पैरिस समझौते के बाद से बड़े बैंकों ने लगभग 7 ट्रिलियन डॉलर के साथ जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) का वित्तपोषण किया है। दुनिया के शीर्ष 60 निजी बैंक 4,200 से अधिक जीवाश्म ईंधन फर्मों और वित्तपोषण कंपनियों को अंडरराइट कर रहे हैं और ऋण दे रहे हैं।
2024 का गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार (Goldman Environment Prize), जिसे ग्रीन नोबेल के रूप में भी जाना जाता है, को छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला (Alok Shukla) को मिला है। आलोक को यह पुरस्कार हसदेव अरण्य की रक्षा के लिए मिला है।
Explained: कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। आइये एक-एक करके समझते हैं कि इनमें वंचित वर्गों के बुनियादी मुद्दों और पर्यावरण के मद्देनजर क्या वादे किये गए हैं।
रीवा के वर्तमान सांसद जनार्दन मिश्रा, दूसरी बार रीवा से लोकसभा के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। आइये देखते हैं वर्तमान कार्यकाल में सदन में वे कितने सक्रिय थे, और उन्होंने पर्यावरण और रीवा की जनता के कितने बुनियादी मुद्दे उठाये हैं।
यमुना नदी (Yamuna River) को लेकर एनजीटी (NGT) का एक हालिया फैसला आया है। इस फैसले में एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने आगरा (Agara) और मथुरा-वृंदावन नगर निगम पर भारी जुर्माना लगाया है।
23 अप्रैल को प्रकाशित डब्ल्यूएमओ (WMO) की स्टेट ऑफ द क्लाइमेट इन एशिया, 2023 की रिपोर्ट अनुसार एशिया (Asia) वैश्विक औसत से अधिक तेज़ी से गर्म हो रहा है।
मध्यप्रदेश के इंदौर (Indore) से बड़ा अपडेट आया है। इंदौर से कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम (Akshay Kanti Bam) ने अपना नामांकन वापस लेते हुए, भाजपा की सदस्यता ले ली है।
राजस्थान के पाली जिले की पहाड़ियों में बड़ी संख्या में तेंदुए रहते हैं। कुछ ट्रेवल वेबसाइट्स इनकी संख्या 60 से भी अधिक बतातीं हैं। क्षेत्र के इसी महत्व को देखते हुए राजस्थान सरकार 2018 में यहां जवाई लेपर्ड सेंचुरी (Jawai Leopard Sanctuary) भी बनाई।
केरल (Kerala) सरकार ने 7 मई को कहा कि राज्य त्रिशूर, मलप्पुरम और कोझिकोड से वेस्ट नाइल बुखार (West Niel Fever) के मामले सामने आए हैं।अब तक केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में वेस्ट नाइल वायरस (WNV) संक्रमण के कम से कम 10 मामले सामने आए हैं।
उत्तराखंड (Uttarakhand) के अल्मोड़ा (Almoda) में बसे एक गांव चनोला खजूरानी के निवासी शंकर सिंह बिष्ट अपनी पढ़ाई छोड़ गांव वापस लौट आए और क्षेत्र के पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं।