmail.com

Newsletter

Subscribe our weekly free newsletter on Substack to get tailored content directly to your inbox.

When you pay, you ensure that we are able to produce on-ground underreported environmental stories and keep them free-to-read for those who can’t pay. In exchange, you get exclusive benefits.

Your support amplifies voices too often overlooked, thank you for being part of the movement.

EXPLORE MORE

LATEST

mORE GROUND REPORTS

Environment stories from the margins