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Extreme Weather Events: मार्च के दूसरे हफ़्ते में चरम मौसम घटनाओं ने दुनियाभर में मचाई तबाही

Extreme Weather Events: मार्च के दूसरे हफ़्ते में चरम मौसम घटनाओं ने दुनियाभर में मचाई तबाही
Extreme Weather Events: मार्च के दूसरे हफ़्ते में चरम मौसम घटनाओं ने दुनियाभर में मचाई तबाही

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Extreme Weather Events: अभी साल 2024 अपने पहले चरण में ही है, और दुनिया ने एक के बाद एक लगातार चरम प्राकृतिक आपदाओं का अनुभव कर लिया है। मार्च के शुरुआती 2 हफ्तों में ही दुनिया के अलग-अलग कोनों से कई प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं की ख़बरें आईं है, जिनमे जान और माल का काफी नुकसान हुआ है। आइये एक-एक करके मार्च के शुरुआती 2 हफ़्तों की घटनाओं पर नजर डालते हैं।

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के रॉलीना में 1 दिन में हुई 6 महीने जितनी बारिश


Source- https://twitter.com/i/status/1769751258083066136

8 मार्च की सुबह 9 बजे से पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के रौलीना में 155 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन क्षेत्रों में 1 दिन में लगभग 6 महीने जितनी बारिश हुई है। इस घटना के कारण 7 लोग लापता हो गए थे, और भारी बारिश के कारण पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की रेल लाइन बंद होने और सड़क परिवहन बाधित होने के कारण इन्हे खोजने में भी समस्या आ रही थी।

भारी बारिश के चलते UAE में तूफ़ान और बाढ़


Source- https://twitter.com/GlobalCrisis/status/1766831085395067352

9 मार्च से भारी बारिश और गड़गड़ाहट के चलते UAE के कई क्षेत्रों को, तूफान, बाढ़ जैसी प्रतिकूल मौसमी अवस्थाओं का सामना करना पड़ा। UAE के स्थानीय प्रशाशन ने वहां ऑरेंज अलर्ट घोषित किया और लोगों अपने घरों में रहने की सलाह दी।

2 महीने में दूसरी बार बाढ़ से बेहाल हुआ इंग्लैंड का न्यू हैम्पशायर


Source- https://twitter.com/weathernetwork/status/1767929166370902336

इंग्लैंड के न्यू हैम्पशायर का हैम्पटन बीच का तटीय क्षेत्र एक बार फिर बाढ़ से भर गया। दरअसल शहर की ये स्थिति एक शीतकालीन तूफान के कारण भारी बर्फबारी और वर्षा हुई और शहर बाढ़ से भर गया।

10 मार्च की सुबह, तकरीबन 55 MPH की तीव्रता की तटीय हवाओं ने, न्यू हैम्पशायर की गलियों और मकानों को जलमग्न कर दिया। इसी दोपहर हुई हाई टाइड की घटना के कारण स्थानीय पुलिस रूट 101 और 1A से बीच जाने वाले रस्ते को बंद कर दिया था। इसी साल 10 जनवरी को भी न्यू हैम्पशायर में बाढ़ के कारण ऐसी ही परिस्थितियां बनीं थी।

सुमात्रा में आई बाढ़ और भूस्खलन ने ली 26 से अधिक जानें


Source- https://twitter.com/FloodList/status/1767189521915851098/photo/1

11 मार्च को इंडोनेशिया के सुमात्रा में, मूसलाधार मानसूनी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ गई और क्षेत्र को भूस्खलन जैसी आपदाओं का सामना भी करना पड़ा। बाढ़ ने वेस्ट सुमात्रा प्रोविंस के 9 शहरों को जलमग्न कर लिया। सड़कें और पुल प्रभावित होने के कारण राहत कार्यक्रम में भी काफी अड़चने आईं।

इस बाढ़ से 2 घर बह गए और लगभग 666 घर बुरी तरह प्रभावित हुए। 37000 से अधिक घर और इमारतें जलमग्न हो गईं। वहीं भूस्खलन के कारण वेस्ट सुमात्रा की 14 घर धराशायी हो गए। इस हादसे में 26 से अधिक जानें गई है और कई लोगों की अभी भी तलाश जारी है।

अर्जेंटीना में 3 महीने में ही आई एक के बाद एक 8 बाढ़

12 मार्च को अर्जेंटीना का ब्यूनस आयर्स में 130 MM की भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई। बाढ़ इतनी गंभीर थी की शहर के लोगों को कमर तक के पानी से गुजरना पड़ा। इस मूसलाधार बारिश के चलते ब्यूनस आयर्स में उहापोह के स्थिति बन गई, फ्लाइट्स रद्द हुईं, सार्वजनिक यातायात बाधित हुआ और शहर के 11 स्ट्रीट्स बंद रहे।

Argentina Floods

ब्यूनस आयर्स में फरवरी के शुरू के हफ़्तों में भी भरी बारिश हुई थी जिससे 2 लोगों की जान गई थी। मार्च के शुरुआत में भी ब्यूनस आयर्स के कोरिएंटेस प्रान्त में अचानक आई बाढ़ से 2 लोगों की जान गई थी और 800 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे।

साल 2024 में अब तक उत्तरी अर्जेंटीना में आठ महत्वपूर्ण बाढ़ की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें कोरिएंटेस, ब्यूनस आयर्स, जुजुय और कॉर्डोबा प्रांत में आई बाढ़ की घटनाएं शामिल हैं।

अर्जेंटीना इस बाढ़ सोयाबीन की खेती भी बड़े पैमाने पर प्रभवित होगी और इससे वैश्विक फ़ूड सप्लाई चैन में भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

तूफान फिलिपो ने मोजाम्बिक में ढाया भारी कहर

13 मार्च 2024 को उष्णकटिबंधीय तूफान फिलिपो ने मोजाम्बिक में भारी कहर ढाया। मोजाम्बिक के इनहांबाने प्रोविंस में समुद्री जल वहां की मैं जमीन पर आ गया और हजारों जिंदगियों को असहाय कर गया। इससे ठीक एक साल पहले चक्रवात फ्रेडी ने मोजाम्बिक और मलावी के कई क्षेत्रों भीषण कहर ढाया था, और लाखों लोगों की भोजन और आवास तक पहुंच को बाधित किया था।

इस घटना को लेकर ऑक्सफेम की दक्षिण एशिया की प्रोग्राम डायरेक्टर ने बयान दिया है कि, “लगातार आपदाओं ने प्रभावित समुदायों के लिए इससे उबरना और अपने जीवन का पुनर्निर्माण करना लगभग असंभव बना दिया है।”

अभी यह साल का तीसरा ही महीना है और वो भी आधा ही बीता है। इतने छोटे अंतराल में ही प्रकृति ने अपना प्रकोप दुनिया को दिखा दिया है। यह हमारे लिए साफ संकेत है कि हम दूर की सोच रखते हुए प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करके चलें। ये दुनिया भर की सरकारों के लिए भी एक अलार्म है की वे संभावित आपदाओं की एक बेहतर पूर्व योजना लेकर चलें, ताकि उनके नागरिक कम से कम प्रभावित हों।

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  • Journalist, focused on environmental reporting, exploring the intersections of wildlife, ecology, and social justice. Passionate about highlighting the environmental impacts on marginalized communities, including women, tribal groups, the economically vulnerable, and LGBTQ+ individuals.

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