पानी की कमी वाले इस गांव में केवल एक हैंडपंप काम कर रहा है और दूसरा सूख गया है। गांव की महिलाएं सुबह-सुबह पानी लाने के लिए करीब 1 किलोमीटर तक पैदल चलती हैं।
बुन्देलखण्ड के सुदूर गांवों की जमीनी हकीकत जल जीवन मिशन डैशबोर्ड पर उपलब्ध जानकारी से उलट है। नजदीक ही एक तालाब होने के बावजूद, प्राथमिक विद्यालय में अभी भी पानी की सुविधा नहीं है, इसलिए शौचालय बनने के बावजूद बंद रहते हैं।