ग्राउंड रिपोर्ट के डेली मॉर्निंग में 27 अक्टूबर को विविध अखबारों में प्रकाशित हुई पर्यावरणीय खबरों पर चर्चा। हमारे पॉडकास्ट ‘पर्यावरण आज’ के 49 वे एपिसोड के होस्ट हैं चंद्रप्रताप तिवारी और इसे प्रड्यूस किया है हिमांशु नरवरे ने। शुरुवात हेडलाईन्स के साथ।
हेडलाइंस
चक्रवात मोथा (Cyclonic Storm Motha) और भी ताकतवर हो चुका है; तटीय राज्यों में भारी बारिश और तेज हवाओं के लिए रेड अलर्ट जारी। बंगाल की खाड़ी में यह चक्रवात लगातार शक्तिशाली हो रहा है, जिसके कारण आंध्र प्रदेश, उड़ीसा और तमिलनाडु में रेड अलर्ट जारी किया गया है, और इसका असर अन्य राज्यों में भी पड़ने की संभावना है।
भोपाल में मौसम प्रणाली (Weather System) सक्रिय; मध्य प्रदेश सहित 15 राज्यों में चार दिन तक बारिश और तापमान में गिरावट की संभावना। भोपाल में दिनभर फुहारों और कोहरे के बीच पील वेदर सिस्टम एक्टिव है, जिससे मध्य प्रदेश समेत 15 राज्यों में चार दिन तक बारिश होने की संभावना है।
भोपाल की वायु गुणवत्ता चिंताजनक: अरेरा कॉलोनी में प्रदूषण आठ सालों में तीन गुना बढ़ा; नर्मदापुरम हमीदिया रोड सबसे प्रदूषित इलाका। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, भोपाल की अरेरा कॉलोनी में एक्यूआई (AQI) 46 से बढ़कर 122 तक दर्ज किया जा रहा है।
झारखंड में थैलेसीमिया से पीड़ित पाँच बच्चों को खून चढ़ाने के बाद एचआईवी पॉजिटिव पाया गया; ब्लड बैंक की लापरवाही पर उच्च स्तरीय जांच शुरू। स्वास्थ्य विभाग ने ब्लड बैंक की लापरवाही पर जांच बैठा दी है, क्योंकि खून चढ़ाने के बाद ये बच्चे एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं।
दिल्ली में छठ घाट पर पानी न होने के कारण श्रद्धालुओं का विरोध प्रदर्शन; आम आदमी पार्टी ने सरकार पर ‘कृत्रिम यमुना’ बनाने का आरोप लगाया। श्रद्धालुओं ने सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया है, जबकि आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री के स्नान से पहले वासुदेव घाट पर फिल्टर पानी का इस्तेमाल करके कृत्रिम यमुना बनाए जाने का विरोध किया है।
प्रदूषण डेटा में हेरफेर का आरोप: दिल्ली में एक्यूआई घटाने के लिए मॉनिटरिंग स्टेशंस पर लगातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है। विशेषज्ञों ने इस पर सवाल उठाए हैं, हालांकि इससे पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर अस्थाई तौर पर गिरा है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि आनंद विहार आईबीटी मॉनिटरिंग स्टेशन के बाहर स्प्रिंकलर ट्रकों ने एक्यूआई को 370 से 197 पर ला दिया था।
उत्तराखंड की हरित योजना: बाहरी वाहनों पर ग्रीन सेस लगाने की तैयारी, राजस्व से हरित ढांचा और स्मार्ट ट्रैफिक प्रोजेक्ट्स को मिलेगा बढ़ावा। इस ग्रीन सेस से जुटाए गए राजस्व का उपयोग हरित बुनियादी ढाँचे और वायु गुणवत्ता सुधारने में किया जाएगा।
भोपाल में ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा: पहली बार कस्तूरबा नगर के डिपो से 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना। इन 100 इलेक्ट्रिक बसों के शुरू होने से शहर की सड़कों पर ग्रीन मोबिलिटी (हरित गतिशीलता) बढ़ने की संभावना है।
मध्य प्रदेश वन विभाग 30 लाख हेक्टेयर भूमि पर जंगल की सीमाएं तैयार करेगा; 37 वनमंडलों में कटाई की योजना केंद्र सरकार के पास लंबित। वन विभाग 6500 वन खंडों में सीमाएं तैयार करने की योजना बना रहा है, जबकि कटाई के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार है।
चर्चा
पॉडकास्ट में तीन प्रमुख मुद्दों—वायु प्रदूषण, यमुना नदी का प्रदूषण, और चक्रवात मोथा की स्थिति—पर चर्चा की गई:
1. वायु प्रदूषण: भोपाल और डेटा से छेड़छाड़ (Air Pollution: Bhopal and Data Manipulation)
भोपाल में प्रदूषण का स्तर: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, भोपाल की अरेरा कॉलोनी में प्रदूषण पिछले आठ वर्षों में तीन गुना बढ़ गया है, जहाँ AQI 122 तक दर्ज किया गया है। नर्मदापुरम हमीदिया रोड को शहर का सबसे प्रदूषित इलाका बताया गया है।
कारण: रीजनल ऑफिसर ने बताया कि अरेरा कॉलोनी में प्रदूषण बढ़ने का कारण वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि और स्ट्रीट वेंडरर्स द्वारा खाना बनाने के लिए कोयले का इस्तेमाल है। एक रिसर्च (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा) में यह भी पाया गया कि भोपाल में 61% प्रदूषण धूल के कणों (Dust) की वजह से है।
नीतियों पर सवाल: वक्ताओं ने चिंता व्यक्त की कि वायु प्रदूषण नियंत्रण की नीतियाँ केवल दिल्ली जैसे बड़े शहरों तक सीमित रह गई हैं। यह भी बताया गया कि भोपाल जैसे शहर में भी मॉनिटरिंग स्टेशंस की संख्या बहुत सीमित है (केवल आठ स्टेशंस, जो 2 कि.मी. के दायरे को कवर करते हैं)। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में लगभग 80% शहरों में पर्याप्त मॉनिटरिंग स्टेशंस नहीं हैं।
दिल्ली में डेटा हेरफेर: दिल्ली में प्रदूषण के आंकड़े घटाने के लिए मॉनिटरिंग स्टेशंस के बाहर लगातार पानी का छिड़काव किए जाने की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि वाटर स्प्रिंकलर ट्रक्स ने आनंद विहार आईबीटी के AQI को कृत्रिम रूप से 370 से 197 पर ला दिया था। यह आरोप लगाया गया कि सरकारें प्रदूषण कम करने के बजाय केवल मॉनिटरिंग स्टेशन के डेटा के साथ छेड़छाड़ कर रही हैं, ताकि प्रदूषण के उच्च आंकड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियाँ न बनें।
2. यमुना प्रदूषण और छठ पर्व (Yamuna Pollution and Chhath Festival)

समस्या और विरोध: छठ पर्व के दौरान, त्रिलोकपुरी ट्रैफिक सिग्नल पर श्रद्धालुओं ने विरोध किया, क्योंकि वसुंधरा घाट पर पूजा के लिए पर्याप्त पानी नहीं था।
राजनीतिक विवाद: यह मुद्दा पूरी तरह से राजनीतिक हो गया है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के छठे स्नान के लिए वासुदेव घाट पर फिल्टर पानी का उपयोग करके एक कृत्रिम कुंड बनाया गया था।
ग्राउंड रियलिटी: मीडिया रिपोर्ट्स (जैसे टाइम्स ऑफ इंडिया और हिंदुस्तान टाइम्स) का हवाला देते हुए बताया गया कि यमुना के प्रदूषण स्तर में कोई खास गिरावट नहीं आई है, और आम जनता उसी प्रदूषित पानी में डुबकी लगाने को मजबूर है। वक्ताओं ने सवाल किया कि यदि देश का प्रधानमंत्री उस पानी में नहीं नहा सकता है, तो आम जनता को उस जहरीले पानी में कैसे उतारा जा सकता है, जिससे त्वचा रोग हो सकते हैं।
इरादा: इस त्यौहार की सफाई को लेकर किए जा रहे प्रबंधों का मुख्य उद्देश्य बिहार में चुनावों के मद्देनजर दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचलियों को एक सकारात्मक संदेश देना माना गया, न कि नदी को स्थायी रूप से प्रदूषण मुक्त करना।
समाधान: विशेषज्ञों ने जोर दिया कि नदी प्रदूषण के मुख्य कारण औद्योगिक प्रदूषण और सीवेज का सीधा नदियों में मिलना हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को केवल जागरूकता अभियानों के बजाय, बुनियादी ढांचे (Infrastructure) के विकास पर ध्यान देना होगा, जैसे कि नालों की टैपिंग और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स लगाना, ताकि साल भर नदी साफ रह सके।
3. चक्रवात मोथा (Cyclonic Storm Motha)

स्थिति और चेतावनी: चक्रवात मोथा बंगाल की खाड़ी में तेजी से शक्तिशाली हो रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह 28 अक्टूबर की सुबह या दोपहर तक आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में लैंडफॉल करेगा।
प्रभाव: लैंडफॉल के दौरान हवा की गति 90 से 110 कि.मी. प्रति घंटे तक पहुँच सकती है। आंध्र प्रदेश के 23 जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किए गए हैं।
नामकरण: इस तूफान का नाम ‘मोथा’ (Motha) थाईलैंड ने प्रस्तावित किया था, जिसका थाई भाषा में अर्थ “एक सुंदर फूल” है।
सरकारी तैयारी: अधिकारियों ने तटीय क्षेत्रों में लोगों को निकालना (evacuate) शुरू कर दिया है, मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, और स्कूलों-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है, और लगभग 40 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
विस्तृत असर: चक्रवात का असर न केवल तटीय क्षेत्रों (उड़ीसा, तमिलनाडु) पर पड़ेगा, बल्कि अंतर्देशीय क्षेत्रों (Inland Areas) में भी अत्यधिक बारिश, अचानक बाढ़ (Flash Floods), और भूस्खलन (Landslides) का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे लैंडलॉक राज्यों में भी इसकी वजह से बारिश में वृद्धि होने की संभावना है।
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