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ग्रामीण भारत

स्वस्थ भारत की राह में रोड़ा है कुपोषण

By Charkha Feature

सरकारों की ओर जारी आंकड़ों में कुपोषण के विरुद्ध जबरदस्त जंग दर्शाया जाता है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अभी भी हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाएं और 5 पांच तक की उम्र के अधिकतर बच्चे कुपोषण (Malnutrition) मुक्त नहीं हुए हैं.

महंगे सिलेंडर के कारण फिर से मिट्टी के चूल्हे जलाती महिलाएं

By Charkha Feature

ऐसा लगता है कि गरीब मजदूर-किसानों के घरों को धुंआ मुक्त चूल्हा उपलब्ध कराने के उद्देश्य केंद्र सरकार ने जिस उज्ज्वला योजना (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana) की शुरुआत की थी वह महंगे गैस सिलेंडर की भेंट चढ़ती नजर आ रही है.

पर्याप्त सुविधाओं के अभाव से प्रभावित होती बालिका शिक्षा

By Charkha Feature

हाल ही में आईसीएसई समेत विभिन्न राज्यों के दसवीं और बारहवीं के परिणाम घोषित हुए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में छात्राओं ने उम्मीद से कहीं अधिक बढ़कर प्रदर्शन किया है.

अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

By Charkha Feature

क्या केवल गाँव गाँव तक पक्की सड़कों का जाल बिछा देने से विकास के अंतिम लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है? क्या गाँव में सड़क निर्माण के समय नालियों के निकासी की व्यवस्था को नजरंदाज कर कार्य को पूर्ण माना जा सकता है?

क्यों ठहर जाता है स्लम बस्तियों में विकास का पहिया?

By Charkha Feature

बस्तियां (Slum) केवल राजधानी दिल्ली या मुंबई जैसे महानगरों में ही नहीं होती हैं बल्कि बिहार की राजधानी पटना (Patna) समेत देश की लगभग सभी राज्यों की राजधानी में आबाद होती हैं. इन बस्तियों में अधिकतर आर्थिक रूप से बेहद कमजोर तबका निवास करता है.

बढ़ने लगी हैं पुंछ में भी केसर उत्पादन की संभावनाएं

By Charkha Feature

केसर (saffron) को दुनिया के सबसे महंगे मसालों में एक माना जाता है. इसे कश्मीरी में कोंग, उर्दू में जाफरान तथा हिंदी में केसर के रूप में जाना जाता है. यह एक सुगंधित फूलों का एक छोटा सा हिस्सा होता है.

तपती गर्मी में खारा पानी की सज़ा

By Charkha Feature

राजस्थान (Rajasthan) में जैसे जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे कालू गाँव और उसके जैसे अन्य गांवों में पीने के पानी की समस्या (Water Crisis) भी विकराल होती जा रही है.

सरकारी अड़चनों में उलझ कर रह गया जन वितरण प्रणाली का लाभ

By Charkha Feature

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के द्वारा 80 करोड़ लोगों को राशन दिया जा रहा है. लेकिनकई जगह जन वितरण प्रणाली से लोगों को पूरी तरह से लाभ नहीं मिल रहा है.

बिहार : गांव की लड़कियों ने रग्बी फुटबॉल में बनाई पहचान

By Charkha Feature

आज तुर्की के आसपास के गांव से निकलकर अब तक तीन लड़कियां एवं दो लड़के विदेशी जमीन पर अंतर्राष्ट्रीय रग्बी फुटबॉल मैच खेल चुके हैं।