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मध्यप्रदेश में मेलियोइडोसिस का अलर्ट, NHM ने दी चेतावनी

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Source: X(@ASMicrobiology)

बरसात और नमी के मौसम में संक्रामक रोग मेलियोइडोसिस को लेकर मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। यह बीमारी मिट्टी और पानी में पाए जाने वाले बर्कहोल्डेरिया स्यूडोमेलाई नामक बैक्टीरिया से फैलती है। यह रोग खासतौर पर डायबिटीज, किडनी रोगियों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

एम्स भोपाल की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले छह वर्षों में प्रदेश के 20 जिलों से 130 से अधिक केस सामने आ चुके हैं। अब यह बीमारी स्थानिक (एंडेमिक) स्वरूप ले चुकी है। रिपोर्ट बताती है कि मेलियोइडोसिस से पीड़ित हर 10 मरीजों में 4 की मौत हो रही है। इसके लक्षण अक्सर टीबी जैसे लगते हैं, जिससे मरीजों का गलत इलाज हो जाता है और संक्रमण शरीर में तेजी से फैल जाता है।

नए केस और WHO की चेतावनी

मिली जानकारी के अनुसार एम्स भोपाल ने 2023 से अब तक मेलियोइडोसिस पर चार विशेष प्रशिक्षण आयोजित किए हैं, जिनमें 50 से अधिक चिकित्सक और माइक्रोबायोलॉजिस्ट को प्रशिक्षित किया गया। हाल ही में भोपाल, सागर और इंदौर सहित कई जिलों से 14 नए केस रिपोर्ट हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले ही मेलियोइडोसिस को उभरती हुई उपेक्षित बीमारियों की सूची में शामिल किया है। दक्षिण-पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत, विशेषकर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा इसके नए हॉटस्पॉट बन रहे हैं।

इस बीमारी में अचानक तेज बुखार और सेप्सिस (खून का संक्रमण),फेफड़ों का संक्रमण (कम्युनिटी-एक्वायर्ड न्यूमोनिया),त्वचा और मुलायम ऊतकों में फोड़े,लिवर, प्लीहा और अन्य अंगों में डीप एब्सेस, हड्डियों और जोड़ों का संक्रमण,लंबे समय में लक्षण टीबी जैसे दिखना, वजन घटना, खांसी और लगातार बुखार का होना मुख्य रूप से शामिल है ।

इस रोग की पुष्टि के लिए खून, थूक, पस, यूरिन या रीढ़ की हड्डी के तरल का सैंपल लेकर कल्चर टेस्ट किया जाता है। माइक्रोस्कोप में यह बैक्टीरिया सेफ्टी-पिन जैसे धब्बों में दिखाई देता है। जहां संभव हो, पीसीआर टेस्ट से भी पुष्टि की जाती है।

एनएचएम की एडवाइजरी में किसानों और ग्रामीणों के लिए खास एहतियात बताए गए है । जिसमे खेत में काम करते समय हमेशा जूते और दस्ताने पहनें, खुले घाव को मिट्टी और पानी से बचाकर रखे,यदि 2–3 हफ्ते से ज्यादा समय तक बुखार है और एंटी-टीबी दवा असर नहीं कर रही, तो तुरंत मेलियोइडोसिस की जांच कराएं,डॉक्टर द्वारा बताए गए पूरे एंटीबायोटिक कोर्स का पालन करें।

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