मिट्टी का टीला धंसने से मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में एक 12 वर्षीय बालिका की मौत हो गई। हादसा 13 अक्टूबर को जिले के विजयपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुआ। बताया जा रहा है कि लक्ष्मणपुरा गांव में शिवानी कुशवाह नाम की यह बच्ची आगामी दीपावली पर्व में अपने घर को लीपने के लिए गांव में स्थित एक मिट्टी के टीले पर गई हुई थी। इसी दौरान टीला धंस जाने से यह हादसा हुआ है। इसमें कुल 6 लोग दब गए।
ग्रामीणों के मुताबिक बच्चों और महिलाओं की चीख पुकार सुनकर वे बच्चों की तरफ दौड़े और 112 टोल फ्री नंबर पर पुलिस को सूचना देकर बचाव कार्य शुरू किया,लेकिन जब तक 12 वर्षीय शिवानी कुशवाह दम तोड़ चुकी थी। घायलों का प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में उपचार कराया गया है, जो कि फिलहाल स्वस्थ बताए जा रहे है।
जिला प्रशासन ने मृतक शिवानी कुशवाह पिता पान सिंह कुशवाह के परिवार को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को पीएम आवास योजना के तहत पक्के मकान देने का आश्वासन दिया है।
गौरतलब है कि,भारतीय परम्पराओं के अनुसार दिपावली सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इसकी तैयारियों के लिए लोग लगभग एक माह पहले से ही अपने घरों की साफ सफाई में लग जाते है। ऐसे में जिनके मकान पक्के है वे रंगरोगन करते है। कच्चे मकान वाले मिट्टी से अपने घरों की लिपाई पुताई करके अपने मकानों को सुसज्जित बनाते है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार हर गरीब वर्ग के व्यक्ति को पक्का आवास बनाकर देने का वादा करती है। लेकिन जिस ग्राम पंचायत में ये हादसा हुआ वहां पिछले 3 सालों में एक भी पीएम आवास स्वीकृत नहीं हुआ।
ग्राउंड रिपोर्ट से बात करते हुए लक्ष्मणपुरा ग्राम पंचायत के सचिव पुरुषोत्तम रावत स्वीकार करते हैं कि जिन बच्चों के साथ ये हादसा हुआ है उनके परिवार को पीएम आवास अभी तक नहीं मिले हैं। रावत ने बताया कि यह नई ग्राम पंचायत बनी है जिसमें 2 हजार के लगभग जनसंख्या है। 3 साल पहले ही बनी इस पंचायत में तीन गांव शामिल है जोकि पूर्व में दो अलग-अलग ग्राम पंचायतों में शामिल थे। मगर बीते 3 सालों में किसी भी तरह की मैपिंग न होने के कारण इस सरकारी योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। वह यह भी कहते है कि जितनी भी नई ग्राम पंचायतें बनी है वहां भी यही स्थिति है।
इस मसले पर और जानकारी के लिए ग्राउंड रिपोर्ट ने विजयपुर जनपद सीईओ ऑफिसर सिंह गुर्जर से भी बात की। उनका कहना है कि लक्ष्मणपुरा में कुछ लोगों को आवास मिल चुके है वहीं कुछ लोगों के आवास सूची में अभी वेटिंग में हैं। वह कहते हैं कि उन्हें यह नहीं पता कि स्थानीय ग्रामीण मिट्टी के टीले के पास क्यों गए थे। उन्होंने हमसे बात करते हुए मामले में जांच करवाने का आश्वासन दिया।
हालांकि हादसे में पीड़ित परिवार को ग्राम पंचायत की और से 5 हजार मुआवजा राशि का चेक देकर लौटे ग्राम पंचायत सचिव ने हमे पीड़ित परिवार की तस्वीरें उपलब्ध कराईं। उन्होंने यह दावा किया कि सभी के मकान पक्के हैं। हालांकि पीड़ितों से बात करने के लिए जब हमने उनसे संपर्क मांगा तो उन्होंने रिपोर्टर के फोन और मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया। वहीं जनप्रतिनिधि कहलाने वाले सरपंच ने हमारा परिचय सुनकर ही फोन काट दिया और बात करना भी मुनासिब नहीं समझा।
आपको बता दें कि दीपावली पर्व से पूर्व अपने कच्चे मकानों की लिपाई के लिए मिट्टी लेने जाने के दौरान होने वाले हादसों का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व अक्टूबर माह वर्ष 2022 में जबलपुर जिले के बरगी थाना क्षेत्र में एक और 12 वर्षीय शिवानी दीपावली पर्व की तैयारियों के लिए अपने माता-पिता के साथ मिट्टी लेने के लिए खदान में गई थी,उसी दौरान खदान गिरी और उसकी मिट्टी में दबने से मौत हो गई थी।
बड़ा सवाल यह है कि प्रतिवर्ष राज्य सरकार कच्चे मकान में रहने वालों को पक्का मकान बनाकर देने का लक्ष्य निर्धारित करती है। बावजूद इसके ऐसे जरूरतमंद लोग सरकारी योजनाओं से ऐसे बाहर हो जाते हैं जैसे दूध में से मक्खी।
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