मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में लंबे समय से शीत लहर चल रही है, जहां 13 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है और राज्य मौसम विभाग ने दो दिनों के लिए अलर्ट जारी किया है। राजधानी भोपाल में लगातार सात दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जहां न्यूनतम तापमान 8-10 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में भी रात का तापमान 10 डिग्री से कम दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञानी दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि ठंडी-उत्तरी हवायें तापमान में गिरावट का कारण बन रही है। ताज़ा बर्फबारी के बाद ये हवाएँ हिमालय से नीचे आती है और फिर राजस्थान पर बने एक प्रतिचक्रवाती तूफान की मदद से मैदानी इलाकों से होकर गुज़रती है। शहडोल में पारा 7.2 डिग्री सेल्सियस, शिवपुरी में 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा और भोपाल में यह गिरकर 9.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। इंदौर में 8.2 डिग्री सेल्सियस, जबलपुर में 9.4 डिग्री सेल्सियस, ग्वालियर में 10.5 डिग्री सेल्सियस और उज्जैन में 11.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों का तापमान
14 नवम्बर को प्रदेश में शीत लहर रही है l वहीं अलग अलग जिले में तापमान भी अलग रहा है l
| शहर | Maximum (ज्यादा ) | Minimum (कम ) |
| भोपाल | 27.8 | 9.6 |
| इंदौर | 27.8 | 8.2 |
| ग्वालियर | 29.5 | 10.5 |
| उज्जैन | 30.0 | 11.8 |
| जबलपुर | 27.0 | 9.4 |
भोपाल में शीत लहर का असर साफ़ दिखाई दे रहा है, जहां निवासियों ने पूरे हफ़्ते लगातार ठंड का सामना करने की बात कही है। मौसम विभाग ने राजधानी और कई अन्य ज़िलों में लगातार आठ दिनों तक शीत लहर की चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी इंदौर, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, कटनी, जबलपुर, उमरिया, शहडोल, मंडला, डिंडोरी और अनूपपुर में लागू है।
मैदानी इलाकों के विपरीत, हिल स्टेशन पचमढ़ी में मौसम अलग है। रातें अपेक्षाकृत गर्म रहती है, लेकिन दिन के तापमान में गिरावट आती है। एक रात पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि दिन का अधिकतम तापमान 23-24 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। राज्य के अन्य हिस्सों, जैसे सीधी और मलाजखंड में, दिन में तापमान 23-24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।
व्यापक रुझान पर गौर करें तो, नवंबर में राज्य भर में न्यूनतम तापमान में शुरुआती और तेज़ गिरावट देखी गई है, जो पिछले दस वर्षों की तरह ही है। अक्टूबर में राज्य में सामान्य से अधिक वर्षा (सामान्य 1.3 इंच के मुकाबले 2.8 इंच) दर्ज की गई और भोपाल सहित कई शहरों में दिन का तापमान सामान्य से कम रहा, जहां 30 अक्टूबर को 24 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो उस तारीख का 25 वर्षों में सबसे कम तापमान था।
मध्य प्रदेश में ठंड का कहर
मौसम संबंधी रिकॉर्ड बताते हैं कि ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का तापमान एक बार 3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था, और उज्जैन में 52 साल पहले एक बार न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था।
पूर्वानुमान कुछ राहत देता है। 17 नवंबर से प्रमुख शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से थोड़ा ऊपर जाने की उम्मीद है, जबकि दिन का अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के मध्य तक पहुंच जाएगा। उत्तर से आने वाली हवाएं कमज़ोर होने और आसमान साफ़ रहने के साथ शीत लहर की चेतावनी कम होने की उम्मीद है। फिलहाल, ठंड बरकरार है – लेकिन मौसम में बदलाव आने वाला है।
प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट व सुझाव
आईएमडी ने विशेष सुझाव दिए हैं कि ठंड की वजह से फ्लू, सर्दी, नाक बहना जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। शारीरिक थकान, कंपकँपी, या त्वचा में सुनापन आना हाइपोथर्मिया (अत्यधिक ठंड के कारण शरीर का तापमान बहुत नीचे जाना) या फ्रोस्टबाइट का संकेत हो सकता हैl ऐसे मामलों में तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है।
मौसम विभाग ने यह भी सुझाव दिया है कि इस अवधि के दौरान बाहरी गतिविधियों को कम करना चाहिए, गर्म कपड़े पहनें, सिर-गर्दन-हाथों-पैरों को अच्छी तरह ढकें, और अगर बारिश वाले क्षेत्रों (जैसे तमिलनाडु-केरल) में है l तो फसल, पशुधन व मछली पालन में विशेष सावधानी बरतें।
कृषि व अन्य असर
ठंड के साथ-साथ, कृषि क्षेत्र में भी असर देखने को मिल सकता है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान व हरियाणा के किसानों को सलाह दी गयी है कि शाम को हल्की-हल्की सिंचाई करें, तरूण पौधों को स्ट्रॉ या पॉलिथीन शीट से ढकें, ताकि मिट्टी का तापमान बनाए रखा जा सके।
आईएमडी ने बताया है कि उत्तर-पश्चिम, मध्य व पूर्व भारत में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होगा। इसलिए ठंड लगातार बनी रहने की संभावना है l नागरिकों, किसानों व अन्य हितधारकों को इस अवधि में आवश्यक तैयारियों के साथ सतर्क रहने की जरूरत है।
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