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भारत में जल्द आ सकती है आफ्रिका से चीतों की नई खेप

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Cheetahs vs Nilgai: Predators Turn Saviors for Farmers in Gandhi Sagar
Cheetahs vs Nilgai: Predators Turn Saviors for Farmers in Gandhi Sagar

भारत में चीतों की नई खेप लाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मिली जानकारी के अनुसार दिसंबर 2025 तक बोत्सवाना से 8 से 10 चीतों को भारत लाया जा सकता है। इस सूची में नामिबिया भी शामिल है, जिसने सितंबर 2022 में भारत को पहला बैच भेजा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामिबिया से लाए गए 8 चीतों को छोड़ा था। इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते आए। वर्तमान में प्रदेश में कुल 27 चीते है,  जिनमें 24 कूनो और 3 गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य में मौजूद है। इनमें से 16 चीते भारत में ही जन्मे हैं।

कूनो नेशनल पार्क दुनिया में सबसे ऊंचे सर्वाइवल रेट के लिए चर्चा में है। यहां शावकों को जीवित रहने की दर 61% है, जबकि वैश्विक औसत केवल 40% है। ट्रांसलोकेटेड चीतों में से अब भी 11 जीवित है, जिनमें 6 मादा और 5 नर शामिल है। इनमें से 15 चीते फ्री-रेंजिंग हैं यानी खुले जंगल में घूम रहे है, जबकि 9 को विशेष बाड़ों में रखा गया है।

मिली जानकारी के अनुसार जो नए चीते दिसंबर तक भारत आएंगे, उनमें से आधे को कूनो और आधे को नई साइट्स में बसाया जा सकता है। इसके लिए तीन नई जगहें चुनी गई हैं, गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य और नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य (मध्य प्रदेश) तथा बन्नी ग्रासलैंड रिजर्व (गुजरात)। इनमें गांधीसागर में पहले से 3 चीते मौजूद हैं।

गौरतलब है कि कूनो में चीतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत में जन्मे कई शावक अब वयस्क हो रहे हैं। ऐसे में सभी को एक ही जगह पर रखना सुरक्षित नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, हर साल 10 से 12 चीतों को नई जगहों पर बसाने की योजना बनाई गई है। इससे कूनो पर दबाव कम होगा और देश के अन्य क्षेत्रों में भी चीतों की आबादी विकसित होगी।

भारत ने वर्ष 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया था। 70 साल बाद अफ्रीका से लाए गए चीतों के जरिए उन्हें फिर से बसाने का प्रयास किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि नियमित रूप से नई खेप मंगाने और भारत में जन्मे शावकों की देखरेख से आने वाले वर्षों में देश में चीतों की स्थायी और मजबूत आबादी तैयार हो सकती है।

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